तो राज्यसभा में बहुमत पाने के लिए भाजपा को करना होगा 2020 तक इंतजार?
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से चार में सफलता पाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब राज्यसभा में भी बहुमत पाने के लिए बेकरार है।
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से चार में सफलता पाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब राज्यसभा में भी बहुमत पाने के लिए बेकरार है। राज्यसभा में बहुमत न होने के चलते एनडीए शासित केंद्र सरकार के महत्वकांक्षी बिल अभी भी राज्यसभा में अटके हुए हैं। पर राज्यसभा में बहुमत पाने के लिए अभी भी भाजपा को वर्ष 2020 तक का इंतजार हर हाल में करना होगा।
राज्यसभा में भाजपा के सांसदों की संख्या साल 2018 और 2019 दोनों में बढेगी। पर उसे सदन में बहुमत नहीं मिल पाएगा। आपको बताते चले कि अनुच्छेद 370 और समान नागरिक संहिता के कानून में बदलाव करने के लिए भाजपा को राज्यसभा में बहुमत चाहिए। इसके अलावा कई दूसरे अन्य महत्वपूर्ण बिलों को बिना किसी रोक टोक के पास करवाने के लिए भाजपा को बहुमत चाहिए।
अभी राज्य सभा में भाजपा की क्या है स्थिति है
उत्तर प्रदेश की जीत से भाजपा को सीधे तौर पर ताकत मिलेगी। राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं। इनमे से 31 सीटें उत्तर प्रदेश के हिस्से में आती हैं। वर्ष 2018 में और वर्ष 2020 में दस-दस सीटें भाजपा के खाते में आ जाएगी। वहीं कांग्रेस और उसके गठबंधन वाले दलों की सीटों में भी कमी आएगी। राज्यसभा में एनडीए गठबंधन को कुल 18 सीटें वर्ष 2017-18 में मिल जाएंगी।
पर इतनी सीटें आने के बावजूद राज्यसभा में एनडीए गठबंधन को बहुमत नहीं मिल पाएगा और वो 30 सीटें बहुमत से दूर रहेगी। ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो जाता है कि आवश्यक विधेयक पास करवाने के लिए टीएमसी को, एआईएडीएमके, समाजवादी पार्टी के समर्थन की जरूरत होगी। अगर भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को इसी तरह से सफलता मिलती रही तो वर्ष 2020 में एनडीए गठबंधन को बहुमत मिल जाएगा।
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