सरकारी कर्मचारी ने नहीं रखा माता-पिता का ध्यान तो सरकार काट लेगी सैलरी
असम के वित्त मंत्री ने बजट में सरकारी कर्मचाारियों के माता-पिता का ध्यान ना रखने पर उनकी सैलरी से एक हिस्सा काट कर उनके माता-पिता को देने का प्रस्ताव रखा है।
गुवाहाटी। असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने 2017-18 के लिए मंगलवार को राज्य का बजट पेश किया। असम की भाजपा सरकार ने बजट में अपने कर्मचारियों के वेतन में बुजुर्गों की देखभाल जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारी अपने माता-पिता का बुढ़ापे में ध्यान रखें। इस प्रस्ताव के मुताबिक, जो कर्मचारी अपने मां-बाप का ध्यान नहीं रखेंगे सरकार उनकी तनख्वाह काट लेगी।
वित्त मंत्री शर्मा ने बजट के दौरान कहा कि हर सरकारी कर्मचारी को अपने माता-पिता का ध्यान रखना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी अपने माता-पिता का ध्यान नहीं रखेंगे तो सरकार उनकी सैलरी का एक हिस्सा काट लेगी और उनके माता-पिता को दे देगी। वित्त मंत्री ने कहा कि अगर एक सरकारी नौकरी वाला बेटा मां-बाप का ध्यान नहीं रखता तो यह गलत है और ऐसी स्थिति में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह उनके वेतन से राशि काटकर उसके माता-पिता को दी जाए।
असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा ने 2017-18 के लिए मंगलवार को राज्य का 2,349.79 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश किया। इसके साथ ही राज्य में आयोजना व गैर-आयोजना मद को मिला दिया गया है। शर्मा ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि केवल आगामी वित्त वर्ष के बजटीय अनुमानों को ध्यान में रखा जाए तो अनुमानित घाटा 367.19 करोड़ रुपये रहेगा।
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