यूपी विधानसभा चुनाव 2017: कब खुलेगी सिकंद्राबाद की किस्मत?
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के मद्देनजर बात करते हैं बुलंदशहर जनपद के सिकंद्रबाद कस्बे की। दिल्ली से महज 50 किमी की दूरी पर मौजूद इस कस्बे की हालत काफी खस्ता है। गड्ढेदार सड़कें, बरसात में पानी से लबालब गलियां, अतिक्रमण से घिरे रोड और खस्ताहाल बिजली इसकी पहचान बन चुका है।
अतिक्रमण
बना
नासूर
अव्यवस्थित
और
बेतरतीब
तरीके
से
बसी
बस्तियां
गंदगी
और
टूटी
सड़कों
से
खस्ताहाल
हैं।
दूसरी
तरफ
मुख्य
मार्गों
पर
दुकानदारों
ने
अतिक्रमण
से
कब्जा
जमा
रखा
है।
दिल्ली,
दादरी
और
गाजियाबाद
जाने
वाले
वाहनों
की
ज्यादा
तादाद
के
कारण
सड़कें
अक्सर
जाम
रहती
हैं।
वहीं
भारी
वाहनों
का
दिन
के
वक्त
अवैध
प्रवेश
हालात
और
खराब
कर
देता
है।
इससे
आम
जनता
और
स्थानीय
लोगों
को
भारी
समस्या
का
सामना
करना
पड़ता
है।
टूटी
सड़कें
कारोबारी
नजरिए
से
जहां
कस्बे
की
सड़कें
और
मुख्य
मार्ग
बेहतर
होने
चाहिए
थे
लेकिन
हकीकत
इसके
उलट
है।
लापरवाही
का
आलम
ये
है
कि
कुछ
सड़कें
बारिश
के
मौसम
में
धुल
गईं
तो
बची
कुची
में
गढ्ढे
ज्यादा
दिखाई
देते
हैं।
खस्ता
हाल
सड़कों
के
कारण
दिल्ली,
गाजियाबाद
और
दूसरे
इलाकों
में
जाने
वाले
लोगों
को
भारी
परेशानी
का
सामना
करना
पड़ता
है।
रात
में
सफर
करने
वाले
मुसाफिर
आए-दिन
इन
गढ्ढों
का
शिकार
बन
घायल
हो
रहे
हैं
अपराध
जनपद
का
ये
कस्बा
क्षेत्रफल
के
लिहाज
से
बेशक
छोटा
हो
लेकिन
आए-दिन
आपराधिक
वारदातें
होती
रहती
हैं।
पुलिस
पेट्रोलिंग
और
प्रशासन
की
सुस्ती
का
नतीजा
है
कि
अपराध
का
ग्राफ
इलाके
में
तेजी
से
बढ़
रहा
है।
स्थानीय लोगों के अंदर अपराधियों का खौफ बढ़ रहा है। स्कूल आती जाती छात्राएं आए-दिन मनचलों की फब्तियों और छेड़खानी का शिकार हो रही हैं। कई बार शिकायत के बावजूद ऐसे आपराधिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने कोई कारगर रणनीति नहीं तैयार की है।
विकास
की
दरकार
राजधानी
से
करीबी
के
कारण
यहां
औद्योगिक
क्षेत्र
में
कई
बड़ी
कंपनियां
और
फैक्ट्रियां
मौजूद
हैं।
कारोबारियों
की
शिकायत
है
कि
दिल्ली
से
नजदीकी
का
फायदा
जितना
उठाया
जा
सकता
था
उतना
अभी
क्षेत्र
असक्षम
रहा
है।
इसका
बड़ा
कारण
औद्योगिक
क्षेत्र
को
और
विकसित
नहीं
बनाया
जाना
है।
प्रशासन की कारगर नीति न होने के कारण कारोबारी अभी मूलभूत समस्याओं से गुजर रहे हैं। बिजली की गैर मौजूदगी और परिवहन मार्गों की हालात उनके कारोबार में पलीता लगा रहे हैं।
विधायक
जी
का
काम
10
साल
से
सिकंद्राबाद
सीट
पर
काबिज
बसपा
को
बीते
विधानसभा
चुनावों
में
भाजपा
ने
नजदीकी
मुकाबले
में
हराया
था।
भाजपा
की
बिमला
सिंह
सोलंकी
ने
बसपा
के
सलीम
अख्तर
को
करारी
चोट
दी
थी।
लेकिन
जनता
आज
बिमला
सोलंकी
से
विकास
का
रिपोर्ट
कार्ड
मांग
रही
है।
स्थानीय
लोगों
का
काम
है
कि
सिवाए
आश्वासन
के
क्षेत्र
में
जमीन
पर
कोई
काम
नहीं
दिखा
है।
आगामी
चुनावों
में
भाजपा
को
इस
विरोध
का
सामना
करना
पड़ेगा।