नौकरी के मामले में विवाहित महिलाओं से पिछड़ी सिंगल लड़कियां
रिपोर्ट के मुताबिक 41 फीसदी विवाहित महिलाएं जहां नौकरीपेशा हैं। जबकि केवल 27 फीसदी अविवाहित महिलाएं नौकरी कर रही हैं
नई दिल्ली। महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अब पीछे नहीं रह गईं है। घर के साथ-साथ महिलाएं नौकरी-व्यापार जगत में भी लगातार आगे बढ़ रही है। हलांकि शादीशुदा महिलाओं के लिए घर और नौकरी संभालना थोड़ा मुश्किल जरुर होता है, लेकिन जो रिपोर्ट सामने आए हैं वो साबित कर रहे है कि विवाहित महिलाएं नौकरी के मामले में सिंगल वुमेन से आगे हैं। जी हां जनगणना 2011 की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि विवाहित महिलाएं नौकरी के मामले में अविवाहित महिलाओं से भी आगे निकल चुकी है। ...तो इसलिए वरमाला डालने के बाद दुल्हन ने शादी से कर दिया इंकार
नौकरी
के
मामले
में
विवाहित
महिलाएं
आगे
जनगणना 2011 की रिपोर्ट के मुताबिक नौकरी के मामले में महिलाओं में ही ज्यादा अंतर है। 41 फीसदी विवाहित महिलाएं जहां नौकरीपेशा हैं। जबकि रिपोर्ट के मुताबिक केवल 27 फीसदी अविवाहित महिलाएं नौकरी कर रही हैं। इस अंतर के पीछे जानकार मुख्य वजह भारतीय संस्कार को मानते हैं। जानकारों के मुताबिक ज्यादातर अविवाहित लड़कियों को उनका परिवार नौकरी करने की इजाजत नहीं देता है। अगर शहरी और ग्रामीण परिवेश की बात करें तो ग्रामीण इलाकों में 22 फीसदी महिलाएओं नौकरीपेशा में हैं। यहां शादी से पहले होता है हर लड़की का रेप, मां-बाप भी देते हैं साथ
कामकाजी महिलाओं में बेटों की चाहत
इस रिपोर्ट के मुताबिक नौकरीपेशा विवाहित महिलाएं आमतौर पर कम बच्चे चाहती हैं। खास बात ये कि नौकरीपेशा विवाहित महिलाएं बच्चे के तौर पर बेटे की चाहत रखती हैं। ऐसा केवल इसलिए क्योंकि कामकाजी महिलाओं के लिए बेटियों के मुकाबले बेटे को पालना आसान होता है। रिपोर्ट के मुताबिक 15-49 साल की कामकाजी महिलाएं बेटियों के मुकाबले बेटों की चाहत रखती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पढ़ी-लिखी होने के बावजूद ये कामकाजी महिलाएं बेटों केलिए पारंपरिक सोच से प्रभावित दिखती हैं।