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'कलाम' कभी नहीं मर सकते क्योंकि हर कलमे में हैं 'कलाम'...

By अंकुर शर्मा
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बैंगलुरू। जीवन त्वरित है और मृत्यु निश्चित.. लेकिन इस बात को इंसान समझकर भी नहीं समझता है, देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी इस सच के शिकार हुए है लेकिन यह सच देश के लोगों के हलक से नीचे नहीं उतर रहा है।

गीता में कहा गया है कि जो आया है वो जायेगा...इसलिए अपने कर्मों पर ध्यान दें, शरीर चला जायेगा और कर्म यहीं रह जायेंगे, शायद इसलिए ही गीता के बताये आदर्शों पर चलने वाले एपीजे अब्दुल कलाम ने जीवन पर्यन्त केवल अपने कर्मों पर ही ध्यान दिया जिसके कारण ही आज उनके जाने से पूरा राष्ट्र दुखी है, यह देश की ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता।

गमगीन राष्ट्र दुखी लोग

लेकिन जाते-जाते ने कलाम ने अपने लेखन और अपने कौशल से देश के नौजवानों और बच्चों के अंदर जो अलक पैदा की है उससे देश के हर बच्चों के मन में कलाम जैसा बनने की और कलाम जैसा कुछ करने की इच्छा जाग उठी है।

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देश के महान व्यक्तित्व से मिलने का सौभाग्य मुझे भी प्राप्त हुआ था साल 2010 में, अपनी किताब की एक प्रदर्शनी के दौरान हैदराबाद के रामोजी फिल्मसिटी के मेहमान बने थे कलाम। हमेशा जिन्हें टीवी और किताबों में देखा था, उन्हें अपने सामने पाकर मुझे यकीन नहीं हो रहा था, लोग अभिनेता और अभिनेत्रियों के आटोग्राफ लेने और उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए होड़ मचाते हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी राजनीतिक और वैज्ञानिक के लिए लोग ऐसा कर रहे थे।

कमाल के कलाम.. पढ़ते थे गीता मानते थे कुरान

उस होड़ में मैं भी शामिल थी, काफी जदोजहद के बाद मेरा भी नंबर आया, कलाम साहब ने मेरा नाम पूछा और बोला बेटा क्या करती हो? मैंने अपना नाम बताया और कहा आज मेरा यहां आखिरी दिन है, जिसके बाद एपीजे कलाम साहब ने कहा..end is new start..मतलब अंत का मतलब नई शुरूआत होता है। मैं जब तक उनकी बातों को सोचती तब तक उन्होंने कागज पर मेरे लिए all the best लिख दिया था फिर सिर पर हाथ फेरकर कहा god bless you और आगे बढ़ गये किसी और से मुखातिब होने और उसे सही राह दिखाने के लिए।

अंत का मतलब नई शुरूआत

मात्र चंद सेकंड की उस मुलाकात और अल्फाज ने मेरे दिल-दिमाग में नई ऊर्जा का संचार कर दिया, ना जाने क्यों मुझे ऐसा लगा कि वाकई कितनी सही बात कही है इन्होंने, अगर इंसान का नजरिया इस तरह का हो तो फिर इंसान तो कभी निराश और परेशान हो ही नहीं सकता। तो इस तरह की सोच के मालिक थे अब्दुल कलाम...अपने भाषणों, अपनी किताबों और अपनी बातों से ना जाने उन्होंने कितने कलामों को जन्म दिया होगा इसलिए मेरी नजर में कलाम तो कभी मर ही नहीं सकते.. वो तो हर कलमे में मौजूद हैं.. और शायद यही उनका कमाल भी है।

रूह से नहीं टूटा है रिश्ता..

भले ही उनके शरीर ने हमसे विदाई ले ली हो लेकिन उनकी रूह से हमारा रिश्ता कभी नहीं टूट सकता है, वो यहीं हैं, हमारे दिलों में, हमारी सोच में..इसलिए कलाम कभी नहीं मर सकते..।

कलाम को भावभीनी श्रद्धाजंलि..

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English summary
APJ Abdul Kalam will remain inside our hearts and we will miss him forever. He was such a great personality that he was not only known as a President of India, but he was known as the President of the people of India.
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