महाकाल का गर्भगृह 400 किलो चांदी से दमकेगा
उज्जैन।
प्रमुख
ज्योतिर्लिगों
में
से
एक
उज्जैन
के
महाकालेश्वर
(महाकाल)
मंदिर
को
इन
दिनों
आकर्षक
रूप
दिया
जा
रहा
है।
इसी
क्रम
में
मंदिर
के
गर्भगृह
में
रजत
(चांदी)
जड़ा
जा
रहा
है।
साढ़े
चार
सौ
किलो
चांदी
से
गर्भगृह
दमक
उठेगा।
उज्जैन में अगले वर्ष (2016) सिंहस्थ महाकुंभ लगने जा रहा है। इस आयोजन में लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं के यहां आने की संभावना है। इसके मद्देनजर तमाम सुविधाओं में विस्तार के साथ धार्मिक स्थलों में भी सुधार कार्य चल रहे हैं। महाकाल मंदिर में भी पुनरुद्धार का क्रम जारी है।
महाकाल के गर्भगृह को रजत जड़ित बनाने के अभियान की शुक्रवार को शुरुआत हो गई है। मंदिर समिति के प्रशासक जयंत जोशी ने गर्भगृह के रजत जड़ित बनाए जाने की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि गर्भगृह की दीवारों पर लगभग साढ़े चार सौ किलोग्राम चांदी लगेगी, अब तक विभिन्न दानदाताओं की ओर से 130 किलो चांदी मिल चुकी है।
गर्भगृह को चांदी जड़ित बनाने का क्रम शुक्रवार को पूरे विधि-विधान से शुरू हुआ। निर्मल गुरु ने मंत्रोच्चारण कर धातु शुद्धिकरण पूजन कराया और मुख्य कारीगर महेश शर्मा को चांदी सौंपी।
गर्भगृह को चांदी मय बनाने वाले कारीगर शर्मा ने बताया कि एक-एक दीवार में लगभग 50-50 किलो चांदी लगाई जाएगी। यह काम तीन माह में पूरा हो जाएगा। लगभग दो करोड़ रुपये की चांदी लगेगी। इसके अलावा 20 लाख रुपये और खर्च होंगे।
महाकाल मंदिर में सिंधिया राज के समय से अब तक कई बार चांदी के मुखौटे, मुकुट आदि चढ़ाए जा चुके हैं। वर्ष 1997 में रुद्रयंत्र का नवीनीकरण कर चांदी से मढ़ा गया था। उसके बाद ज्योतिर्लिग की जलधारी और गर्भगृह के दरवाजों को चांदी से बनवाया गया था। अब गर्भगृह को रजत युक्त करने का अभियान शुरू हुआ है।
गर्भगृह को चांदी से जड़ने के अभियान में श्रद्धालु बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। कई श्रद्धालुओं ने तो 50-50 किलो चांदी दान कर दिया है। चांदी जड़ जाने से गर्भगृह की भव्यता बढ़ जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।