क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

15 अगस्त स्पेशल: जब शिव भक्तों के लिए बस ड्राइवर 'सलीम शेख' बना फरिश्ता

Google Oneindia News

नई दिल्ली। इस वक्त केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के बहुत सारे देश आतंकवाद से जूझ रहे हैं, हर साल ना जाने कितने मासूमों को अपनी क्रूरता का निशाना बनाते वाले कुख्यात आतंकवादी धर्म की आड़ में लोगों के अंदर दहशत भरकर इंसानियत का खून करते हैं लेकिन सच तो ये है कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं और आतंकवादी का कोई जमीर नहीं।

15 अगस्त स्पेशल: दीपा मलिक वो नाम, जिसने हौंसलों के दम पर जीत ली दुनिया...15 अगस्त स्पेशल: दीपा मलिक वो नाम, जिसने हौंसलों के दम पर जीत ली दुनिया...

जुलाई में सावन के पहले सोमवार को जब अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला हुआ था, तो ये बात पूरी तरह से सत्यापित हो गई थी , क्योंकि अगर शिव भक्तों पर गोलियां बरसाने वाला अबु इस्माइल एक मुसलमान था तो उनकी जान बचाने वाला भी एक मुस्लिम यानी ड्राईवर सलीम शेख था।

मजहब नहीं सिखााता आपस में बैर रखना

मजहब नहीं सिखााता आपस में बैर रखना

जी हां, जिस बस पर दहशतगर्तों ने गोलियां बरसाई थीं, उसे चलाने वाला सलीम शेख ही था, जिसने बहादुरी का परिचय देते हुए ना केवल श्रद्दालुओं की जान बचाई बल्कि अपनी जान को खतरे में डालकर बस में सवार हर यात्री की सलामती के लिए ऊपर वाले से दुआ भी मांगी थी।

मेरा खुदा किसी को मारने की बात नहीं करता

मेरा खुदा किसी को मारने की बात नहीं करता

सलीम ने जब उस खौफनाक किस्से के बारे में लोगों को बताया तो ये ही कहा कि इस्लाम और जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने वाले केवल अपना फायदा चाहते हैं। एक सच्चे मुसलमान का मतलब होता है मुसल्लम ईमान और मेरा खुदा किसी को मारने की बात नहीं बल्कि उसे बचाने की शिक्षा देता है।

मेरा फर्ज था

मेरा फर्ज था

सलीम ने कहा जिस वक्त मैं बस चला रहा था तो मेरे दिमाग में केवल एक ही बात चल रही थी कि मैं किसी तरह बस में सवार लोगों को बचा पाऊं,ना मैं उस वक्त मुसलमान के बारे में सोच रहा था और ना ही हिंदू के बारे में। मैंने जो किया वो मेरा फर्ज था और कुछ नहीं।

सात अमरनाथ यात्रियों की मौत

सात अमरनाथ यात्रियों की मौत

आपको बता दें कि अनंतनाग जिले में आतंकवादियों ने पिछले महीने एक बस पर हमला किया था जिसमें छह महिलाओं समेत गुजरात के सात अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई थी और 32 अन्य घायल हो गए थे।

सलीम शेख का नाम वीरता पुरस्कार के लिए

सलीम शेख का नाम वीरता पुरस्कार के लिए

अंधाधुंध गोलियों की बौछार के बीच बस के ड्राईवर सलीम ने अपनी जान की परवाह किए बहादुरी से बस अपनी बसा चलाता रहा, इस हमले के दौरान बस का एक टायर भी पंक्चर हो गया था लेकिन सलीम शेख ने बस नहीं रोकी और क़रीब डेढ़ किलोमीटर तक तब तक अपनी बस दौड़ाता रहा, जब तक वो आतंकवादियों की पहुंच से बाहर नहीं निकल गया। गुजरात सरकार ने कहा है कि वो सलीम शेख का नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजेगी।

Comments
English summary
Muslim Driver Salim Sheikh from Gujarat helped save many lives in the terror attack on a bus of Amarnath pilgrims in Jammu and Kashmir.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X