डॉक्टरों की दवाएं फेल, अब दुआओं की जरूरत 'लिटिल फाइटर' चंदन को
नई दिल्ली। आपको 14 वर्ष का फाइटर पायलट चंदन याद है ना। अगर नहीं याद है तो हम आपको याद दिलाते हैं। चंदन वही बच्चा है जिसने बाल दिवस के मौके पर फाइटर जेट उड़ाने की ख्वाहिश जाहिर की थी। इसके बाद इंडियन एयरफोर्स ने उसके इस सपने को पूरा भी किया था।
डॉक्टरों ने छोड़ी उम्मीदें
छोटी सी उम्र में ही जी-सूट पहनकर फाइटर पायलट बनने वाला चंदन कैंसर की एडवांस स्टेज में है और दर्द से जूझ रहा है। डॉक्टरों ने उम्मीदें छोड़ दी हैं और अब सिर्फ उसे लोगों की दुआओं का ही सहारा है। दर्द के बाद भी चंदन के चेहरे पर एक मुस्कुराहट रहती है जो उसके माता-पिता के लिए दिन गुजारने के सहारे में तब्दील हो गई है।
पांच दिनों से दर्द में है चंदन
चंदन पिछले पांच दिनों से दर्द में है और उसका वजन सिर्फ 17 किलो रह गया है। दर्द को झेलना उसके लिए बहुत ही मुश्किल है और बात करना भी आसान नहीं है। उसके पिता 39 वर्षीय गिरीश मंडल ने फोन से वनइंडिया को उसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चंदन अक्सर ही उन्हें देखकर मुस्कुरा देता है।
यह मुस्कुराहट उन्हें भरोसा दिलाती है कि वह कैंसर से भी लड़कर और जीतकर जिंदगी में वापस आएगा। चंदन जल्द से जल्द ठीक हो जाए इसके लिए राजधानी दिल्ली के एक एनजीओ उदय फाउंडेनशन की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
एनजीओ के फाउंडर राहुल वर्मा बताते हैं कि अब चंदन को सिर्फ एक चमत्कार ही बचा सकता है और हम सभी उस चमत्कार की आस में बैठे हैं। सोमवार को शाम चार बजे से छह बजे तक चंदन के लिए एनजीओ की ओर से प्रेयर मीटिंग होगी।
सिर में बड़ा ट्यूमर बन गया हैं कैंसर
चंदन के सिर में एक बड़ा ट्यूमर है। कैंसर बन चुके इस ट्यूमर ने उसके पूरे शरीर को अपने कब्जे में ले लिया है। एम्स में उसके इलाज करने वाले डॉक्टरों की मानें तो ट्यूमर का साइज बढ़ता ही जा रहा है। डॉक्टर सारी उम्मीद छोड़ चुके हैं क्योंकि अब चंदन पर दवाओं का कोई खास असर नहीं हो रहा है।
हर चार घंटे में उसको 40 एमजी की मॉर्फिन टैबलेट दी जा रही है। चंदन की हालत इस कदर बिगड़ चुकी है कि अब वह एक भी मिनट के लिए अपने बिस्तर से बाहर तक नहीं आ पाता है।
उदय फाउंडेशन की ओर से चंदन को एम्स में इलाज मुहैया कराया जा सका। राहुल वर्मा बताते हैं कि चंदन एक मजबूत इच्छाशक्ति वाला बच्चा है। वह एक फाइटर है लेकिन हमारी चिंताएं बढ़ती जा रही है क्योंकि उसने वह कुछ भी खा नहीं रहा है।
चंदन बहुत ही होशियार बच्चा है और पढ़ाई में भी वह काफी तेज है। बिहार के समस्तीपुर जिले में उसके पिता गिरीश मंडल एक छोटा सा व्यवसाय करते हैं। चंदन के इलाज की वजह से उसका परिवार नई दिल्ली आया।
इंडियन एयरफोर्स ने दिए चंदन को पंख
नंवबर में जब चंदन ने फाइटर प्लेन उड़ाने की अपनी ख्वाहिश जाहिर की तो इंडियन एयरफोर्स ने भी उसे निराश नहीं किया। उसकी जिंदगी के अब तक के सबसे बड़े और अहम सपने को एयरफोर्स ने बिना झिझक पूरा किया। चंदन को जी-सूट पहनकर फाइटर प्लेन के कॉकपिट में बैठने का मौका मिला।
चंदन से मिलकर खुद इंडियन एयर फोर्स के चीफ एयर मार्शल अरुप राहा भी काफी प्रभावित हुए और उन्होंने उसके पिता के साथ उससे मुलाकात की।
मां से छिपाया जा रहा लाड़ले का दर्द
चंदन ने एयरफोर्स से अनुरोध किया था कि उसे फाइटर प्लेन का मॉडल दिया जाए। अभी तक चंदन की यह 'ड्रीम विश' पूरी नहीं हो सकी है। उसके पिता बताते हैं कि चंदन अक्सर ही उनसे पूछता रहता है कि क्या उसका फाइटर प्लेन का मॉडल उसके लिए आ गया।
चंदन की मां को उसकी बीमारी की गंभीरता के बारे में अभी तक कुछ भी नहीं बताया गया है। चंदन इस बात से बखूबी वाकिफ है कि शायद वह कैंसर के साथ जारी लड़ाई में हार जाए लेकिन फिर भी वह हर दिन को खुलकर जीने में यकीन करता है।