भाजपा पर धोखे का आरोप, 29 जनवरी से आरक्षण के लिए सड़कों पर उतरेंगे जाट नेता
8 जनवरी को पंचायत में भाजपा को वोट ना देने की बात कहने के बाद अब जाट नेताओं ने हरियाणा की खट्टर सरकार पर वादे करके उन्हें पूरे नहीं करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले जाट नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेताओं ने भाजपा पर जाटों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए 29 जनवरी से धरने का ऐलान किया है। जाट नेताओं ने कहा कि आरक्षण के नाम पर उनको भाजपा ने धोखा दिया है और एक बार फिर वो आरक्षण के लिए प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।
जाटों को आरक्षण के लिए काफी समय से संघर्ष कर रहे यशपाल मलिक ने कहा कि 29 जनवरी से जाट रिजर्वेशन को लेकर आंदोलन करेंगे। 19 जिलों में धरने से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। गुड़गांव, पंचकूला और मेवात से धरने शुरू किए जाएंगे। यशपाल मलिक ने कहा कि पिछले साल जाटों के आंदोलन के दौरान जो वादे खट्टर सरकार ने किए थे, वो पूरे नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि जाट बाहुल्य क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों का विरोध किया जाएगा।
आपको बता दें कि जाट आरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक के गांव खरड़ (मुजफ्फरनगर) में 8 जनवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए 35 खाप और जाट समुदाय के नेताओं ने एक सभा भी आयोजित की है। इस सभा में भी भाजपा की आलोचना की गई थी, सभा में पार्टी को वादाखिलाफी करने वाला दल बताते हुए जाट नेताओं ने बीजेपी को वोट ना देने की बात कही थी। सभा में जाट आरक्षण, किसान कर्ज, फसल का उचित न्यूनतम मूल्य, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, नोटबंदी से रबी फसल की बुआई में हुई देरी समेत कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की गई। मोदी सरकार की आलोचना में जाट नेताओं ने ''मोदी तेरे राज में, मुंजी गई ब्याज में.. पुराली गई शरम-लिहाज में'' का नारा लगाते हुए 2014 के लोकसभा चुनाव जैसी गलती ना करने और यूपी के चुनाव में जाट समुदाय के बीजेपी को हराने के लिए वोट करने की बात कही।
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