गुड़गांव में गैंगवार: गैंगस्टर महेश सिंह उर्फ अटैक की गोलियों से भूनकर हत्या
नई
दिल्ली।
हरियाणा
के
नामी
गैंगस्टर
महेश
सिंह
उर्फ
अटैक
की
बुधवार
की
रात
गोली
मारकर
हत्या
कर
दी
गई।
अटैक
पर
ताबड़तोड़
30
गोलियां
दागी
गईं।
इस
हत्या
के
बाद
एक
बार
फिर
गुड़गांव
में
गैंगवार
की
आशंकाएं
बढ़ती
दिख
रही
हैं।
वहीं
शुरुआती
छानबीन
में
जो
बातें
सामने
आ
रही
हैं
उसके
मुताबिक
अटैक
की
हत्या
गुड़गांव
में
एकाधिपत्य
व
बदला
लेने
की
नियत
से
की
जा
सकती
है।
खुलासा:
उत्तर
कोरिया
के
दोनों
परमाणु
बम
पाकिस्तान
में
बने
थे,
वैज्ञानिकों
ने
की
थी
मदद
फिलहाल पुलिस को इस गैंगवार के पीछे संदीप गाडोली व बिंदर गुर्जर गैंग के होने का शक है। छानबीन के लिए पुलिस ने तीन टीम गठित की हैं। सभी टीम हर तरीके से जांच करेंगी। पुलिस को हत्या में शामिल एसयूवी कार हाथ लगी है जो लगभग एक महीने पहले सेक्टर 10 से लूटी गई थी।
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कैसे हुई हत्या?
महेश सिंह उर्फ अटैक झाड़सा चौक स्थित अपने ऑफिस से रोजाना की तरह अपनी कार में सवार होकर घर के लिए निकल रहा था। उसी वक्त कार में सवार होकर आए बदमाशों ने उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। महेश को उसके साथियों ने मेंदाता अस्पताल पहुंचाया, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस के मुताबिक मौके से करीब 22 खोखे बरामद हुए हैं जबकि 8 गोलियां अटैक के शरीर से निकाली गई हैं। पुलिस की मानें तो अटैक की मौत मौके पर ही हो गई थी।
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कुछ सालों से था अपराध से दूर, करना चाहता था पॉलीटिक्स में एंट्री
पिछले कुछ वर्षों से गैंगस्टर अटैक अपराध जगत से लगभग दूर था। वह सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करते हुए प्रापर्टी का कारोबार कर रहा था। सामाजिक गतिविधियों में भी हिस्सा लेने लगा था। स्थानीय लोगों की मानें तो गैंगस्टर अटैक अब राजनीति में हाथ आजमाना चाहता था। इसके लिए उसने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का साथ पकड़ा था।
उरी अटैक के बाद मुश्किल में 'ऐ दिल है मुश्किल' और 'रईस'
उसकी फेसबुक वाल पर इनेलो के बड़े नेता व हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला के साथ फोटो भी है। अटैक की भाभी पूनम किलौड़ इनेलो की टिकट पर पिछली बार नगर पार्षद चुनी गई थीं।
गैंगस्टर अटैक की क्राइम कुंडली
अटैक ने जरायम की दुनिया में सन 1997 में कदम रखा था। उस वक्त उसकी उम्र मात्र 17 साल थी। मुख्य डाकघर से दिनदहाड़े 40 लाख की लूट के बाद अटैक बालंबे अरसे तक आतंक का पर्याय बना रहा। नौ साल पहले उसकी शादी हो गई। शादी के बाद से ही अटैक अपराध की दुनिया से दूरी बनाने लगा था।
ओम प्रापर्टी के नाम से उसने जमीन जायदाद के धंधे में हाथ आजमाने शुरू कर दिए थे। साथ ही वो गांव के सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेने लगा था। इन कार्यों में वह बढ़-चढ़ कर चंदा भी देता था। पिछले सप्ताह ही उसने गांव में हुए दंगल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अटैक के पिता सूबे सिंह झाड़सा गांव के सरपंच भी रह चुके हैं।