International Tiger Day- जानिये बाघों के बारे में 13 दिलचस्प बातें
नई दिल्ली। टाइगर को वन्य जीवन का अहम हिस्सा माना जाता है और जिस तरह से पिछले कुछ सालों में इनकी संख्या में कमी आयी है उसे देखते हुए इनके संरक्षण की कोशिशें काफी तेज हो गयी हैं। बाघों के बारें में लोगों को जागरूक करने लिए ग्लोबल टाइगर डे यानि अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस बनाया जाता है।
आज यानि 29 जुलाई को हर वर्ष बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है। इंटरनेशनल टाइगर डे की शुरुआत 2010 में सेंट पिटर्सबर्ग में टाइगर समिट के साथ हुई थी। आइये डालते हैं बाघों के बारे में कुछ अहम और दिलचस्प जानकारी के बारे में।
सबसे बड़ा जीव
बिल्लियों की प्रजाती में बाघ सबसे बड़े जानवर हैं।
11 फीट तक पहुंच सकते हैं बाघ
बाघ 3.3 मीटर यानि की 11 फीट और 300 किलोग्राम वजन के हो सकते हैं।
कई प्रजाति हैं बाघों की
बाघों की प्रजाति में सुमात्रन, साइबेरियन, बंगाल टाइगर, साउथ चायना टाइगर, मलयन टाइगर और इंडोचायनीज टाइगर हैं।
आधे से ज्यादा बाघ मर जाते हैं
बाघों के आधे से ज्यादा बच्चे दो साल की उम्र तक मर जाते हैं।
2 वर्ष की आयु में बच्चे छोड़ देते हैं मां को
बाघों के बच्चे महज दो वर्ष की आयु में बाघिन का साथ छोड़ देते हैं।
तैर भी सकते हैं बाघ
बाघ अच्छे तैराक होते हैं और यह 6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तैर सकते हैं।
सफेद बाघ हैं काफी दुर्गम
सफेद बाघों का जीन 10 हजार में से एक बाघ में होता है।
अकेले शिकार करते हैं बाघ
बाघ सामान्य तौर पर रात में अकेले शिकार करना पसंद करते हैं।
अच्छी रफ्तार में दौड़ सकते हैं बाघ
बाघ 65 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकते हैं।
सिर्फ 10 फीसदी शिकार सफल
बाघ शिकार करते समय महज 10 फीसदी प्रयासों में सफल होते हैं।
अच्छी कूद लगा सकते हैं बाघ
बाघ 5 मीटर तक की उचाईं तक कूद सकते हैं।
बाघों की कई प्रजाति हैं कई देशों की राष्ट्रीय पशु
बांग्लादेश, भारत, नार्थ कोरिया, साउथ कोरिया और मलेशिया का राष्ट्रीय पशु बाघ है।
शेरों के साथ बाघों की प्रजाति होती है अलग
शेरों के साथ प्रजनन करने वाले बाघ के बच्चों को टाइगोंस या लिगर्स कहते हैं।