हिमाचल प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

चुनाव के पहले ही हिमाचल से AAP का बोरिया-बिस्तर गोल

आप के इस कदम को हैरानी भरी नजर से देखा जा रहा है। वहीं पार्टी पंजाब चुनाव में हार से निराश है।

By Gaurav Dwivedi
Google Oneindia News

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में तीसरे राजनीतिक विकल्प का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ही सियासी मानचित्र से गायब हो गई है। पार्टी आलाकमान ने हिमाचल में चुनाव नही लड़ने का फैसला लिया है। जिससे प्रदेश के आप कार्यकर्ताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया है। आप के इस फैसले से कांग्रेस व भाजपा ने राहत की सांस ली है।

चुनाव के पहले ही हिमाचल से AAP का बोरिया-बिस्तर गोल

हालांकि आम आदमी के नेता कुछ दिन पहले तक बड़े-बड़े दावे कर रहे थे। दावा किया जा रहा था कि आप कांग्रेस व भाजपा का विकल्प बनकर उभरेगी। इसके लिए प्रदेश में चुनावी तैयारियों को देखते हुए आप ने सर्वेक्षण तक कराए। जिसके बाद विधानसभा स्तर पर कई टिकट के दावेदार भी उभर कर सामने आए। भाजपा व कांग्रेस अंदरखाने आम आदमी पार्टी के उभरते प्रभाव से खौफ खाए बैठी थी।

चुनाव के पहले ही हिमाचल से AAP का बोरिया-बिस्तर गोल

करीब दो साल पहले हिमाचल में पूरे जोर-शोर से हिमाचल में आम आदमी पार्टी राजनीति में उतरी। पार्टी नेता व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के भी यहां दौरे हुए। संगठन को विस्तार मिला तो प्रदेश के संयोजक पूर्व सांसद राजन सुशांत बनाए गए। लेकिन सुशांत लंबे समय तक केजरीवाल के साथ तालमेल नहीं बिठा पाए तो पार्टी ने उन्हें हटा कर उनकी जगह संजय सिंह को पार्टी की कमान सौंप दी। इस बीच पंजाब के नतीजों से पार्टी में निराशा का महौल पैदा हुआ। जिसका असर हिमाचल में भी देखा गया और पार्टी ने हिमाचल में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला ले लिया। आप के इस कदम को हैरानी भरी नजर से देखा जा रहा है।

चुनाव के पहले ही हिमाचल से AAP का बोरिया-बिस्तर गोल

आप के इस कदम से अब तय हो गया है कि प्रदेश में इस बार भी यहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के मध्य ही सीधा मुकाबला होगा। मुकाबले को तिकोना बनाने के लिए शायद कोई बड़ी ताकत मैदान में नहीं होगी। प्रदेश में कुछ ही महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, जिसके लिए कांग्रेस और भाजपा ने तैयारियां जोरों से शुरू कर दी हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के नेता हाईकमान के दिशा निर्देशों का इंतजार कर रहे थे। बताया जा रहा है कि प्रदेश आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं ने हाल ही में दिल्ली जाकर पार्टी नेतृत्व से चुनावी दिशा निर्देशों को लेकर बातचीत करनी चाही, लेकिन पार्टी प्रमुख केजरीवाल ने उन्हें दो टूक कह दिया कि- हिमाचल में पार्टी की स्थिति चुनाव लड़ने लायक नहीं है। इसलिए इस बार 'आप' वहां चुनाव नहीं लड़ेगी। सूत्रों ने तो यहां तक खुलासा किया कि प्रदेश में 'आप' के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजन सुशांत, जिनके नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़े जाने की चर्चाएं थीं उन्हें केंद्रीय नेताओं ने मिलने का समय तक नहीं दिया।

फैसले के बाद से शिमला में आप के कार्यालय में वीरानी साफ देखी जा सकती है। कहा जा रहा है कि ये कार्यालय भी कई दिनों में बंद है। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी अभी भी पंजाब, गोआ के विधानसभा चुनावों और दिल्ली नगर निगमों के चुनावों में मिली अप्रत्याशित पराजय से सदमे में है और किसी नए राज्य में चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही। पता चला है कि प्रदेश में 'आप' नेता अब योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण की पार्टी 'स्वराज अभियान' से जुड़ने का मन बना रहे हैं। कुछ लोगों को भाजपा और कांग्रेस में भी स्थान मिल सकता है। आम आदमी पार्टी के सोलन जिला संयोजक संजय हिंदवान ने 'आप' के हिमाचल में चुनाव नहीं लड़ने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि करीब एक साल पहले पार्टी ने प्रदेश में विस्तृत सर्वे कराया था, जिसमें पाया गया था कि राज्य की 28 प्रतिशत जनता बदलाव चाहती है और 13 प्रतिशत जनता आम आदमी पार्टी को समर्थन देना चाहती है। लेकिन अब पार्टी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, जिससे कार्यकर्ताओं में भारी निराशा है।

Comments
English summary
AAP announces not to fight election in Himachal Pradesh
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X