Interview: विज्ञान को साहित्य से जोड़ने की कला में माहिर हैं नितिन शर्मा
[अजय मोहन] 12वीं से स्नातक कक्षाओं के लिये मॉरिसन एंड ब्वॉयड द्वारा लिखित कार्बोनिक रसायन की किताब को ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की बाइबिल कहा जाता है। क्यों न हो रॉबर्ट मॉरिसन और रॉबर्ट ब्वॉयड दोनों ही केमिस्ट्री व फिजिक्स के प्रोफेसर जो ठहरे, लेकिन अगर यही दोनों लेखक लव स्टोरी लिखें, तो आप कैसे रिएक्ट करेंगे?
सोच में पड़ जायेंगे, और कहेंगे कि वे लवस्टोरी लिख नहीं सकते! लेकिन राजस्थान के नितिन शर्मा में यह कला है और यही कारण है कि उन्हें विज्ञान को काल्पनिक कहानियों से जोड़ने में महारथ हो गई है। आप इस बात को जानकर हैरान हो जायेंगे कि 2015 के अंत में नितिन की किताबें देश के सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली हैं।
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के धौलपुर के रहने वाले नितिन ऐसे लेखक हैं, जिन्होंने शुरुआत तो विज्ञान की किताब से की, लेकिन आज मास्टर हो गये हैं लवस्टोरी लिखने में। नितिन शर्मा से वनइंडिया ने एक खास बातचीत की, जिसमें कई सारी रोचक और प्रेरणादायी बातें उभरकर सामने आयीं।
कैसे हुई करियर की शुरुआत
नितिन ने राजस्थान विश्वविद्यालय से एमएससी बायोटेक्नोलॉजी किया और फिर आईआईटी-जेईई की कोचिंग में पढ़ाना शुरू कर दिया। लेकिन यह तो एक पड़ाव था, असल में उनके करियर की शुरुआत तो 2004 में 11वीं कक्षा से ही हो गई थी, जब उन्होंने परमाणु के अंदर घुसना शुरू किया। दुनिया इलेक्ट्रॉन-प्रोटोन-न्यूट्रॉन के चक्कर काटती रही और नितिन पढ़ाई के साथ-साथ इनके भी पार चले गये और फरमिऑन का अध्ययन कर डाला।
2012 में नितिन के अध्ययन ने एक पुस्तक का रूप ले लिया, जिसका नाम है "मिस्ट्री ऑफ एटम"। इस किताब को भाभा परमाणु केंद्र के वैज्ञानिकों ने भी इस किताब के रिव्यू लिखे और जमकर तारीफें कीं। उस वक्त तक ऐसा लगने लगा था कि आने वाले समय में नितिन विज्ञान के क्षेत्र में कई बड़ी किताबें लिखेंगे। जैसा कि दुनिया का दस्तूर भी है। लेकिन नितिन शर्मा उस दस्तूर से परे चले गये और एक लव स्टोरी को अपनी कलम से उतार दिया।
दि मिस्टीरियस 4:30AM.
लव स्टोरी "दि मिस्टीरियस 4:30 am व्हेन इट हैपेंड" नाम की नॉवेल बाजार में आयी और लोगों के दिलों पर छा गई। मशहूर फिल्म निर्माता केसी बोकाडिया इस किताब पर फिल्म बनाने की तैयारी में भी हैं, जिसके लिये नितिन से उनकी बात भी हो चुकी है। इस लवस्टोरी में लड़की मुंबई की और लड़का जयपुर का है, दोनों में पहले तकरार होती है और फिर प्यार। और एक दिन सुबह ठीक 4:30 बजे कुछ ऐसा होता है कि किताब पढ़ने वाले का दिल धक से रह जाता है। सबसे खास बात यह है कि यह एक म्यूजिकल लवस्टोरी है।
कहां खो गया विज्ञान?
नितिन की लाइव के बारे में यहां तक पढ़ने के बाद आपको लगा होगा कि लव स्टोरीज़ के चलते उनके जीवन से विज्ञान कोसों दूर चला गया होगा! लेकिन ऐसा नहीं है, आज भी नितिन कोचिंग संस्थान में पढ़ाते हैं। रही बात विज्ञान की तो उनकी अगली किताब साइंटिफिक लव स्टोरी है। यह किताब दिसंबर 2015 तक बाजार में आ जायेगी।
यह लवस्टोरी एक वैज्ञानिक के पौत्र की है, जिसे दो लड़कियों से प्यार हो जाता है। पहली जिसे देखा पर इजहार नहीं कर सका, दूसरी जिससे सिर्फ चैट और एसएमएस पर ही बात हुई। नितिन ने बताया कि इस दिलचस्प कहानी को बाजार में उतारने से पहले वो देश के सिनेमाघरों में इसके टीज़र लॉन्च करने की तैयारी में हैं। बकौल नितिन उनकी आने वाली किताब देश की पहली नॉवल होगी जिसके टीज़र सिनेमा हॉल में लॉन्च होंगे। इसके लिये आईनॉक्स समेत कई सिनेमा घरों से बात भी पक्की हो गई है।
दुनिया से कैसे अलग हैं नितिन की सोच?
नितिन से इस मुलाकात को पढ़ने के बाद आपको पता चल गया होगा कि नितिन औरों से कहीं अलग हैं। वैसे ही नितिन की सोच भी है! दुनिया इलेक्ट्रॉन-प्रोटोन-न्यूट्रॉन को पढ़कर पढ़ाई की इतिश्री कर लेती है, नितिन कहते हैं हमें इसके आगे भी सोचना होगा। जब तक इलेक्ट्रॉन से आगे सोचेंगे नहीं, तब तक कुछ नया हासिल नहीं होगा।आम तौर पर लोग एक स्ट्रीम पकड़ने के बाद दूसरी के बारे में सोचते नहीं, लेकिन नितिन कहते हैं, "राइटिंग मेरा पैशन है, साइंस मेरा प्रोफेशन। और गाना मेरा शौक। सभी में मैं हमेश क्रिएटिविटी यानी रचनात्मकता के साथ काम करना चाहता हूं। आज अगर आप क्रिएटिव नहीं हैं, तो आप कतार में सबसे पीछे खड़े हुए माने जायेंगे, भले ही कितने विद्वान क्यों न हों।"
सच पूछिए तो नितिन एक्स्ट्राटैलेंटेड लोगों में से एक हैं। लेखक होने के साथ-साथ नितिन डांसर, गायक, ऐक्टर, इमेजिनेटर भी हैं। एक और बात नितिन एक बेहतरीन मोटीवेशनल स्पीकर भी हैं और कई बड़े संस्थानों में मोटीवेशन स्पीच दे चुके हैं।
हमने पूछा कि क्या आप आगे चलकर पढ़ाना बंद कर देंगे, तो नितिन ने कहा नहीं, "पढ़ाते वक्त मैं सिर्फ ज्ञान बांटने का काम नहीं करता हूं, बल्कि अपने छात्रों से हर पल कुछ सीखने के प्रयास करता हूं। छात्रों के दिमाग में चल रहे आईडिया को एक्सप्लोर करने की कोशिश में रहता हूं और सच पूछिए तो यूथ को समझने के लिये छात्रों से बेहतर जरिया कोई और नहीं।"