नहीं चाहते हैं दवाओं का खर्चा तो जमकर कीजिए योग, रहेंंगे हिट और फिट
नई दिल्ली। 21 जून को विश्व योग दिवस है, इस दिवस को लेकर कहीं उत्साह है तो कहीं ये बहस का मुद्दा भी है लेकिन राजनीति या धर्म के चश्में को अगर आप हटाकर देखेंगे तो पाएंगे कि योग केवल आपको शारीरिक और मानसिक सुख ही प्रदान करता है, जिसका किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि ये आजकल की भागती-दौड़ती जिंदगी के लिए काफी आवश्यक भी है।
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योग एक रामबाण है, बदलती जीवनशैली से जो बीमारियां आम हो चुकी हैं, उनको चंद आसन ठीक कर सकते हैं। योग में ऐसे आसन भी हैं जिनसे रोग जिस्म पर सवार होने की हिम्मत नहीं कर सकता। योग विशेषज्ञ मीना सोंधी कहती हैं कि आसनों का असर इतना है कि दवाओं का सहारा लेने की जरूरत ही नहीं।
सूक्ष्म आसन
चालीस की उम्र पार कर चुकी महिलाओं में खानपान की अनियमितता आदि से कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसका नतीजा यह है कि घुटनों में दर्द और स्पांडलाइटिस की तकलीफ परेशान करने लगती है। इस आसन को करने से काफी लाभ होता है।
तितली आसन
महिलाओं में गर्भाशय संबंधी समस्या और मांसपेशियों में खिंचाव इस आसन से दूर हो जाते हैं। नियमित आसन करने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है
कपालभाति
हर उम्र के स्त्री-पुरुष के लिए लाभकारी हैं। इससे फेफड़ों और नर्वस सिस्टम ठीक रहते हैं।
अनुलोम-विलोम
सांस संबंधी दिक्कत, ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में कारगर है। सभी कर सकते हैं।
मानसिक दबाव, एंजायटी और डिप्रेशन
- भ्रामरी प्राणायाम: मानसिक दबाव, एंजायटी और डिप्रेशन को दूर किया जा सकता है। सभी के लिए लाभकारी है।
- शीतली प्राणायाम: गर्मी के दिनों में शीतली प्राणायाम करने से एसिडिटी समेत पेट संबंधी दिक्कतें नहीं रहतीं। यह आसन बुजुर्गो को विशेष तौर पर अपनाना चाहिए।
- एकाग्रता के साथ साथ हृदय के लिए यह आसन हर किसी के लिए फायदेमंद हैं।
- इस आसन से दिमाग में स्फूर्ति के साथ-साथ शारीरिक चुस्ती भी बनी रहती है।
सूर्य नमस्कार
बच्चों के विकास, खासतौर पर लंबाई बढ़ाने और आंखों की रोशनी ठीक रखने को सूर्य नमस्कार बेहद जरूरी है।
वृक्ष आसन, सर्वाग आसन
इस आसन से शिक्षा और रोजगार संकट के चलते डिप्रेशन में आ रहे युवाओं को भी लाभ मिल सकता है। शारीरिक तौर पर सुगठित होने के लिए यह आसन अच्छे हैं।
ताड़ आसन-हल आसन