एयर फोर्स डे पर जानिए इंडियन एयर फोर्स से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) शनिवार को अपना 84वां एयरफोर्स डे मनाएगी। कभी सिर्फ पांच लोगों के साथ शुरू हुआ वायुसेना का सफर आज 1,70,000 पर्सनल तक जा पहुंचा है। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भारतीय वायुसेना आज दुश्मन के छक्के छुड़ाने में सक्षम है।
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क्या आप जानते हैं कि जब वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था तो उस समय वायुसेना के पास रात में लड़ाई कर सकने वाले एयरक्राफ्ट्स तक नहीं थे।
आज वायुसेना की ताकत के बारे में दुश्मन सोचता है तो उसे भी बुरे सपने आने लगते हैं।
आठ अक्टूबर 1932 को स्थापना
इंडियन एयरफोर्स की स्थापना आठ अक्टूबर 1932 को हुई थी। उस समय आईएएफ ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स के सहायक के तौर पर तैयार हुई थी। इंडियन एयर फोर्स एक्ट 1932 के तहत इसे रॉयल एयर फोर्स के साथ जोड़ा गया था। यहां से रॉयल एयर फोर्स की यूनिफॉर्म और बाकी चीजों को अपनाया।
वर्ष 1933 को पहली स्क्वाड्रन
वर्ष 1932 में अस्तित्व में आने के बाद एक अप्रैल 1933 को आईएएफ की पहली स्क्वाड्रन नंबर वन तैयार हुई। इस स्क्वाड्रन में चार बायप्लेन और सिर्फ पांच पायलट्स थे। उस समय आईएएफ के पायलट्स को रॉयल एयरफोर्स के कमांडिंग ऑफिसर फ्लाइट लेफ्टिनेंट सेसिल बाशियर लीड कर रहे थे।
1950 में बनी इंडियन एयरफोर्स
1950 में बनी भारतीय वायुसेना भारतीय वायुसेना के साथ वर्ष 1945 में सेकेंड वर्ल्ड वॉर में इसके योगदान की वजह से इसके साथ 'रॉयल' शब्द को जोड़ा गया था। लेकिन वर्ष 1950 में इसे रॉयल एयरफोर्स की जगह भारतीय वायुसेना के तौर पर पहचान दी गई।
पहले कमांडर इन चीफ
एयर मार्शल सर थॉमस वाकर इल्महर्स्ट इंडियन एयर फोर्स के पहले कमांडर-इन-चीफ थे। 15 अगस्त 1947 से लेकर 21 फरवरी 1950 तक उनका कार्यकाल था। यह थॉमस की कोशिशों का ही नतीजा है कि अधूरी वायु सेना आज एक फाइटर के तौर पर नजर आती है।
कौन थे पहले चीफ
इंडियन एयरफोर्स के पहले प्रमुख एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी इंडियन एयर फोर्स के पहले भारतीय चीफ थे। इंडियन एयर फोर्स का ध्येेय वाक्स है, 'नभ: स्पृशं दीप्तम, यानी गर्व के साथ आकाश को छूना। नीला, आसमानी नीला और सफेद इसके रंग हैं।
इंडियन एयरफोर्स नंबर 4
फ्लाइट ग्लोबल जो कि एविएशन से जुड़ी एक अहम वेबसाइट है उसने दिसंबर 2015 में इंडियन एयरफोर्स को दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर वायुसेना करार दिया था। यानी इसकी लिस्ट में आईएएफ टॉप फाइव में है और इससे ऊपर चीन की वायुसेना है। लेकिन इस लिस्ट में पाकिस्तान की एयर फोर्स का नाम नहीं है।
200 यूएवी वाली एयरफोर्स
200 यूएवी वाली भारतीय वायुसेना इस समय इंडियन एयर फोर्स के पास 3 बीराइव, ए-50 फॉल्कन, एईडब्ल्यू एंड सी (एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल) एयरक्राफ्ट, 700 कॉम्बेट जेट्स, सात मिड एयर रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट्स, टैंकर एयरक्राफ्ट्स, 133 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स, 158 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट्स, 155 यूटिलिटी हेलीकॉप्टर्स और करीब 200 यूएवीज हैं।
बादशाह है सुखोई-30एमकेआई
सुखोई 30एमकेआई इंडियन एयरफोर्स का प्राइमरी फाइटर जेट है। इस फाइटर जेट को यूरोफाइटर टायफून, डसॉल्ट राफेल और अमेरिका के बेस्ट एफ सीरिज के फाइटर जेट्स के साथ रखा जाता है।
दुश्मनों को चित करते गरुड़ कमांडो
इंडियन एयरफोर्स ने सितंबर, 2009 में एक विशेष ऑपरेशनल यूनिट की स्थापना की। जिसे आज गरुड़ कमांडो फोर्स के नाम से जाना जाता है। 1500 पर्सनल वाली यह कमांडो फाेर्स दुश्मनों के द्वारा छुपा कर रखे गए हथियारों की खोज, रेस्क्यू ऑपरेशन में अग्रिम मोर्चे पर काम करना, दुश्मनों के मिसाइल और रडार पर नजर रखना जैसे कामों को अंजाम देती है।
बेस्ट एयरक्राफ्ट्स भी आईएएफ के आगे फेल
सन 65 में जब भारत और पाक के बीच युद्ध हुआ तो उस समय पाकिस्तान के पास अमेरिका से बेहतर फाइटर जेट्स थे लेकिन इन सबके बावजूद इंडियन एयर फोर्स के सामने पाक टिक नहीं सका।