मोदी भी देख चुके हैं इनका नृत्य, एवरेस्ट जरूर फतेह करेंगी श्रुति
बारालचा समेत खारदुंग-लॉ में आम व्यक्ति की पैदल चलने पर सांस फूल जाती है, वहीं ट्रांस हिमाचल की चोटियों पर नंगे पांव कथक नृत्य की विधाओं को पेश करना इनका जुनून है। जो अब माउंट एवरेस्ट की तरफ देख रहा है
शिमला। नृत्य उनकी साधना है, जुनून ऐसा कि माउंट एवरेस्ट पर जाकर अपने नृत्य की प्रस्तुति देने का संकल्प मन में है। बलारचा दर्रे पर हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच अपने नृत्य की प्रस्तूति देकर रिकॉर्ड बनाने वाली हिमाचल की बेटी श्रुति गुप्ता के नाम कई उपलब्धियां रही हैं। जिनके चलते श्रुति गुप्ता को इस बार लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के 28वें संस्करण के कवर पेज पर स्थान मिला है।
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के कवर पेज पर मात्र तीन लोगों की उपलब्धि का जिक्र इस बार किया गया है, जिनमें प्रदेश के सोलन की रहने वाली श्रुति गुप्ता भी शामिल हैं। इससे पहले श्रुति ने जहां सांस लेना भी आसान नहीं है वहां सात मिनट तक लगातार कथक करके अपना नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया। जहां श्रुति ने रिकॉर्ड बनाया था वो जगह हिमाचल प्रदेश के सुदूर इलाके लाहौल-स्पीति का बारालाचा दर्रा है जो 17,198.16 फीट ऊंचाई पर है।
इस प्रस्तुति के साथ श्रुति ने पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ा जो बिलासपुर में 7,217.84 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया था। खारदुंग-लॉ में श्रुति ने अपनी कथक की विद्याओं को देश के सैनिकों को समर्पित किया था। 4,850 मीटर ऊंचे बारालचा दर्रे पर श्रुति ने 18 अक्तूबर, 2015 को अपनी प्रस्तुति दी थी। बारालचा समेत खारदुंग-लॉ में आम व्यक्ति की पैदल चलने पर सांस फूल जाती है, वहीं ट्रांस हिमाचल की चोटियों पर नंगे पांव कथक नृत्य की विधाओं को पेश करना किसी चुनौती से कम नहीं था। लिम्का बुक श्रुति का नाम सबसे अधिक ऊंचाई पर कथक करने के लिए 2016 के वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया था। इस परफॉर्मेंस को प्रकृति निर्वाण रूपम नाम दिया गया।
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आपको बता दें कि श्रुति साल 2016 में भी ये उपलब्धि हांसिल कर चुकी हैं। डांस की उपलब्धियों और बेटी बचाने का संदेश देने के लिए श्रुति को प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मानित भी किया और व्यक्तिगत तौर पर श्रुति की पीठ थपथपाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित अपने दफ्तर उन्हें आमंत्रित किया था। इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने श्रुति गुप्ता की प्रतिभा और साथ ही उनकी ओर से किए जा रहे समाज सेवा के कामों की सराहना की। श्रुति गुप्ता ने इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी के साथ अपने भविष्य की योजनाओं व एजेंडों पर भी विचार किया। इसके अलावा श्रुति ने आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई। साथ ही उन्होंने सेव गर्ल चाइल्ड और सेव नेचर का संदेश लोगों तक पहुंचाया।
पंजाब यूनिवर्सिटी पटियाला के नृत्य विभाग की छात्रा श्रुति का कथक के प्रति जुनून बचपन से ही रहा है। श्रुति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरु पंडित राजेंद्र गनगनी और परिवार को दिया। श्रुति को बचपन से डांस के प्रति रुचि रही है। इस रिकॉर्ड को बनाने के बारे में उन्होंने डांस एकेडमी ज्वाइन करने के बाद ये तय किया था। श्रुति ने बतायाय कि जीरो डिग्री टेंप्रेचर में कथक की पारंपरिक ड्रेस पहनकर कथक करना बेहद मुश्किल था।
माइनस 24 डिग्री तापमान पर नंगे पांव कथक नृत्य रोमांचभरा अनुभव रहा। श्रुति ने कहा कि अब उनका सपना माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करके उस पर कथक करना है। अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जल्द ही वो तैयारी शुरू करने जा रही हैं। हो सका है कि इस प्रोजेक्ट को वो अगले साल पूरा करना चाहेंगी। श्रुति अपनी इस उपलब्धि पर काफी खुश हैं और अपने सपने को पूरा करने के लिए भी उत्साहित हैं।
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