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नरेंद्र मोदी- व्यक्ति जो है भारत की जरूरत

By Ajay Mohan
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Narendra Modi: The man India needs
नरेंद्र मोदी को वीजा दिये जाने पर अमेरिका का यूटर्न साफ दर्शा रहा है कि परिवर्तन की बयार पश्च‍िम तक पहुंच चुकी है। असर 2014 के आम चुनावों में जरूर दिखाई देगा। यूं तो बाते कई तरह की हो रही हैं पर समीक्षा का मुख्य मुददा लोकसभा चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी की स्थितियों पर टिका है। हाल ही में मोदी पर एक चर्चा हुई जिनमें तीन मुख्य बातें उभर कर सामने आयीं।

1. मोदी का प्रभाव कश्मीर से कन्याकुमारी तक है।
2. मोदी अभूतपूर्व हैं।
3. अभूतपूर्व मोदी की लहर देशव्यापक है।

एक और अनुमान जो इस चर्चा से निकला वो ये है कि भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की चयन कौशलता और सावधानी उसे चुनाव में 220 सीट से पार की सफलता भी दिला सकती है। मगर चुनाव कब किस दिशा का रुख ले ले क्या पता अगर भाजपा विफल होती है तो वो खुद इस हार की जिम्मेदार होगी।

कांग्रेस का प्रदर्शन निरंतर निराशाजनक दिखाई दे रहा है और दूसरी जन समर्थन से बनी आम आदमी पार्टी विदेशी राजनायकों, राजदूतों, उच्चायुक्तों के बीच सुर्खयों में है। कांग्रेस के लिए इससे ज्यादा निराशाजनक स्थिति और क्या हो सकती है। बहराल इनके अनुभवों की माने तो आप को एक दर्जन से ज्याद सीट मिलनी मुश्किल है।

यदि प्रसिद्धि के नज़रिये से बात करे तो जितनी प्रसिद्धि मोदी को मिल रही है उसको कोई और उम्मीदवार टक्कर देते नहीं दिखाई देता। जैसे 1998-1999 के बीच हुए चुनाव में देश में अटल बिहारी वाजपेयी जी की लहर बही थी वैसी ही सिथति आज मोदी के संदर्भ में दिखाई दे रही है।

मौजुदा ओपीनियन पोल सिथति पर गौर करें तो मोदी को राहुल गांधी की अपेक्षा तीन गुणा अधिक मत मिलते दिखाई दे रहें हैं। मगर कहीं न कहीं एक शंका इस बात को लेकर भी जताई जा रही है कि 2004 के चुनाव में भाजपा में बाजपेयी का प्रभुत्व होते हुए भी पाट को शिकस्त मिली पर फिर भी पार्टी को पूरी उम्मीद है कि वो इस बार हार को शिकस्त दे कर विजय होगी। और फिर भाजपा पूरी जोर शोर से चुनाव के प्रचार में जुटी है।

जनता अपने प्रतिनिधि में जिस आत्मविष्वास को देखना पसंद करती जो जज़्बा चाहती है उस -दृष्टि से भी मोदी लोकनायक का रुप में प्रतिशिठत होते दिख रहै हैं। और यह बात भी सच है कि एक कुशल आत्मवविश्वासी और दृढ निश्चय व्यक्तित्व वाला उम्मीदवार किसी भी चुनाव में पार्टी के विजय में एक बडे स्तर पर सहायक होता है। जैसे 1977 के चुनाव में सपा के प्रतीक से ज्यादा पार्टी के उम्मीदवार पार्टी की पहचान बनें।

2014 के चुनाव में भाजपा की सिथति की जीत के कयास तो लगाए जा रहें है पर चुनाव और उसके परिणाम की घोषणा से पहले स्पष्टत: कुछ कहा नहीं जा सकता। जरुरत से ज्यादा आत्मविश्वास भी कभी-कभी पचता नहीं है और कांग्रेस उसका एक सटीक उदाहरण है जो 1977 में रायबरेली और अमेठी से पराजित होकर अधिक आत्मविश्वास का परिणाम भुगत चुकी है।

आज मोदी जनता कौ मांग बन गए है। जनता प्रतिक्षा कर रही है मोदी का भावी प्रधानमंत्री के रुप में। जनता को मोदी से आर्थिक विकास की उम्मीद है या कहें की एक देश और समाज के मूलभूत विकास की उम्मीद है ठीक वैसे ही जैसे कभी जनता वाजपेयी जी की राह देख रही थी। आज मोदी के लिए भी वायपेयी जी की तरह कहना लज़मी हो गया है कि "HE is the man India await"।

अब देशवासियों की उम्मीद यहीं है कि एनडीए के शासन में भारत उस देश की तरह जाना जाए जिसका 21 वीं शताब्दी की दुनिया में अभूतपूर्व योगदान हो। जो देश को विकासशील से विकसित बना दे।

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English summary
Narendra Modi is the man India awaits. Indeed, it could be tweaked to “The man India needs” – to restore confidence in Government, to resuscitate the economy and to reinstate faith in our entrepreneurial spirit.
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