यूपी पर पड़ी चादर को हटाकर तो देखिये, दिखेगा Positive India
अंकुर शर्मा
[Positive India] जब उत्तर प्रदेश की कमान अखिलेश यादव के हाथ में गई तब विकास के लिए तरस रहे यूपी के लोगों को काफी उम्मीदें थीं, कि शायद अब कुछ होगा। लेकिन बढ़ते अपराध और ध्वस्त कानून व्यवस्था की धुंध में यूपी सरकार के अच्छे कामों भी ओझल हो गये। देश-दुनिया में जिस यूपी को खरी-खोटी सुनाने में लोग जरा भी देर नहीं लगाते हैं, वही यूपी पॉजिटिव इंडिया का भाग बन कर आगे बढ़ चुका है। इतना पढ़ते ही आपके जहन में दो शब्द गूंजे होंगे- वो कैसे? बस इन्हीं दो शब्दों का उत्तर यहां आपको मिलेगा।
किसी भी राज्य की तरक्की के लिए उस राज्य का पहले औद्योगिक विकास होना बहुत ज्यादा जरूरी है। इस बात को यूपी के मुखिया बखूबी समझते हैं और इसी कारण उन्होंने प्रदेश में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास नीति को सफलता पूर्वक लागू किया है। यह कैसे यूपी के विकास में कारगर होगा इसको समझने के लिए पहले हमें जानना होगा कि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास नीति है क्या?
क्या है अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास नीति?
किसी समाज या उद्योग के सुचारु रूप से काम करने के लिये आवश्यक मूलभूत भौतिक एवं संगठनात्मक संरचना को अवस्थापना (Infrastructure) कहते हैं। दूसरे शब्दों में, अर्थव्यवस्था को काम करने के लिये जिन सेवाओं और सुविधाओं की जरूरत होती है उसे अवस्थापना कहा जाता हैं। और जब इस पर उद्योग के जरिये विकास पैदा किया जाता है तो यह औद्योगिक विकास बन जाता है जिसके लिए सरकार ने एक नीति बनायी है जिसे ही हम अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास नीति यानी कि Infrastructure and Industrial Development Policy कहते हैं।
इस नीति के जरिये यूपी में क्या-क्या हुआ?
यूपी की सपा सरकार ने जो आंकड़े पेश किये हैं, उसके हिसाब से साल 2012 और साल 2013 में 11872.58 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसके जरिये उम्मीद जताई जा रही है कि कुल 7,76,831 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे जो कि सुखद और सकारात्मक शरूआत है। यूपी में इस समय पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या बहुत ज्यादा है, अगर वाकई में यूपी सरकार की यह बात सही है तो फिर यूपी में एक सुखद सवेरा होने वाला है।
यूपी में कौन-कौन कंपनियां आना चाहती हैं?
यूपी सरकार ने जिन कंपनियों को अपने यहां आने का मौका दिया है उनमें रिलायन्स, आईटीसी, एस्सेल, सोनालिका ट्रैक्टर्स, एमिटी, फोर्टिस, गेल, जेपीएल, एग्रो, डंकन गोयनका, श्री सीमेंट्स जैसे प्रतिष्ठित समूह शामिल हैं।
लखनऊ में इलेक्ट्रॅनिक सिटी
आपको बताना चाहेंगे कि आईटी सिटी बेंगलुरु के दक्षिणी भाग में एक नया इलाका बसाया गया है, जिसका नाम है इलेक्ट्रॉनिक सिटी। विप्रो, इंफोसिस, एचसीएल, हनीवेल, समेत तमाम बड़ी छोटी कंपनियों को यहां अपनी इकाईयां स्थापित करने के लिये बड़ी-बड़ी जगहें मुहैया करायी गईं। ऐसा ही इलेक्ट्रॉनिक सिटी अब लखनऊ में बनने जा रहा है। जिसके लिये 1500 करोड़ रुपए का खर्च आयेगा। इसकी शुरुआत एचसीएल कंपनी ने की है।
कुछ बातें जिनपर आपको होगा यूपी पर गर्व
- यूपी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है यमुना एक्सप्रेस-वे, जिसकी सेमी कंडक्टर वैफर फैन इकाई हेतु मार्च 2014 में इच्छा पत्र जारी कर दिया है।
- देश के मशहूर अमूल ब्रांड भी अब यूपी के लखनऊ, कानपुर, वाराणसी एवं सैफई में अपनी कंपनियां खोलने जा रहा है।
- मदर डेयरी भी यूपी के औरैया में अपनीं कंपनी खोलने जा रही है जिसके जरिये यूपी में करीब 20,000 से अधिक नये रोजगार के अवसर मिलने के आसार हैं।
- हरदोई और कानपुर में चमड़े की कंपनियां खुलने की बात कही जा रही है जिसमें करीब 2000 करोड़ रूपये के निवेश होने की बात कही गई है।
- नैनी (जनपद-इलाहाबाद) में नई ग्रीन फील्ड एकीकृत टाउनशिप विकसित की जा रही है।
- लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, आदि में आई.टी. पार्क विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
- औरैया को प्लास्टिक सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है जिस पर काम शुरू हो चुका है।
- राजधानी लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना का काम तेजी से चल रहा है।
- नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा को लगभग 5,064 करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो से जोड़ा जायेगा, ताकि दिल्ली पहुंचना बहुत आसान हो।
- फिरोजाबाद में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण शुरू हो चुका है।
- कुशीनगर को पर्यटन सिटी बनाने की कोशिशें तेज हैं, ताकि चीन, जापान, कोरिया के पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
- निजी क्षेत्रों के अलावा राज्य सरकार अपने स्तर से भी बड़े पैमाने पर पूंजीगत सुविधाओं के विकास पर निवेश कर रही है।
'मेक इन यूपी' के बिना 'मेक इन इंडिया' संभव नहीं
सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि 'मेक इन यूपी' के बिना 'मेक इन इंडिया' संभव नहीं है, क्योंकि जनसंख्या के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ-साथ देश का सबसे बड़ा बाजार भी है। इसलिए अगर यूपी का विकास होगा तब जाकर देश का विकास होगा।
पॉजीटिव इंडिया
अगर वाकई में सीएम अखिलेश यादव की बातें सही हो गईं तो राज्य का कोई भी युवक बेरोजगार नहीं होगा और ना ही दिशा भ्रमित होगा और प्रदेश से लोग पलायन करने से बचेंगे। बुद्दि कौशल का यूज केवल यूपी के लिए होगा क्योंकि अभी तक प्रदेश के पढ़े-लिखे लोग दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरू और चेन्नई का रूख करते हैं पैसा कमाने के लिए क्योंकि उन्हें मनचाही नौकरी अपनी योग्यता के अनुसार नहीं मिलती है लेकिन जब प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध होगा तो किसी मां का बेटा अपनी मां को छोड़कर परदेश (घर छोड़कर जाना) नहीं जायेगा।
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इस नीति का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस नीति के जरिये प्रदेश की सूरत और सीरत बदलेगी। सड़कें, मैट्रो, हाईटेक मॉल जब यूपी में खुलेंगे तो लोगों की लाइफ अच्छी होगी, लोगों के पास वो सबकुछ होगा जो कि एक मैट्रोपॉलिटन सिटी में रहने वालों के होता है, लोगों को लग्जरी और कंफर्ट लाइफ जीने को मिलेगी जिसकी वजह से हर कोई शान से कहेगा कि हम यूपी से हैं .. हम यूपी वाले हैं।
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