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करोड़ों का नशीला सामान बता रही थी पुलिस, निकला बेकिंग सोडा

'राणा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन एसपी शिमला ने मुझपर ये मामला दर्ज किया था, लेकिन पुलिस अपने ही जाल में खुद फंस गई है।'

By Gaurav Dwivedi
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शिमला। कोटखाई गैंगरेप मर्डर केस में आरोपी की हत्या के मामले से बदनामी झेल रही शिमला पुलिस का एक और कारनामा सामने आया है। जिसे सुनकर लोग हैरान हैं। एक बार फिर शिमला पुलिस के तौर-तरीके पर सवाल उठने लगे हैं। कुछ महीने पहले बड़े जोर-शोर से शिमला पुलिस ने शोघी बैरियर पर भारी मात्रा में नशीला पदार्थ पकड़ने का दावा किया था। ये नशीला पदार्थ किसी तस्कर के कब्जे से नहीं बल्कि सोलन में तैनात एचआरटीसी के रीजनल मैनेजर के वाहन से बरामद किया गया था और उन्हें इसके लिए बाकायदा गिरफ्तार किया गया था। लेकिन बाद में ये नशीला पदार्थ नहीं बल्कि बेकिंग सोडा निकला।

हैरानी की बात है कि शिमला के शोघी में करीब चार किलो नशीला पदार्थ पकड़े जाने की बात सामने आई थी। जिसमें आरएम सोलन महेंद्र राणा को जिला अदालत ने बरी कर दिया है। इसी के साथ अब एचआरटीसी ने भी आरएम राणा को हरी झंडी दे दी है। अब जल्द ही वो अपनी नौकरी पर हाजिर होंगे और सोलन में अपनी सेवाएं देंगे। इसके लिए राणा ने एचआरटीसी के उच्च अधिकारियों का भी धन्यवाद किया है। राणा ने बताया है कि अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है। पुलिस ने जिसको चिट्टा कहकर मेरे पर आरोप लगाया था वो फॉरेंसिक जांच में बेकिंग सोडा निकला है। राणा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन एसपी शिमला ने मुझपर ये मामला दर्ज किया था, लेकिन पुलिस अपने ही जाल में खुद फंस गई है। राणा ने कहा कि आने वाले दिनों में पुलिस की काली करतूतें भी खोली जाएंगी और एसपी के खिलाफ 50 लाख की मानहानी का मुकद्दमा चलाएंगे।

क्या है पूरा मामला...

शिमला के शोघी में बीते 30 अप्रैल को सरकारी गाड़ी में चार किलो चिट्टा पकड़ा गया था। इसमें एचआरटीसी के आरएम महेंद्र सिंह राणा पर भी पुलिस ने सवाल उठाए थे और मुकद्दमा दर्ज किया था। इसके बाद छानबीन हुई तो चिट्टे की जगह बेकिंग पाउडर निकला और उनकी गाड़ी में लगे जीपीआरएस सिस्टम से भी वो बेगुनाह साबित हो गए। राणा ने बताया कि पुलिस के मुताबिक 30 अप्रैल की रात 12:45 बजे जब वो सोलन से शिमला आ रहे थे तो शोघी में पुलिस ने नाका लगाकर उनकी गाड़ी में से नशीला पदार्थ पकड़ा और गाड़ी चालक ने कहा कि बैग आरएम का है।

राणा ने कहा कि ये पुलिस की मनगढ़ंत कहानी है। जबकि वास्तविकता ये है कि 30 अप्रैल को शाम 7:30 बजे वो अपनी गाड़ी में उनके दोस्त राजीव और एक अन्य जो राजीव का दोस्त है उसके साथ शिमला से सोलन जा रहे रहे थे। तभी सीआईए के स्टाफ ने शोघी में उनकी गाड़ी रोककर उनके साथ मारपीट की और जो बैग तीसरे व्यक्ति के पास था, जिसका नाम विकास था उसे उनका बैग बताकर कहा कि इसमें चिट्टा है और उन्हें बालूगंज थाना ले गए। वहां पर डीएसपी रतन नेगी ने उनके साथ मारपीट की और 5 से 7 लाख रुपए की मांग की। उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ी में जीपीएस लगा है जो सही लोकेशन बताता है उनकी गाड़ी 10 बजे बालूगंज थाना में खड़ी हो गई थी जो कई दिन तक हिली नहीं तो पुलिस ने 12:45 बजे पर शोघी में नाका लगाकर पकड़ा।

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English summary
Police was telling Narcotics, it was Baking Soda
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