मायावती के जन्मदिन पर विशेष: दलित की बेटी से यूपी की सीएम तक
मायावती का जन्म 15 जनवरी, 1956 में दिल्ली में एक दलित परिवार के घर पर हुआ। पिता प्रभु दयाल जी भारतीय डाक-तार विभाग के वरिष्ठ लिपिक के पद से सेवा निवृत्त हुए।
नई दिल्ली। आज मायावती 62 साल की हो गई हैं। कुछ साल पहले अपने जन्मदिन पर करोडों रुपये की माला पहनने से सुर्खियों में आईं मायावती इस बार बेहद ही सादे तरीके से अपना जन्मदिन मना रही हैं। चलिए उनकी निजी जिंदगी और राजनीतिक सफर पर एक नजर डालते हैं। साथ ही हम यह भी दावा करते हैं कि इस लेख में मायावती के बारे में आपको ऐसी बातें पता चलेंगी, जो शायद आप नहीं जानते होंगे
मायावती की निजी जीवन
मायावती का जन्म 15 जनवरी, 1956 में दिल्ली में एक दलित परिवार के घर पर हुआ। पिता प्रभु दयाल जी भारतीय डाक-तार विभाग के वरिष्ठ लिपिक के पद से सेवा निवृत्त हुए। उनकी माता रामरती अनपढ़ महिला थीं परन्तु उन्होंने अपने सभी बच्चों की शिक्षा में रुचि ली और सबको योग्य भी बनाया। मायावती के 6 भाई और 2 बहनें हैं। इनका पैतृक गाँव बादलपुर है जो उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में स्थित है। बीए करने के बाद उन्होंने दिल्ली के कालिन्दी कॉलेज से एलएलबी किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने बीएड भी किया। अपने करियर की शुरुआत दिल्ली के एक स्कूल में एक शिक्षिका के रूप में की। उसी दौरान उन्होंने सिविल सर्विसेस की तैयारी भी की। वे अविवाहित हैं और अपने समर्थकों में 'बहनजी' के नाम से जानी जाती हैं।
राजनीतिक जीवन
1977 में मायावती कांशीराम के सम्पर्क में आयीं। वहीं से उन्होंने एक नेत्री बनने का निर्णय लिया। कांशीराम के संरक्षण में 1984 में बसपा की स्थापना के दौरान वह काशीराम की कोर टीम का हिस्सा रहीं। मायावती ने अपना पहला चुनाव उत्तर प्रदेश में मुज़फ्फरनगर के कैराना लोकसभा सीट से लड़ा था। यह सीट बिजनौर में आती है। 3 जून 1995 को मायावती पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। और उन्होंने 18 अक्टूबर 1995 तक राज किया।
बतौर
मुख्यमंत्री
दूसरा
कार्यकाल
21
मार्च
1997
से
21
सितंबर
1997
तक,
तीसरा
कार्यकाल
3
मई
2002
से
29
अगस्त
2003
तक
और
चौथी
बार
13
मई
2007
को
उन्होंने
मुख्यमंत्री
पद
ग्रहण
किया।
इस
बार
उन्होंने
पूरे
पांच
साल
तक
राज
किया,
लेकिन
2012
में
समाजवादी
पार्टी
से
हार
गयीं।
हार
का
प्रमुख
कारण
पूरे
प्रदेश
में
अपनी
मूर्तियाँ
लगाने
और
अपने
मंत्रियों
द्वारा
घोटाले
थे।
सबसे
बड़ा
विवाद
है
ताज
कॉरिडॉर
केस
2002
में
उत्तर
प्रदेश
सरकार
ने
ताज
हेरिटेज
कॉरिडोर
का
निर्माण
शुरू
किया।
देखते
ही
देखते
पूरा
प्रोजेक्ट
विवादों
में
आ
गया।
मायावती
की
टेबल,
तमाम
सारे
ज्ञावनों,
पर्यावरण
विभाग
के
नोटिस,
सीबीआई
के
नोटिस,
सुप्रीम
कोर्ट
के
नोटिसों
से
भर
गई।
ऊपर
से
विपक्षी
दलों
ने
उनपर
जमकर
हमले
किये।
इस
दौरान
सीबीआई
ने
मायावती
के
12
आवासों
पर
रेड
डालीं।
उसी
दौरान
आय
से
अधिक
संपत्ति
का
खुलासा
हुआ।
इसमें
17
करोड़
रुपए
की
हेराफेरी
के
आरोप
लगे
थे,
लेकिन
सुप्रीम
कोर्ट
ने
सीबीआई
की
उस
याचिका
को
खारिज
कर
दिया,
जिसमें
मायावती
को
आरोपी
बनाया
गया
था।
सीबीआई
ने
मायावती
और
नसीमुद्दीन
के
खिलाफ
चार्जशीट
में
कई
त्रुटियां
की
थीं।
मायावती पर पुस्तकें
- आयरन लेडी कुमारी मायावती, पत्रकार मोहमद जमील अख्तर ने लिखी।
- मेरा संघर्षमयी जीवन और बहुजन मूवमेंट का सफरनामा तीन भागों में लिखा गया।
- बहनजी: ए पोलिटिकल बायोग्राफी ऑफ मायावती, वरिष्ठ पत्रकार अजय बोस द्वारा लिखी गयी।
- आरटीआई कार्यकर्ता डा.नूतन ठाकुर पत्नी अमिताभ ठाकुर आईपीएस मायावती के सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनैतिक महत्व को रेखांकित करते हुए एक पुस्तक लिख रही हैं।
जहर
और
मायावती
विकीलीक्स
के
मुताबिक
मायावती
को
हमेशा
डर
लगा
रहता
है
कि
उन्हें
कोई
जहर
न
दे
दे,
लिहाजा
वो
अपने
साथ
फूड
टेस्टर
लेकर
चलती
हैं।
उसके
द्वारा
भोजन
खाने
के
बाद
ही
मायावती
भोजन
ग्रहण
करती
हैं।
मायावती
के
पास
ज्वेलरी
आपको
जानकर
ताज्जुब
होगा
कि
मायावती
के
पास
1,05,85,000
रुपए
के
हीरे
जवाहरात
हैं।
कनॉट
प्लेस
में
कमर्शियल
बिल्डिंग
दिल्ली
के
कनॉट
प्लेस
में
मायावती
की
खुद
की
दो
बिल्डिंगें
हैं।
पहली
एक
3628
वर्गफुट
में
बनी
है,
जिसकी
2004
में
कीमत
20500000
रुपए
थी।
वर्तमान
में
उसकी
कीमत
9,39,00,000
यानी
करीब
9
करोड़
रुपए
है।
दूसरी
कमर्शियल
बिल्डिंग
4535
वर्ग
फुट
पर
है,
जो
उन्होंने
17
नवंबर
2005
में
खरीदी
थी।
उस
समय
उसकी
कीमत
12700000
रुपए
थी,
आज
उसकी
भी
कीमत
9,45,00,000
यानी
9
करोड़
रुपए
है।