PICs: कोटखाई गैंगरेप जांच में CBI पहुंची गुड़िया के स्कूल, 72 साल बाद प्रशासन ने उठाया ये कदम...
इसके चलते जांच दल दांदी के जंगलों को नापने के बाद स्कूली छात्रा के स्कूल में पहुंचा तो स्कूली छात्रों व शिक्षकों से पूछताछ कर हर एक छोटी-बड़ी बात को जोड़ने का प्रयास किया गया।
शिमला। कोटखाई में स्कूली छात्रा से गैंगरेप और मर्डर मामले में जैसे-जैसे सीबीआई की अपराध शाखा की जांच आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जिससे पुलिस की उस थ्योरी पर भी सवालिया निशान लगते जा रहे हैं जिसके तहत पुलिस ने गिरफ्तारियां की थीं। जांच दल ने जहां छात्रा के स्कूल का मुआयना किया तो वहीं कोटखाई थाने की भी बारीकी से जांच की गई।
सीबीआई के जांच दल को सारे घटनाक्रम पर कुछ ऐसी कड़ियां नहीं जुड़ रही हैं जिससे साबित हो सके कि स्कूली छात्रा के साथ गैंगरेप दांदी के जंगल में ही हुआ था। इसके चलते जांच दल दांदी के जंगलों को नापने के बाद स्कूली छात्रा के स्कूल में पहुंचा तो स्कूली छात्रों व शिक्षकों से पूछताछ कर हर एक छोटी-बड़ी बात को जोड़ने का प्रयास किया गया। इस दौरान जांच दल को इस पूछताछ में कुछ अहम सुराग मिले हैं, जो अब तफ्तीश को रफ्तार दे सकते हैं।
सीबीआई की टीम विशेष अपराध शाखा के डीआईजी जगबीर सिंह के नेतृत्व में पहुंची टीम ने ये सब पड़ताल की। इन अधिकारियों ने स्कूल के ही एक कमरे में स्कूली छात्रा के सहपाठियों से पूछताछ की। उसके बाद करीब एक घंटा शिक्षकों से पूछताछ की गई। इस स्कूल में स्कूली छात्रा की दसवीं कक्षा में उसके समेत कुल 16 बच्चे पढ़ते थे। इनमें आठ लड़के और आठ लड़कियां थीं। अब लड़कियां सात रह गई हैं। पांच जुलाई को एक लड़के का नया दाखिला होने के बाद लड़कों की संख्या नौ हो गई है। सीबीआई ने पहले स्कूली छात्रा की सहेलियों और अन्य छात्राओं से बातचीत की। उसके बाद बारी-बारी से कक्षा में मौजूद अन्य बच्चों से भी पूछताछ की। स्कूली छात्रा का भाई और एक अन्य छात्र उस समय स्कूल में नहीं थे। इनसे सीबीआई बाद में बात करेगी।
बताया जा रहा है कि इस पूछताछ में स्कूली छात्रा की सहेलियों से सीबीआई को एक अहम सुराग मिला है, जो जांच को नई दिशा दे सकता है। सीबीआई ने स्कूल के प्रधानाचार्य और दसवीं कक्षा को पढ़ाने वाले शिक्षकों से भी बातचीत की। एक शिक्षक जो स्कूली छात्रा और अन्य बच्चों के साथ दांदी जंगल के रास्ते स्कूल आते थे, उनसे भी सीबीआई आगामी दिनों में पूछताछ करेगी। स्कूली छात्रा किस नेचर की थी? क्लास में किस जगह पर बैठती थी और किसके साथ ज्यादा बैठती थी? वह किस तरह की बातें करती थी? क्या किसी के बारे में या किसी टॉपिक पर ज्यादा बात करती थी?
कोटखाई थाने की जिस हवालात में गुड़िया हत्याकांड के एक आरोपी सूरज की हत्या की गई, सीबीआई ने उसका दोबारा मुआयना किया। सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम थाने के भीतर गई। इनमें एक फॉरेंसिक विशेषज्ञ थे तो दो शीर्ष अधिकारी डीआईजी जगबीर सिंह और एसपी एसएस गुरुम थे। उधर शिमला के रिज मैदान पर क्रमिक अनशन पर बैठी मदद सेवा ट्रस्ट ने चेतावनी दी है कि यदि सीबीआई लोगों के सुझावों को दरकिनार कर जांच रिपोर्ट देती है तो उनको भी लोगों के रोष का सामना करना पड़ेगा।
ट्रस्ट की अध्यक्ष तनुजा ने कहा कि उन्होंने 10 जुलाई को राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की थी क्योंकि ट्रस्ट को पुलिस की जांच पर विश्वास नहीं था लेकिन 15 जुलाई को राज्य में मामले को लेकर बढ़ते तनाव के बाद मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने सीबीआई को 14 दिनों में जांच रिपोर्ट जारी करने के आदेश जारी किए हैं। ट्रस्ट और जनता को सीबीआई की जांच पर पूरा विश्वास है लेकिन जिस तेजी से सीबीआई की जांच चल रही है, ऐसे में अगर 14 दिनों में जांच रिपोर्ट पेश नहीं की तो वो इंसाफ की इस लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए सीबीआई कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठेगा। इसमें सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य सहयोगी संगठन भी शामिल होंगे।
शिमला में 72 साल बाद एक तेजतर्रार महिला आईपीएस अफसर
इसे कोटखाई गैंगरेप मर्डर का ही असर कहें कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को करीब 72 साल बाद एक तेजतर्रार महिला आईपीएस अफसर सौम्या सांबशिवन एसपी के तौर पर मिली हैं। उनकी हिम्मत व जज्बे के किस्से सुनने को मिलते हैं। लेडी सिंघम के तौर पर चर्चित सौम्या अपने सेवाकाल में एक बार विधायक को थप्पड़ जड़ चुकी हैं जिसके चलते विधायक को जेल भी जाना पड़ा था। निडर अफसरों में से एक शिमला की नई एसपी सौम्या सांबशिवन जुलाई की शुरुआत में डीडब्ल्यू नेगी को हटाते हुए यहां एसपी पद पर तैनात की गईं। 2010 बैच की आईपीएस अफसर सौम्या सांबशिवन को शिमला की नई एसपी बनाया गया।
सौम्या बायो स्ट्रीम से ग्रेजुएट और एमबीए भी कर चुकी हैं। उन्होंने मल्टीनेशनल बैंक में भी नौकरी की है। वो लेखिका बनना चाहती थी। वहीं शिमला से पहले वो सिरमौर में बतौर एसपी तैनात थी। सौम्या के बारे में कहा जाता है कि साल 2006 में एक प्रदर्शन के दौरान उन्होंने एक विधायक को उनके खराब बर्ताव के चलते थप्पड़ जड़ते हुए जेल भेज दिया था। उन्होंने कई ऐसी उपलब्धियों को हासिल किया है, जिससे हिमाचल पुलिस ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। आईपीएस सौम्या की गिनती राज्य के निडर अफसरों में होती है। सिरमौर में ड्रग्स, शराब और मानव तस्करी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने का श्रेय इनको ही जाना जाता है।
वहीं एसपी सिरमौर रहते हुए उन्होंने ब्लाइंड मर्डर के कई मामलों को भी बखूबी सुलझाया। स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए सौम्या उनको खास तरह का स्प्रे बनाने की ट्रेनिंग भी देती हैं। मिर्च, रिफाइंड और नेल पेंट से बना ये स्प्रे मनचलों को सबक सिखाने के लिए काफी है। सौम्या को एक दबंग कॉप के रूप में जाना जाता है। मूल रूप से सौम्या केरल की रहने वाली है। वो अपने माता-पिता की इकलौती बेटी हैं और उनके पिता इंजीनियर थे।
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