Positive India: इंडिया को तरक्की के लिए चाहिए High-way भी I-way भी
अंकुर शर्मा
बैंगलुरू। आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात संमदर दूर अमेरिका में 'डिजिटल इंडिया' के लिए विश्व के संपन्न लोगों से समर्थन मांग रहे हैं। देश के पीएम नरेन्द्र दामोदार दास मोदी का कहना है कि वक्त बदल चुका है इसलिए हमें भी वक्त के साथ-साथ चलना चाहिए नहीं तो हम पीछे छूट जायेंगे। आज देश के अगर विकास के लिए जितने 'हाई-वे' चाहिए उतने ही 'आई-वे' भी चाहिए। इसलिए डिजिटल होना बहुत जरूरी हो गया है। इसलिए आज हम Positive India में बात करेंगे 'डि़जिटल इंडिया प्रोग्राम' की।
पीएम मोदी का दावा..जीवन को सरल और खूबसूरत बनायेगा डिजिटल इंडिया
लेकिन इस बात को समझने के लिए हमें पहले यह जानना होगा कि आखिर 'डिजिटल इंडिया' का मतलब क्या है और क्यों मोदी और उनकी सरकार इस चीज के पीछे पड़ी है।
Positive India: ऑनलाइन छात्रवृत्ति योजना..यानी कोई प्रतिभा पैसों के लिए दम ना तोड़े
क्या है डिजिटल इंडिया?
डिजिटल इंडिया भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही एक खूबसूरत योजना है जिसके जरिये वो देश की जनता को सरकार से सीधे तौर पर जोड़ना चाहती है, वो इंटरनेट के माध्यम से देश के हर नागरिक को सरकारी संस्थान से लिंक-अप करना चाहती है और पेपर वर्क पर रोक लगाना चाहती है। इसलिए वो निम्नलिखित तीन बिंदुओं के तहत इस महात्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है..
-
वो
देश
के
हर
शहर
और
गांव
में
इंटरनेट
पहुंचाना
चाहती
है।
-
इलेक्ट्रानिक
सेवाओं
से
लोगों
को
परिचित
कराना
चाहती
हैं।
- इसलिए सरकार डिजिटल साक्षरता पर जोर दे रही है।
चुनौतियां
लेकिन यह सब एक दिन में पूरा हो नहीं हो सकता है इस प्रोग्राम को अमली जामा पहनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि जिस देश के गांव आज भी बिजली के अभाव में जी रहे हैं वहां के गांव में इंटरनेट कैसे पहुंचेगा यह एक बड़ा प्रश्न है जो कि सरकार के सामने खड़ा है, इसके अलावा और भी कई निम्नलिखित चुनौतियां हैं जिसका सामना सरकार को करना हैं।
-
गांवों
में
एफटीटीएच
ब्रॉडबैंड
पहुंचाने
के
लिए
सड़कों
का
निर्माण
जरूरी।
-
एफटीटीएच
ब्रॉडबैंड
के
लिए
बिजली
का
समुचित
व्यवस्था।
-
लोगों
को
साक्षर
करने
के
लिए
पढ़े-लिखे
योग्य
शिक्षकों
का
चुनाव।
-
ई-कॉमर्स
डिजिटल
इंडिया
प्रोजेक्ट
को
ईमानदारी
से
कार्यान्वित
करना।
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा योजना का कड़ाई से पालन होना।
कैसा होगा डिजिटल इंडिया
अगर यह सारी बातें सुगमता से लागू होती हैं तो भारत की तस्वीर कुछ निम्नलिखित ढंग से होगी...
-
अब
कागजी
काम
एकदम
से
बंद
हो
जायेगा
-
जमीन,
मकान
की
रजिस्ट्री
हर
जगह
कंप्यूटर
होगा।
-
अस्पतालो
में
ऑनलाइन
अप्वॉइंटमेंट
मिलेगा।
-
हॉस्पिटल
के
कंप्यूटर
में
हर
ओपीडी
की
जानकारी
मौजूद
होगी।
-
ई
बस्ता,
ई
लॉकर
जैसी
सुविधा
होंगी
जिसमें
हमेशा
के
लिए
आपका
डाटा
सुरक्षित
होगा।
-
इस
प्रोग्राम
के
तहत
छात्रों
को
सरकारी
छात्रवृत्ति
मिलेगी।
-
बीएसएनल
अब
टेलिफोन
एक्सचेंज
की
जगह
नेक्स्ट
जेनरेशन
नेटवर्क
का
प्रयोग
करेगी।
-
हर
बस-टैक्सी
में
सीसीटीवी
कैमरे
लगेंगे।
-
देश
में
बीपीओ
और
कॉल
सेंटरों
की
संख्या
बढ़ेगी
तो
नौकरी
भी
बढ़ेगी।
-
ग्रामीण
इलाकों
में
भी
कंप्यूटर
अनिवार्य
हो
जायेंगे।
-
2.5
लाख
गांवों
में
ब्रॉडबैंड
और
यूनिवर्सल
फोन
कनेक्टिविटी
की
सुविधा
दी
जायेगी।
-
रेलवे
स्टेशन,
पुलिस
स्टेशन,
अस्पताल
में
हर
जगह
डाटा
अपडेट
होंगे
और
सीसीटीवी
फुटेज
लगेंगे।
-
2.5
लाख
स्कूलों,
सभी
यूनिवर्सिटीज
में
वाई-फाई,
पब्लिक
वाईफाई
हॉटस्पॉट।
1.7
करोड़
लोगों
को
नौकरियां
मिलेंगी।
-
8.5
करोड़
लोगों
को
परोक्ष
रूप
से
रोजगार
मिलेगा।
पूरे
भारत
में
ई-गवर्नेंस।
- इस सुविधा के तहत लोग अपने पैन, आधार कार्ड, मार्कशीट्स और अन्य जरूरी दस्तावेजों को डिजिटली स्टोर कर सकते हैं।
पॉजीटिव इंडिया
देश के लोगों की सबसे बड़ी जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान की होती है और यह सब तभी संभव है जब इंसान की जेब में पैसा हो। सरकार के इस कदम से भारत में लोगों को रोजगार मुहैया होने की उम्मीद है। 1 जुलाई 2015 को अपने डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की लांचिग में पीएम मोदी ने दावा और वादा दोनों करते हुए कहा था कि इस प्रोग्राम की वजह से देश में 8.5 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा और सवा सौ करोड़ की आबादी वाले इस देश में इस तरह से नौकरी मिलेगी तो हर घर के आंगन में मुस्कान खिलेगी और इसी मुस्कान से ही देश की तकदीर भी बदलेगी और तस्वीर भी।