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मासिक धर्म के कारण महिलाएं क्यों नहीं जा सकतीं मंदिर?

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बेंलुरू। उच्चतम न्यायालय ने केरल स्थित ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर में प्राचीन परंपरा के तहत मासिक धर्म की आयु वर्ग की महिलाओं का प्रवेश वर्जित करने की व्यवस्था पर आज सवाल उठाया और कहा कि संविधान के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता।

तो अब बार्बी डॉल को होगा पीरियड, उसके हाथ में भी होंगे पैड?तो अब बार्बी डॉल को होगा पीरियड, उसके हाथ में भी होंगे पैड?

इसके बाद देश की हर लड़की और महिला के दिल में यह सवाल कौंध रहा है कि जब 'मासिक चक्र' 'के बिना कोई महिलाएं संपूर्ण नहीं होती हैं तो फिर उस वजह से महिलाओं को मंदिरों में जाने से या पूजा करने से रोका जाता है?

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसले में कहा है कि किसी भी महिला को मंदिर जाने से रोका नहीं जा सकता है, बावजूद इसके देश के कई ऐसे मंदिर हैं जहां जाना महिलाओं के लिए वर्जित है। चाहे केरल का सबरीमाला मंदिर हो या फिर महाराष्ट्र का शनिदेव का मंदिर जहां या तो 8 साल के नीचे की बच्चियां दर्शन कर सकती हैं या फिर पुरूष।

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अब समाज बदल रहा है, सोच बदल रही है। इस कारण अब लड़कियां और महिलाएं इस बारे में खुलकर बातें कर रही हैं और इसी कारण सबरीमाला मंदिर के नीतियों पर प्रश्न खड़े हुए हैं।

आईये स्लाइडों के जरिये इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं और जानते हैं कि इस मुद्दे पर क्या प्रश्न खड़े हुए हैं..

मासिक धर्म कोई पाप तो नहीं?

मासिक धर्म कोई पाप तो नहीं?

लड़कियां: मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, इसके बिना जीव का सृजन नहीं तो हमसे भेदभाव क्यों?
मंदिर: सदियों से इस नियम का पालन हो रहा है, इसलिए इसे बदला नहीं जा सकता है, इसमें भेदभाव नहीं हो रहा है।

महिलाओं के लिए नियम कानून क्यों?

महिलाओं के लिए नियम कानून क्यों?

याचिकाकर्ता: सारे जिम्मेदारियों का निर्वहन महिलाएं क्यों करें?
सामाजिक संगठन: वो इसलिए कि सृष्टि का नियम है और इसे हमेशा सकारात्मक भाव से देखना चाहिए कि जिम्मेदारियों का निर्वहन महिलाएं ही करती हैं?

सबरीमाला में महिलाओं का प्रवेश वर्जित क्यों?

सबरीमाला में महिलाओं का प्रवेश वर्जित क्यों?

कोर्ट: संविधान के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता।
मंदिर प्रशासन: रजोनिवृत्ति की अवस्था प्राप्त नहीं करने वाली महिलायें धार्मिक यात्रा के दौरान शुद्धता बनाये नहीं रख सकती हैं, इसलिए उन्हें एंट्री नहीं मिल सकती।

कामाख्या मां की पूजा क्यों?

कामाख्या मां की पूजा क्यों?

याचिकाकर्ता: जब मासिक चक्र से इतनी दिक्कत तो कामाख्या मां की पूजा क्यों?
सामाजिक संगठन: वो मां हैं लेकिन दुनिया की हर लड़की मां तो नहीं।

अब सवाल आपसे

अब सवाल आपसे

क्या मासिक चक्र के दौरान महिलाओं को मंदिर में प्रवेश मिलना चाहिए?
अगर आपका जवाब हां है तो क्यों और नहीं है तो क्यों..इसका उत्तर जरूर नीचे के कमेंट बॉक्स में दर्ज करायें।

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English summary
Why temples don’t let women devotees enter and pray during menstruation asked girls in Supreme court because Females who menstruate are not allowed to enter the Kerala’s Sabarimala Ayyappa Temple.
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