हिमाचल चुनाव 2017: इंदौरा (आरक्षित अनूसूचित जाति ) विधानसभा क्षेत्र के बारे में जानिये
2012 में इस क्षेत्र में कुल 74,073 मतदाता थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में मनोहर धीमान इस क्षेत्र के विधायक निर्दलीय तौर पर चुने गए।
शिमला। इंदौरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सात नंबर पर आता है। काँगड़ा जिला में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 74,073 मतदाता थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में मनोहर धीमान इस क्षेत्र के विधायक निर्दलीय तौर पर चुने गए। यह क्षेत्र साल 2008 में, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के अनुसरण में अस्तित्व में आया। इससे पहले इसे गंगथ के रूप में पहचाना व जाना जाता था लेकिन फतेहपुर की कुछ पंचायतें यहां मिलीं तो कुछ नूरपुर में चलीं गईं।
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इंदौरा पहले गंगथ के नाम से जाना जाता था
गंगथ का इतिहास लगभग पांच सौ वर्ष पुराना है। लगभग पांच सौ वर्ष पहले यह शहर छौंछ खड्ड के किनारे पांच किलोमीटर में बसा हुआ था और उस समय से यहां कारीगरों का एक बड़ा समूह रहता था, जो पंदोड़ गांव तक फैला था। बताते हैं कि लगभग 200 वर्ष पूर्व यहां अस्त्र-शस्त्र का निर्माण, जेवर रखने वाले लॉकर, कुट्ट और पीतल के बरतन बनाए जाते थे, जो पंजाब व चंबा से होते हुए जम्मू तक भेजे जाते थे। उन दिनों उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की तर्ज पर गंगथ को छोटा मुरादाबाद कहा जाता था। 50 किलोमीटर के दायरे में मात्र यही एक ऐसा शहर था, जिसे स्थानीय बोली में ‘पांडेयां आला शैर' कहा जाता था। बुजुर्ग आज भी इसे इसी नाम से पुकारते हैं।
बताया जाता है कि 200 सौ साल पहले यहां कारीगरों का काम बहुत ऊंचे स्तर का था। उस वक्त यह एक मुस्लिम समुदाय बहुल क्षेत्र था। उन दिनों हिंदू आबादी नाममात्र की थी। जो हिंदू कारोबार भी करते थे, उनके पास मुस्लिम ही मुख्य कारीगर होते थे। हिंदुस्तान और पाकिस्तान के राजनीतिक फैसले से सैकड़ों वर्षों से कारोबार चला रहे यहां के बाशिंदे मुसलमान भाइयों ने गंगथ में खुद को असुरक्षित महसूस किया और रातोंरात परिवार सहित गंगथ कस्बे को वीरान करके चले गए। आज आजादी के 70 वर्ष बाद मात्र तीन परिवार ही इस कारोबार में हैं, हालांकि दो दर्जन कारोबारी थे, पर धीरे-धीरे वे भी यहां से पलायन कर गए।
वर्तमान में ऐसा है इंदौरा
गंगथ आज इंदौरा बन गया है व बदलते जमाने में अतीत की बातें किस्से कहानियों में सिमट कर रह गई हैं। प्रसिद्ध काठगढ़ मंदिर इंदौरा की शान है। इंदौरा आज ड्रग माफिया के प्रमुख केन्द्र के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। इलाका पंजाब के पठानकोट से सटा होने के कारण माफिया की गतिविधयों का केन्द्र बनकर रह गया है। मंड मियानी से लेकर भदरोया तक आपको अवैध शराब की भठ्ठियां चलती मिल जायेंगी व चिट्टा के नाम से मशहूर नशा आसानी से यहां उपलब्ध है। यहां अवैध खनन भी खूब फला-फूला है। छौंछ व चक्की खड्डों का सीना छलनी हो चुका है। जिसका फायदा पंजाब के लोागें ने खूब उठाया है। हलांकि कंदरोड़ी में इस्पात कारखाना व आद्योगिक केन्द्र विकसित हो रहे हैं। वहीं डमटाल की अनाज मंडी भी काफी मशहूर है लेकिन यहां आम आदमी की तकदीर आजादी के लंबे अरसे बाद भी बदली नहीं है।
इंदौरा का जातिगत समीकरण
विधानसभा परिसीमन के दौरान जब गंगथ से यह हल्का इंदौरा बना तो फतेहपुर की तीन पंचायतें पलाख,भोग्रवां व बहादपुर कट कर इंदौरा में मिलीं तो यहां की तीन पंचायतें रेटी,वरांडा व कंडवाल नूरपुर में मिंलीं। इंदौरा में जातिगत समीकरण देखे जायें तो यहां 28 प्रतिशत अनूसूचित जाति के मतदाता हैं। राजपूत 28 प्रतिशत हैं तो 18 प्रतिशत ओबीसी और बाकी अन्य जातियां। पिछले चुनावों में मनोहर धीमान की जीत के पीछे दोनों ही दलों में टिकट का आबंटन सही न होना माना जाता रहा है। इंदौरा ने कई नेता दिये हैं। यहां नेताओं की भरमार है लेकिन कार्यकर्ता नहीं।
भाजपा
से
बगावत
कर
चुनाव
लड़ा
व
निर्दलीय
चुनाव
जीते
मनोहर
धीमान
2012
के
चुनावों
में
मनेाहर
धीमान
की
टिकट
की
दावेदारी
भाजपा
ने
ठुकरा
दी
तो
वह
आजाद
चुनाव
मैदान
में
उतर
गये।
57
वर्षीय
मनेाहर
धीमान
इंदौरा
के
चंगरारा
के
रहने
वाले
हैं।
कला
स्नातक
धीमान
का
एक
बेटा
व
एक
बेटी
है।
वह
भाजपा
के
सिपाही
रहे
हैं।
1994
में
जिला
कांगड़ा
की
भाजयुमो
की
जिला
कार्यकारिणी
के
सदस्य
बने
व
बाद
में
प्रदेश
कमेटी
के
सदस्य।
भाजपा
के
एससी
मोर्चा
की
राष्टरीय
कार्यकारिणी
में
2004
में
उन्हें
लिया
गया।
पिछले
चुनावों
के
दौरान
उन्होंने
इंदौरा
से
चुनाव
लडऩे
के
लिये
अपनी
दावेदारी
जताई
लेकिन
पार्टी
ने
उन्हें
टिकट
नहीं
दिया
व
उन्होंने
पार्टी
से
बगावत
कर
आजाद
चुनाव
लड़ा
और
विधायक
चुन
लिये
गये।
धीमान
की
किस्मत
ने
साथ
दिया
व
कांग्रेस
की
वीरभद्र
सिंह
सरकार
के
साथ
वह
साढ़े
चार
साल
तक
एसोसियट
सदस्य
बने
रहे।
अभी
हाल
ही
में
उन्होंने
भाजपा
में
वापसी
की
है।
इंदौरा सीट- एक नजर में
जिला:
कांगड़ा
लोकसभा
चुनाव
क्षेत्र
:
कांगड़ा
मतदाता:
77,183
जनसंख्या
(2011)
:
81226
साक्षरता
:
75
प्रतिशत
अजिविका:
खेती
बाड़ी
व
परंपरागत
काम
धंधा
शहरीकरण:
इलाका
ग्रामीण
इंदौरा
(गंगथ)
से
अभी
तक
चुने
गये
विधायक
वर्ष
चुने
गये
विधायक
पार्टी
संबद्धता
2012
मनोहर
धीमान-
निर्दलीय
2007
देश
राज
-भाजपा
2003
बोध
राज-
कांग्रेस
1998
देश
राज
-भाजपा
1993
दुर्गा
दास-
कांग्रेस
1990
देश
राज-भाजपा
1985
गिरधारी
लाल-
कांग्रेस
1982
देश
राज-
भाजपा
1977
दुर्गा
दास-
भाजपा
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