अब खतों से नहीं SMS और Whatsapp से होता है प्यार का इजहार
बैंगलुरू। हमने सनम को खत लिखा .. खत में लिखा..या फूल तुम्हें भेजा है खत में या ..फिर तुम मेरा प्रेमपत्र पढ़कर नाराज ना होना... जैसे सदाबहार गीत को जहां आज की युवा पीढ़ी बीते जमाने में गिनती है ठीक उसी तरह से आज के जमाने में कोई लव-लेटर नहीं लिखता क्योंकि इसमें वक्त की बर्बादी होती है।
4जी युग के लोग और इन्सटेंट कॉफी पसंद करने वाले हमारे नौजवानों के पास ना तो वक्त है और ना ही धैर्य इसलिए आज उनके लिए एसएमएस और व्हाटसअप ही प्यार के इजहार के मापदंड बन गये हैं। अगर कुछ सेकंड में उन्हें उनके प्यार के जवाब में आईलवयू लिखा हुआ नहीं आया तो उस प्यार का दि एंड वहीं हो जाता है। लेकिन सूचना प्रौद्योगिकी के युग ने आज पत्राचार और कार्डस के मार्केट को कम कर दिया है जिसमें आर्चिस जैसी गैलरियां भी शामिल हैं।
अब खतों से नहीं Whatsapp से होता है प्यार का इजहार
लखनऊ में आर्चिस गैलरी की शॉप के मालिक फरहत उल्ला ने कहा कि मैं पिछले बीस साल से यह दुकान चला रहा हूं लेकिन पिछले तीन-चार साल से हमारे कार्ड और लेटर्स का धंधा चौपट हो गया है, अब बहुत कम लोग यहां आते हैं, उन्हें यह पैसे और वक्त की बर्बादी लगती है। यही हाल पोस्टऑफिस का भी है।
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पोस्टमैन धीरज अग्रवाल ने कहा कि पहले न्यू ईयर, वैलेंनटाइन पर मेरे हाथ में लाल-पीले लिफाफे का पूरा जखीरा होता था लेकिन अब ऐसा नहीं है अब मुश्किल से दो-चार ही लिफाफे मुझे बांटने के लिए मिलते हैं।
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खैर जो भी हो. लव-लेटर्स की अपनी ही बात थी जो एहसास कागज के पन्ने पर दिल की स्याही से लिखे जाते हैं उन्हें इंटरनेट तो नहीं ला सकता है, हां उसने चीजें आसान जरूर कर दी है जो वक्त के हिसाब से सही भी है लेकिन जो बात प्यार के इंतजार में है और जो कशिश शब्दों और लिफाफे में है वो एसएमएस और व्हाटसअप कभी नहीं ला सकते है यह भी एक सच्चाई है।