कोटखाई केस में पहली हत्या, पुलिस लॉकअप में मार दिया गया एक आरोपी
इस बीच OneIndia को अपने सूत्रों से पता चला है कि बीती देर रात पुलिस थाना कोटखाई में बंद आरोपियों में से दो की आपस में मारपीट हुई थी।
शिमला। कोटखाई में स्कूली छात्रा से गैंगरेप व मर्डर मामले के एक आरोपी की मंगलवार देर रात मौत हो गई है। हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि मरने वाला आरोपी कौन है और कैसे मारा गया लेकिन सूत्रों की माने तो जेल में दो आरोपियों की आपसी भिड़ंत में एक आरोपी की मौत हुई। मरने वाले की पुष्टि पुलिस भी कर चुकी है लेकिन पहचान अभी साफ नहीं की गई है।
सोशल मीडिया पर भी ये खबर धड़ल्ले से चल रही है कि पुलिस हिरासत में एक आरोपी की मौत हो चुकी है। मौत किसकी हुई ये नहीं बताया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के बेटे अरुण धूमल ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि कोटखाई मामले में एक आरोपी की जेल में संदिग्ध मौत इस सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह है। ये सरकार एक मिनट भी सत्ता में नहीं रहनी चाहिए। लोगों का विश्वास पूर्ण रूप से खो चुकी है। मुख्यमंत्री तुरंत इस्तीफा दें।
उन्हीं की वॉल पर निशांत शर्मा ने लिखा है कि अब तो ये सिद्ध हो गया कि माफिया के पैर देवभूमि में कहां-कहां तक पसर चुके हैं। डूब मरना चाहिए प्रदेश कांग्रेस सरकार को। बर्खास्त करो इस सरकार को। वहीं सुनील ठाकुर ने लिखा है कि वीरभद्र सरकार को बर्खास्त करो। एक और फेसबुक यूजर देवेंद्र वर्मा जो कि ठियोग के हैं उन्होंने लिखा है कि मामले के आरोपी नेपाली की पुलिस हिरासत में ही हत्या हो चुकी है। कर्मचंद भाटिया ने लिखा है कि वही हुआ जो हम कह रहे हैं, अदालत क्या करेगी करोड़ों रुपयों की रिश्वत का कमाल हो गया।
वहीं राकेश शर्मा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के उस बयान पर कटाक्ष किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि आरोपी मेरे मामा-चाचा नहीं हैं। आगे लिखा है कि मामा-चाचा नहीं थे पर भांजे-भतीजों की खातिर न्याय होने से पहले ही रास्ते से मिटा दिए गए। पाप का घड़ा ऑटोमेटिक बलास्ट। राजेश जयसवाल ने लिखा है कि तथ्यों को छुपाने के लिए किया गया कृत्य प्रतीत होता है। भाई जी... आप कृपया अपनी आवाज बुलंद करें और इस प्रदेश विरोधी सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए मोर्चा निकलवाएं।
इस बीच OneIndia को अपने सूत्रों से पता चला है कि बीती देर रात पुलिस थाना कोटखाई में बंद आरोपियों में से दो की आपस में मारपीट हुई थी। मारपीट एक नेपाली मूल के आरोपी से की गई व मारपीट करने वाला दूसरा आरोपी स्थानीय जिले का बताया जा रहा है। दोनों में झगड़ा इस कदर बढ़ा कि नेपाली मूल के आरोपी की मौत हो गई। हालांकि थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें छुड़ाने की कोशिशें भी कीं लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पूरे मामले का शिमला पुलिस अभी तक न तो खंडन कर रही है न ही मान रही है कि हिरासत में आरोपी मारा जा चुका है।