बहुत देखा 'आइस बकेट', अब जानें भारत की 'राइस बकेट चैलेंज'
बेंगलौर। विदेशों के साथ साथ भारत में भी चर्चित होता आइस बकेट चैलेंज सोशल साइट्स पर भी कई दिनों से छाया हुआ है। ट्विटर, फेसबुक हर तरफ इसी की चर्चा है। लेकिन अब भारत ने इसी चैलेंज की तर्ज पर शुरु किया है 'राइस बकेट चैलेंज'। कई लोगों का मानना था कि भारत जैसे देश में जहां पानी की समस्या से लोग त्राहि त्राहि हैं, वहां आइस बकेट जैसे चैलेंज सिर्फ पानी की बर्बादी है।
लिहाजा, एक महिला द्वारा फेसबुक पर राइस बकेट चैंलेज की शुरुआत करना एक समाज के लिए सकारात्मक कदम माना रहा है। इस चैलेंज के जरीए वो उन लोगों से अपील कर रही हैं जो गरीबों की मदद करना चाहते हैं। राइस बकेट चैलेंज भी सोशल मीडिया पर आइस बकेट चैलेंज की तरह ही वायरल हो रहा है।
लेकिन यह राइस बकेट चैेलेंज है क्या जिसकी मदद से आप भी जरुरतमंदों की मदद कर सकते हैं।
तो फिर, बढ़ाइए स्लाइडर और देखिए राइस बकेट चैलेंज से जुड़ी जानकारी।
आइस बकेट चैलेंज का भारतीय रूप
आइस बकेट चैलेंज में अपने सिर पर बर्फ़ का ठंडा पानी डालना होता है और एएलएस बीमारी के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए दान देना होता है। राइस बकेट इस चैलेंज के तर्ज पर शुरु किया गया है।
चावल दान करो
भारत के राइस बकेट चैलेंज को स्वीकार करने वाले को जितना संभव हो उतना चावल किसी ज़रूरतमंद को दान देना होता है।
दोस्तों को दें चैलेंज
चावल दान करते हुए अपनी एक तस्वीर लेनी है। उस तस्वीर को फ़ेसबुक पर लगा कर अपने दोस्तों को टैग कर चैलेंज स्वीकार करने वाला उन्हें भी ऐसा ही चैलेंज दे सकता है।
हैदराबाद से शुरु
इस चैलेंज को शुरू किया है हैदराबाद की एक पत्रकार मंजू लता कलानिधि ने। मंजू लता का कहना है कि चैलेंज आइस बकेट चैलेंज का भारतीय रूप है।
दान करें चावल
ज़रूरी नहीं की इस चैलेंज में आप जरूरतमंदों को कच्चा चावल ही दें। आप पुलाव बिरयानी कुछ भी दे सकते हैं।
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वायरल हो रहा है यह चैलेंज
आइस बकेट चैंलेज का इंडियन वर्जन है राइस बकेट चैलेंज। अब इस राइस बकेट चैलेंज की चर्चा दुनिया भर में हो रही है। और साथ ही यह सोशल साइट्स पर भी वायरल हो रहा है।
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जरुरतमंदों को दें दान
इस चैलेंज को शुरु करने वाली मंजू लता अपने फेसबुक पेज पर लिखती हैं, "यह चैलेंज हमारे यहां के मुद्दे से जुड़ा है, देसी है और प्रैक्टिकल भी। आइस बकेट चैलेंज में पानी बर्बाद करने की जगह, पानी बचाएं और गरीबों को खिलाएं।"
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गरीब और जरूरतमंदों के लिए किया शुरु
आइस बकेट चैलेंज से मिले डोनेशन को जहां एएलएस बीमारी से पीड़ित लोगों के सेवार्थ में इस्तेमाल किया जाता है, वहीं इस राइस बकेट चैलेंज को गरीब और जरूरतमंदों के सेवार्थ में शुरू किया गया है।
जो सक्षम नहीं, वे भी करें मदद
अगर कोई व्यक्ति इस चैलेंज को पूरा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे 100 रुपये की दवाएं अपने पास के हॉस्पिटल जाकर गरीब मरीजों को बांटनी होती हैं।