यूपी के बाहर भी योगी इफेक्ट, गुरुग्राम में शिवसेना ने बंद कराई मीट की 300 दुकानें
शिवसैनिकों का कहना था कि देश में बड़ी संख्या में हिंदू धर्म के लोग नवरात्र और हर सत्ताह मंगलवार को व्रत रखते हैं। ऐसे में इन दिनों में मीट बिकना और परोसा जाना ठीक नहीं है।
गुरुग्राम। यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की मीटबंदी का असर आस-पास के इलाकों में भी दिखने लगा है। मंगलवार को हरियाणा के गुरुग्राम में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने मशहूर रेस्टोरेंट केएफसी समेत 300 से ज्यादा मीट की दुकानों को जबरन बंद करा दिया। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने दुकानदारों को नोटिस देते हुए उनसे मंगलवार और नवरात्र में मीट की दुकानें बंद करने को कहा।
यूपी के नक्शेकदम पर गुरुग्राम
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे के दाईं तरफ सदर बाजार इलाके की दुकानों को बंद कराया। इसके बाद बुधवार को इन लोगों ने दूसरी तरफ स्थित डीएलएफ, सुशांत लोक, सोहना रोड और बादशाहपुर इलाके की मीट की दुकानों को बंद कराया। इनमें केएफसी रेस्टोरेंट भी शामिल था। गौरतलब है कि यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खानों के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है। यूपी के नक्शेकदम पर चलते हुए भाजपा शासित कई राज्यों ने भी अवैध बूचड़खानों पर सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है।
'नवरात्र और हर मंगलवार को बंद रखें दुकानें'
गुरुग्राम में मीट की दुकानों को बंद कराने के दौरान खुद को शिवसेना का जिला प्रवक्ता बताने वाले ऋतुराज ने कहा, 'देश में बड़ी संख्या में हिंदू धर्म के लोग नवरात्र और हर सत्ताह मंगलवार को व्रत रखते हैं। ऐसे में इन दिनों में मीट बिकना और परोसा जाना ठीक नहीं है। ज्यादातर दुकानदारों ने हमारा साथ दिया और अपनी दुकानें बंद कर लीं। इसके अलावा जो दुकानदार राजी नहीं थे, उन्हें भी समझा-बुझाकर दुकानें बंद कराईं गई।'
'दुकानें बंद कराने से पहले दिया नोटिस'
दुकानों को जबरन बंद कराए जाने के आरोप पर ऋतुराज ने कहा कि जिन दुकानों के पास लाइसेंस नहीं था, केवल उन्हें ही जबरदस्ती बंद कराया गया है। ऋतुराज ने कहा कि इनमें से ज्यादातर दुकानें स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन नहीं कर रही थीं। उन्होंने कहा कि किसी भी दुकान को अचानक बंद नहीं कराया गया है, दुकानें बंद कराने से पहले सबको नोटिस दिया गया था।
क्या कहते हैं दुकानदार?
इस दौरान गुरुग्राम के सेक्टर 9 में मीट की दुकान चलाने वाले शाकिर ने बताया कि इस तरह दुकानें बंद कराना हालांकि नियमों के खिलाफ है, लेकिन फिर भी धार्मिक भावनाओं के लिए दुकान बंद करने में उसे कोई आपत्ति नहीं है। वहीं, दूसरे दुकानदार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने का मन बना रहे हैं। गुरूग्राम पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि उन्हें इस संबंध में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है लेकिन अगर इस तरह गैरकानूनी ढंग से जबरन दुकानें बंद कराई गई हैं तो कार्रवाई की जाएगी। ये भी पढ़ें- दिल्ली चुनाव में भी स्टार प्रचारक बनेंगे योगी आदित्यनाथ!