भारत से जुड़ी इन बातों पर है भरोसा तो अपनी नॉलेज चेक करिए
बेंगलुरु। 15 अगस्त को देश 69वां स्वाधीनता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में हमने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसी बातों से आपको रूबरू करवाया जाएं जिन्हें आप अक्सर सच मानते आए हैं।
ये कुछ ऐसे मिथ्स हैं जिन्हें अक्सर विदेशी पर्यटक सच मानने लगते हैं। यहां तक कि भारतीय मूल के ऐसे नागरिक भी चर्चा करने लगते हैं जिन्होंने कभी इस देश में कदम नहीं रखा है, इन बातों पर यकीन करने लगते हैं।
क्लिक कीजिए इन स्लाइड्स पर और जानिए भारत से जुड़े कुछ रोचक मिथ्स।
भारत एक गर्म देश है
भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से देखा जाए तो यह सच है। लेकिन अगर आपको लगता है कि भारत में सिर्फ गर्मी और गर्मी ही रहती है तो आप गलत है। यहां पर सर्दी, वसंत, गर्मी, बारिश और पतझड़ का भी मौसम आता है।
सिर्फ खाना पकाने वाली 'भारतीय नारी'
लोगों के मन में ऐसी धारणा बनी हुई है कि भारतीय महिलाएं सिर्फ किचन में खाना पकाती हैं और अपना घर संभालती हैं। यहां चंदा कोचर और अरुंधति भट्टाचार्या जैसी महिलाएं भी हैं घर संभालने के साथ सीईओ या फिर मैनेजिंग डायरेक्टर जैसी जिम्मेदारियों को भी निभा रहीं हैं।
'हिंदी' भारत की राष्ट्रीय भाषा
जी नहीं अभी तक हिंदी को भारत में राष्ट्रीय भाषा का दर्जा हासिल नहीं हुआ है। भारत में हिंदी के साथ ही 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला हुआ है।
अंग्रेजी न समझने वाले 'इंडियंस'
यह भी एक मिथ ही है कि भारत के लोगों की अंग्रेजी या तो कमजोर है या फिर उनका एक्सेंट बिगड़ा हुआ है।
सपेरों और जादू-टोनों का देश भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 15 अगस्त के अपने भाषण में साफ कर दिया था कि जो लोग यह सोचते हैं कि भारत सिर्फ सपेरों और काला जादू करने वाले लोगों को देश है, वह गलत हैं। भारत अब बदल चुका है और अब यह 'डिजिटल इंडिया' बन चुका है।
एक 'रेपिस्ट नेशन' नहीं है भारत
यह मान लेना कि भारत में सारे पुरुष एक जैसे हैं, पूरी तरह से गलत है। यहां आज भी बड़ी संख्या में ऐसे पुरुष मौजूद हैं जो महिलाओं के हक में आवाज उठाने और उन्हें बराबरी का दर्जा देने में यकीन रखते हैं।
अरेंज मैरिज के बारे में गलत जानकारी
ज्यादातर विदेशी पर्यटकों की मानें तो भारत में अरेंज मैरिज आज भी माता-पिता बच्चों पर दबाव डालकर यानी जबर्दस्ती कराई जाती है। जबकि हकीकत यह है कि आज देश में 'लव कम अरेंज मैरिज' का ट्रेंड तेजी से आगे बढ़ रहा है।
सिर्फ टूटी सड़कें और बुरा इंफ्रास्ट्रक्चर
इस देश में आपको सिर्फ टूटी हुईं सड़कें या फिर पानी भरे गड्ढे ही देखने है तो अलग बात है। लेकिन आप चाहें तो मुंबई में बनी बांद्रा-वर्ली सी लिंक, नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट या फिर गुजरात स्थित सरदार सरोवर बांध का दौरा भी कर सकते हैं।
इंडियन फूड का मतलब सिर्फ तेल मसाला
मसालों और अचार के साथ भारत का बहुत पुराना नाता रहा है लेकिन इसके दम पर मान लेना कि भारत का खाना मसालेदार होता है गलत है। यहां आपको दलिया या फिर खिचड़ी भी मिल सकती है।
सिर्फ करी वाली सब्जी खाते हैं भारतीय
जी नहीं भारत में सिर्फ मसालेदार करी वाली सब्जी ही नहीं सर्व होती है। बल्कि बिना करी वाली स्वादिष्ट सब्जियां भी खाने का स्वाद बढ़ाती हैं। पनीर टिक्का इसका बेहतरीन उदाहरण है।
भारत के लोग कम पढ़े लिखे
अगर आपको भी ऐसा लगता है तो 2011 के जनगणना के आंकड़ों पर फिर से नजर डालिए। इस समय देश की साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत है। वहीं ग्रामीण इलाकों में भी साक्षरता दर 70 प्रतिशत से ज्यादा है। स्वतंत्रता के बाद से साक्षरता दर में करीब 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
गरीब हैं भारत के लोग
अगर ऐसा है तो फिर आप फोर्ब्स की लिस्ट को उठाकर देख लिजिए। इस देश में आपको रतन टाटा, मुकेश अंबानी या फिर अजीम प्रेमजी और इनके जैसे ही कई उदाहरण भी मिल जाएंगे। दुनिया का सबसे महंगा घर भारत में ही है।
भारत में हर जगह बस गंदगी और बदबू
इस मिथ को दूर करने के लिए आपको चंडीगढ़ या फिर मैसूर जैसे शहरों में आना पड़ेगा।
'स्लमगडॉग मिलेनियर' को सच न मानें
वर्ष 2009 में ऑस्कर में धूम मचाने वाली फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' ने भारत की एक अलग ही इमेज बना डाली थी। लेकिन एक बार भारत आकर आपको यह अहसास हो जाएगा कि शायद फिल्म में कुछ चीजें हद से बाहर दिखा दी गई थीं।