आखिर क्या है ISIS से निपटने की भारत की रणनीति
बेंगलुरु। अभी आपने पढ़ा (CLICK ON PREVIOUS) कि कैसे आईएसआईएस के कब्जे में बंधक बनाए गए भारतीय इस आतंकी संगठन के लिए किसी ट्रंप कार्ड से कम नहीं है। अब जानिए कि भारत कैसे आईएसआईएस जैसे बड़े खतरे से निपट रहा है। आपको बता दें कि भारत से भी कई युवा ऐसे हैं जो या तो इस संगठन का हिस्सा बन चुके हैं या फिर वह बनने के लिए तैयार हैं।
हो रही है युवाओं की काउंसलिंग
आईएसआईएस को लेकर अगर भारत की रणनीति की बात करें तो यह काफी अलग है। ऐसे सभी युवा जिन्होंने आईएसआईएस में शामिल होने की इच्छा जताई या फिर ऐसे करने की सोच रहे हैं उनकी काउंसलिंग की जा रही है।
अभी तक ऐसा पुलिस की ओर से इन युवाओं के खिलाफ कोई भी केस नहीं दायर किया गया है। हकीकत यह है कि आईएसआईएस अभी तक भारत में बैन संगठन नहीं हैं।
महाराष्ट्र से संगठन में शामिल होने गए युवाओं ने वापस आने की इच्छा जताई है। इस बात की भी संभावना है कि इनके खिलाफ कोई भी केस दर्ज नहीं होगा। लेकिन इसके बाद भी आईबी की मानें तो वह इन युवाओं पर बराबर नजर बनाकर रखेगी। आईबी नहीं चाहती है कि आगे चलकर इन युवाओं की वजह से कभी कोई समस्या पैदा हो।
फिलहाल भारत में आईएसआईएस को लेकर कोई बड़ा खतरा नहीं है लेकिन फिर भी इस आतंकी संगठन ने अपने एजेंडे और अपने मैप में भारत को सबसे ऊपर रखा है। भारत को आईएसआईएस के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है। आईबी के मुताबिक जल्द ही अफगानिस्तान से पश्चिमी देशों की सेनाएं चली जाएंगी और फिर इस बात की पूरी संभावना है कि इस क्षेत्र में आईएसआईएस की गतिविधियां भी बढ़ जाएं।
स्थिति को काबू में रखने के सारे प्रयास
अल कायदा ने भी इस क्षेत्र में अपनी एक नई शाखा के बारे में ऐलान किया है। इससे भी ज्यादा इंडियन मुजाहिद्दीन, तहरीक-ए-तालिबान और आईएसआईएस अंसार-उल-तवाहिद के बैनर के साथ आने को तैयार हैं। इस मकसद को पूरा करने के लिए भारत से लोगों की भर्ती करने की इच्छा भी जताई जा चुकी है। ऐसे में इंटेलीजेंस ऑफिसरों का कहना है कि इस पूरी स्थिति को नियंत्रण से बाहर होने से बचाने के लिए सारे प्रयास जारी हैं।