जब 'मिसाइल मैन' डॉक्टर कलाम मिले 'म्यूजिकल मैन' से!
बेंगलुरु। पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अब्दुल कलाम पिछले दिनों इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के एक कार्यक्रम परिक्रमा में शिरकत करने के लिए बेंगलुरु आए थे। डॉक्टर कलाम जिन्हें पूरा देश सादगी के लिए जानता है उनकी मुलाकात अपने इसी बेंगलुरु प्रवास के दौरान एक ऐसे शख्स से हुई, जिसे आप चाहें तो 'म्यूजिकल मैन' कह सकते हैं।
जीं हां देश की मिसाइल टेक्नोलॉजी को एक नई दिशा देने वाले डॉक्टर कलाम पिछले दिनों बेंगलुरु में 'म्यूजिकल मैन' नदीश्वर आचार्य नामक शख्स से हुई और अपने संगीत के ज्ञान से नदीश्वर ने डॉक्टर कलाम का दिल जीत लिया। वन इंडिया के साथ एक खास बातचीत में डॉक्टर कलाम ने अपनी इस 'सुरों से सजी' बेंगलुरु विजिट के बारे में कई राज खोले।
टेक्नोलॉजी के गुरु डॉक्टर कलाम संगीत के मुरीद
अक्सर आप डॉक्टर कलाम को टेक्नोलॉजी और विज्ञान से जुड़ी बातों पर ही चर्चा करते हुए सुनते होंगे लेकिन नदीश्वर से मिलने के बाद डॉक्टर कलाम अपने एक और प्यार संगीत से भी रूबरू हुए।
इतना ही नहीं डॉक्टर कलाम ने खुद यह बात मानी कि 53 वर्षीय नदीश्वर से मिलने के बाद वह भगवान का तहे-दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। कर्नाटक सरकार में कार्यरत नदीश्वर अक्सर प्रोटोकॉल के तहत कई वीवीआईपी के लिए ड्राइव करते नजर आते हैं।
संगीत में पारंगत नदीश्वर
19 जनवरी को आईआईएससी के कार्यक्रम के दौरान नदीश्वर को ही डॉक्टर कलाम के लिए तय कार को ड्राइव करने का मौका मिला था। डॉक्टर कलाम ने बताया, 'परिक्रमा साइंस फेस्टिवल के बाद जब मैं एक स्कूल के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहा था उसी समय नदीश्वर ने मुझे बताया कि उन्हें संगीत में काफी दिलचस्पी है।' नदीश्वर गायन, वायलिन और बांसुरी में पारंगत हैं और उन्होंने इसके लिए पूरी शिक्षा ली हुई है।
नदीश्वर ने सुनाए पसंदीदा कीर्तन
नदीश्वर ने इसके बाद डॉक्टर कलाम को अपने गुरु और संगीत के साथ अपने लंबे जुड़ाव के बारे में बताया। डॉक्टर कलाम ने बातचीत के दौरान बताया कि नदीश्वर ने काफी महान लोगों से संगीत सीखा है जिसमें आरके श्रीराम, आरआर केशवमूर्ति और टीआर महालिंगम जैसे नाम शामिल हैं।
डॉक्टर कलाम के मुताबिक नदीश्वर से मिल कर वह खुद को काफी धन्य मानते हैं। वह इसके लिए भगवान का शुक्रिया अदा करना भी नहीं भूले।
अगले 10 से 15 मिनट तक नदीश्वर, डॉक्टर कलाम को उनके पसंदीदा कीर्तन एक के बाद एक सुनाता रहा। जब कभी सिग्नल पर उनकी कार रुकती तो वह नदीश्वर से अपने पसंद के गायकों के गीत गुनगाने का अनुरोध करते। मजाकिया लहजे में डॉक्टर कलाम ने यह भी बताया कि उन्होंने इस बात को सुनिश्चित किया था कि नदीश्वर ड्राइविंग करते समय हरगिज न गुनगुनाए।
नदीश्वर ने डॉक्टर कलाम को एंडारो महानुबावालू गीत सुनाया। एंडारो श्रीरंगम में एक त्यागराज पंचरत्न कीर्तन है। वह सभी रागों में नदीश्वर की समझ और उसकी आवाज को सुनकर काफी खुश हुए।
नदीश्वर की मुस्कुराहट ने जीता दिल
न सिर्फ नदीश्वर के संगीत ज्ञान बल्कि उसकी मुस्कुराहट ने भी डॉक्टर कलाम का दिल जीता। उन्होंने बताया कि नदीश्वर में अपने काम को जुनून के साथ न सिर्फ करने की ताकत है बल्कि उसमें हर पल काम के दौरान उसका लुत्फ उठाने की भी क्षमता है। उन्हें भुलता ही नहीं कैसे नदीश्वर हर पल मुस्कुराता रहता और खुशी-खुशी अपने काम को अपने अंजाम तक पहुंचाता जा रहा था।
नदीश्वर से सीखें बाकी लोग
उन्होंने कहा कि नदीश्वर दूसरों को यह बात सीखा सकता है कि कैसे आप किसी भी काम को करते हुए उसका मजा उठा सकते हैं। पिछले कई वर्षों से डॉक्टर कलाम के साथी रहने वाले आरके प्रसाद कहते हैं कि पूर्व राष्ट्रपति को दूसरे व्यक्ति में मौजूद योग्यता का पता लगाकर उनकी तारीफ करना बखूबी आता है। नदीश्वर में मौजूद संगीत को परखने की योग्यता ने ही डॉक्टर कलाम का दिल जीत लिया।
नदीश्वर के लिए भगवान डॉक्टर कलाम
यह शायद डॉक्टर कलाम की महानता ही है कि उन्होंने बेंगलुरु में अपने आखिरी कार्यक्रम के दौरान जब भाषण दिया तो उसमें नदीश्वर का जिक्र भी किया। नदीश्वर इस पल को कभी नहीं भूल सकेंगे। उन्होंने डॉक्टर कलाम को भगवान की संज्ञा दे डाली है।
शिमोगा के रहने वाले नदीश्वर पिछले 25 वर्षों से कर्नाटक सरकार के प्रोटोकॉल विभाग में कार्यरत हैं। आठ वर्ष की उम्र से संगीत सीखने वाले नदीश्वर डॉक्टर कलाम का अशीर्वाद पाकर खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं।