केवल इंदिरा जैसा दिखना ही प्रियंका गांधी के लिए काफी नहीं!
नई दिल्ली। कांग्रेस के स्टार प्रचारक के रूप में प्रियंका गांधी की लॉन्चिंग उनकी दादी इंदिरा गांधी के जन्मदिन यानी कि 19 नवंबर के दिन हो सकती है।
दादी इंदिरा गांधी के बर्थडे वाले दिन होगी प्रियंका की लॉन्चिंग!
हमेशा प्रियंका गांधी की तुलना उनकी दादी इंदिरा से की जाती है क्योंकि रूप और कद-काठी में वो काफी हद तक इंदिरा गांधी जैसी दिखती हैं, इस बात को कांग्रेस भी बखूबी जानती है इसलिए इंदिरा गांधी के जन्मदिन के दिन प्रियंका की लॉन्चिंग का प्रस्ताव रखा गया है।
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लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या प्रियंका का इंदिरा जैसा मात्र दिखना ही कांग्रेस के अस्तित्व को बचाने के लिए काफी है क्योंकि प्रियंका को अभी भी राजनैतिक पृष्ठभूमि पर अपने आप को दादी की तरह साबित करना बाकी है।
आईये इस गंभीर विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं नीचे की तस्वीरों में...
इंदिरा का अक्स
प्रियंका गांधी के अंदर लोगों को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का अक्स दिखायी पड़ता है। वह उन्हीं की तरह खूबसूरत व्यक्तित्व की मालकिन हैंं। उनके पास भी इंदिरा जी जैसा प्रभावशाली और हंसमुख व्यक्तित्व है। उनमें निर्णय लेने की क्षमता दिखती हैं और वो लोगों को बखूबी जवाब देना भी जानती हैं।
राजनीतिक अनुभव नहीं
लेकिन इंदिरा गांधी जैसी प्रियंका कूटनीतिज्ञ और राजनीति की बातें नहीं करती हैं। राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखने वाली प्रियंका के पास राजनीतिक अनुभव नहीं है। वो राजीव गांधी और सोनिया गांधी की पुत्री और राहुल गांधी की बहन जरूर हैं, उन्होंने सियासी रंगत को बचपन से देखा है लेकिन इसके बावजूद वो अभी तक सियासी रंगों से दूर ही हैं।
निर्णय लेने की क्षमता
प्रियंका गांधी के अंदर अपने भाई राहुल गांधी से इतर निर्णय लेने की क्षमता दिखती है, उन्हें यह पता है कि लोगों से काम कैसे करवाया जाता है। उनकी पर्सनल जिंदगी इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि वो विरोध सहने के बावजूद अपने फैसले खुद लेती है, हम किस विषय में बात कर रहे हैं इसका अंदाजा आपको लग गया होगा।
आक्रामक नहीं
लेकिन प्रियंका गांधी के अंदर मिलनसार और शांति वाले गुण है जबकि इंदिरा गांधी काफी आक्रामक हुआ करती थीं। प्रियंका की छवि लोगों के दिल में स्माइल करते हुए और हाथ हिलाकर अभिवादन करने वाली है जबकि इंदिरा गांधी एक अनुशासन प्रिय और स्पष्ट वक्ता हुआ करती थीं।
वाकपटु और समझदार
प्रियंका गांधी अपनी दादी की तरह ही काफी वाकपटु हैं और समझदार है। उनकी बातें किसी को भी समझ में आ जाती हैं। प्रियंका की सौम्यता औऱ सादगी लोगों को एकत्र करने के लिए काफी है, वो स्थिति को संभाल भी लेती है लेकिन क्या सिर्फ इतनी ही बातों से वो कांग्रेस की डूबती नैया को पार लगा सकती हैं, ये एक यक्ष प्रश्न है?
पाक-साफ छवि
प्रियंका गांधी की छवि काफी पाक-साफ है, अपनी गलती को मानना भी उन्हें आता है, यूपी चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद प्रियंका के ही कहने पर राहुल ने माना था कि पार्टी का संगठन यूपी में कमजोर है। किसी भी नेता केे लिए सार्वजनिक रूप से गलती स्वीकार करना अपने आप में एक बड़ी बात है जो कि प्रियंका में दिखती है।
विवादों में पति राबर्ट वाड्रा
प्रियंका गांधी के लिए सबसे नकारात्मक प्वाइंट यह है कि वह भले ही पाक-साफ हों लेकिन उनके पति राबर्ट वाड्रा का विवादों से पुराना नाता है। हाल ही में जो खुलासे हुए हैं उसके मुताबिक उनके ऊपर भूमि भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। ऐसे में पति की इस छवि के साथ कैसे प्रियंका गांधी कांग्रेस के लिए तुरूप का पत्ता साबित होंगी ये एक जटिल सवाल है, जिसका जवाब हर कोई खोज रहा है।