जानिए फर्जी नाम रखकर क्या किया था राहुल गांधी ने?
कहते हैं सरकार के हर बड़े फैसले प्रधानमंत्री के दफ्तर में नहीं बल्कि 10 जनपथ पर होते हैं। यानी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर पर। जाहिर है कांग्रेस उपाध्यक्ष होने के नाते उनके बेटे राहुल गांधी की भी हर फैसले में अहम भूमिका रहती है। राहुल वो शख्सियत हैं, जिन्हें कांग्रेस ने शुरू से ही युवा चेहरे के रूप में जनता के सामने परोसा। उनके राजनीतिक करियर पर तमाम उतार चढ़ाव आये, और तमाम अभी जारी हैं। हम यहां फोकस कर रहे हैं राहुल गांधी के राजनीतिक सफर और उनके जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जो शायद आप नहीं जानते होंगे।
राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को दिल्ली में हुआ। राहुल शुरू से ही लोकसभा में उत्तर प्रदेश के अमेठी चुनाव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का पूरा श्रेय इन्हीं को दिया गया था। अनुभवहीनता के चलते राहुल ने मनमोहन सिंह की सरकार में कभी भी मन्त्रीपद नहीं लिया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का प्रोफाइल
राहुल की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलम्बा स्कूल में हुई। उसके बाद उन्होंने दून विद्यालय से पढ़ाई की। सन 1981-83 तक सुरक्षा कारणों के चलते राहुल को अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी। राहुल ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से सन 1994 में अपनी कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सन 1995 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एम.फिल. की डिग्री हासिल की।
राजनीतिक करियर
2003 से वह सार्वजनिक समारोहों और कांग्रेस की बैठकों, रैलियों में अपनी माँ सोनिया के साथ दिखाई देने लगे। जनवरी 2004 में एक सभा के दौरान मीडिया के एक सवाल पर राहुल ने कहा "मैं राजनीति के विरुद्ध नहीं हूँ। मैंने यह तय नहीं किया है की मैं राजनीति में कब प्रवेश करूँगा और वास्तव में, करूँगा भी कि नहीं।" मार्च 2004 में उन्होंने राजनीति में आने का ऐलान किया और चुनाव लड़ने का ऐलान किया। 2007 में राहुल पार्टी के महासचिव बने।
लोकसभा चुनाव और राहुल
लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की भूमिका इसलिये अहम मानी जा रही है, क्योंकि कांग्रेस को हर तरफ से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। नरेंद्र मोदी का फैक्टर भले ही भाजपा को मजबूत कर रहा है, लेकिन ऐसे में हमें 2009 के परिणामों को भूल नहीं सकते, जब भाजपा की लहर होते हुए भी कांग्रेस बाजी मार ले गई थी। राहुल गांधी की युवा शक्ति कब करिश्मा दिखा दे यह कोई नहीं जानता है। देश का मुस्लिम और दलित वोट कहीं न कहीं कांग्रेस के पक्ष में आता दिख रहा है।
राहुल गांधी से जुड़ी ऐसी बातें जो शायद आप नहीं जानते होंगे, पढ़ने के लिये स्लाइडर में तस्वीरों के सामने टेक्स्ट देखें।
फर्जी नाम रखा
राहुल ने मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद नकली नाम "रॉल विंसी" रखा। इसी नाम से उन्होंने गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप में 3 साल काम किया। खास बात यह है कि जब वो उस कंपनी में कार्यरत थे, तब वहां के लोग नहीं जानते थे कि वो देश के पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे हैं।
आईटी कंपनी के निदेशक बने राहुल
सन 2002 के अंत में राहुल गांधी मुंबई में स्थित एक अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी से संबंधित आउटसोर्सिंग कंपनी बैकअप्स सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मंडल में शामिल हो गये।
राहुल का पहला चुनाव
राहुल गांधी ने अपना पहला चुनाव 1,00,000 के बड़े मार्जिन के साथ जीता।
जब मायावती ने रोका राहुल को
मायावती ने जब राहुल गांधी को चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने के लिए सभागार का उपयोग करने से रोका दिया तब उनकी शक्ति का पता चला। राज्यपाल श्री टी.वी.राजेश्वर ने विश्वविद्यालय के कुलपति वी.के.सूरी को सेवा से बाहर कर दिया।
2004 में राहुल की संपत्ति
वर्ष 2004 में राहुल गांधी की कुल संपत्ति 55,38,123 यानी 55 लाख रुपए की थी।
2009 में राहुल की संपत्ति
वर्ष 2009 में राहुल गांधी की कुल संपत्ति बढ़कर 2,32,74,706 यानी करीब 2 करोड़ रुपए की हो गई।
क्रिमिनल केस नहीं
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कोई क्रिमिनल केस नहीं है।
राहुल के पास कितना पैसा
राहुल के पास 70 हजार रुपए कैश, 10,92,602 के फिक्स्ड डिपॉजिट, 10,29,128 रुपए की पोस्टल सेविंग हैं। 1,50,000 रुपए की ज्वेलरी है।
राहुल का फार्म हाउस
राहुल गांधी की एक कृषि भूमि, सुल्तानपुर मेहरोली नई दिल्ली में है। उसकी कीमत 38,08,244 रुपए है। जबकि साकेत नई दिल्ली में मेट्रो पॉलिटन मॉल है, जिसकी कीमत 1,63,95,111 रुपए है।