यूपी विधानसभा चुनाव 2017: बदहाली से जूझता जनपद बुलंदशहर
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 महासंग्राम में बात आज जिला बुलंदशहर की। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ये जिला दिल्ली से नजदीकी का सबसे ज्यादा लाभ तो उठा रहा है लेकिन विकास की राह में आज भी बुलंदशहर की जनता बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है।
हाल ही के दिनों में हाईवे पर हुए गैंगरेप और लूट के बाद सुर्खियों में छाए बुलंदशहर की पूरे देश में एक खराब छवि बनकर उभरी। रोजाना के अखबारों की सुर्खियां देख, जनपद की कानून व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। कई ऐतिहासिक कारणों से मशहूर बुलंदशहर आज भी बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है।
1,887 वर्ग मील क्षेत्रफल वाले इस जिले का इतिहास 1200 साल से ज्यादा पुराना है। जहां राजा महाराजाओं के किस्से कहानियों से लेकर मुगल और अंग्रेजों दौर के साक्ष्यों से अटा पड़ा है।
कब
दिल्ली
से
जुड़ेगा
बुलंदशहर
महज
64
किमी
की
दूरी
के
बावजूद
दिल्ली
और
बुलंदशहर
के
बीच
सीधा
रेल
मार्ग
नहीं
है।
इसका
सबसे
ज्यादा
नुकसान
व्यापारियों
को
उठाना
पड़ता
है।
इस
मांग
को
लेकर
जनपदवासी
कई
बार
गुहार
लगा
चुके
हैं
लेकिन
सिवाए
आश्वासन
के
आजतक
कोई
ठोस
कार्रवाई
नहीं
की
गई।
गन्ना
भुगतान
गन्ने
की
फसल
जनपद
में
प्रमुखता
के
साथ
उगाई
जाती
है
लेकिन
भुगतान
वक्त
पर
नहीं
मिलना
किसानों
के
लिए
सबसे
बड़ी
समस्या
है।
मिलों
से
मिलने
वाले
भुगतान
में
सुस्ती
के
कारण
किसानों
को
भारी
समस्या
का
सामना
करना
पड़ता
है।
बेमौसम
बरसात
और
कर्ज
किसानों
की
जिंदगी
पर
भारी
पड़
रहा
है
लेकिन
सरकारें
सिर्फ
घोषणाओं
तक
सीमित
रह
गई
हैं।
मौजूदा
विधायक
पर
उठ
रहे
सवाल
बुलंदशहर
के
मौजूदा
विधायक
बसपा
से
हाजी
अलीम
हैं।
पत्नी
की
हत्या
के
बाद
मीडिया
की
सुर्खियां
बने
अलीम
का
लंबा
इतिहास
है।
उनके
समर्थक
और
रिश्तेदारों
की
गुंडागर्दी
आए
दिन
शहर
में
चर्चा
का
विषय
बनी
रहती
है।
विकास
की
बात
करें
तो
आम
जनता
में
उनके
प्रति
भारी
नाराजगी
है।
वो
विधायक
जी
से
बीते
दस
सालों
का
लेखा-जोखा
मांग
रहे
हैं
टिकट
का
बंटवारा
2017
विधानसभा
चुनावों
को
देखते
हुए
सत्ताधारी
पार्टी
सपा
ने
बुलंदशहर
से
मोहम्मद
मुस्तकीम
अल्वी
को
टिकट
दिया
है,
जबकि
बसपा
ने
हाजी
अलीम
का
टिकट
काटते
हुए
हाजी
इमरान
को
प्रत्याशी
बनाया
है।
कांग्रेस
और
भाजपा
दोनों
ने
अपने
पत्ते
नहीं
खोले
हैं।