जानिए क्यों कहा जाता है सावन में ना खाओ मांस और रहो बीवी से दूर?
नई दिल्ली। आज से साल का सबसे पावन महीना सावन शुरू हो गया है, भगवान शिव का यह प्रिय महीना हर तरह से लोगों को खुशियां ही देता है लेकिन हिंदू रिवाजों में जहां इस महीने हर दिन नये तरीके से पूजा की जाती है वहीं इस महीने के दौरान बहुत सारी चीजों को खाना वर्जित होता है।
आईये जानते हैं सावन के महीने में कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए और क्यों?
मांस-मछली नहीं
सावन के महीने में इंसान को मांस के सेवन से दूर रहने को कहा जाता है, इसके पीछे बहुत सारे धार्मिक कारण हैं लेकिन इसका वैज्ञानिकों की ओर से केवल एक ही सटिक वजह बयाती गयी है और वो यह कि यह मौसम बारिश का होता है, इस दौरान वातावरण में काफी कीड़े-मकोड़े सक्रिय हो जाते हैं जो कि जानवरों के शरीर पर भी पाये जाते हैं, जिनका सेवन करना बीमारियों को दावत देना होता है इस कारण कहा जाता है कि सावन के दौरान इंसान को मांस-मच्छी नहीं खाना चाहिए।
गर्भधारण का समय
सावन के महीने को प्रेम और प्रजनन का महीना कहा जाता है। इस महीने में मछलियां और पशु, पक्षी सभी में गर्भाधान की संभावना होती है। किसी भी गर्भवती मादा की हत्या हिन्दू धर्म में पाप है तो वैज्ञानिकों के अनुसार प्रेग्नेंट जीव को खाने से इंसान को कुछ हार्मोंनल समस्याएं भी हो सकती हैं।
मदिरा पान नहीं
सावन के पूरे महीने में कहा जाता है कि इंसान को मदिरा पान नहीं करना चाहिए जिसके पीछे वैज्ञानिकों ने कहा है कि शराब पीने से इंसान के शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है जो बारिश के मौसम में उसके लिए उष्मा का काम करता है और उसके शरीर पर दुष्प्रभाव डालता है, गर्मी और उमस की वजह से शराब पीने वाले इंसान को पाचन, हार्ट की बीमारियों, शारीरिक दर्द, बुखार जैसी बीमारियों से जूझना पड़ सकता है इसलिए बेहतर होगा कि लोग इस एक महीने में दारू ना पियें।
ब्रहमचर्य का पालन करें
इस
दौरान
व्यक्तियों
को
कहा
जाता
है
कि
वो
इस
दौरान
ब्रहमचर्य
का
पालन
करें
और
शारीरिक
सुख
ना
भोंगे
क्योंकि
इस
दौरान
गर्भधारण
की
संभावना
भी
होती
है
बावजूद
इस
पीरयड
को
बच्चे
के
लिए
वैज्ञानिक
सही
नहीं
मानते
हैं
क्योंकि
इस
दौरान
लड़कियां
और
महिलाएं
काफी
पूजा-पाठ
और
व्रत
करती
हैं
जिसके
कारण
उनकी
सेहत
पर
असर
पड़ता
है,
वो
आंतरिक
रूप
से
मजबूत
नहीं
हो
पाती
हैं।
आखिर
क्यों
हैं
सावन
भगवान
शिव
का
प्रिय
महीना?
ऐसे
में
अगर
वो
गर्भधारण
करती
हैं
तो
होने
वाला
बच्चा
काफी
कमजोर
हो
सकता
है
इसलिए
कहा
जाता
है
कि
सावन
के
महीने
के
दौरान
पति-पत्नि
वैवाहिक
सुख
ना
लें।
वैसे
धार्मिक
ग्रंथों
में
कहा
गया
है
कि
सावन
में
सहवास
करने
से
लोक
ही
नहीं
परलोक
भी
बिगड़
जाता
है।