सोना-चांदी रखते हैं आपकी सेहत का भी ख्याल इसलिए...
बेंगलुरू। भले ही वक्त बदल गया है, लोगों के कपड़े और सोच में परिवर्तन हो गया है लेकिन एक चीज नहीं बदली है और वो है लोगों की गहनों के प्रति मोहब्बत।
करवाचौथ: हाथों में पूजा की थाली... आई रात सुहागों वाली...
लेकिन आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि गहने केवल तन को सुंदर नहीं बनाते हैं बल्कि येे लोगों को मेंटली और फिजीकल काफी फिट भी रखतेे हैंं, इसलिए गहनों का विज्ञान भी समर्थन करता है।
आखिर भारतीय इतना सोना क्यों खरीदते हैं?
आईये जानते है इस बारे में विस्तार से...
- सोना: सोना एक धातु है जिसे एंटी-इन्फ़्लेमेट्री गुण होते हैं, यह उम्र को कम करता है और लोगों के अंदर नई खुशी और ऊर्जा का संचार करता है।
- चांदी: चांदी भी एक धातु है जिसमें इंसान को मानसिक सुख देता है, यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।
- 18 साल में हुई थी रेप की शिकार, लेकिन हिम्मत नहीं हारी, साल 1998 में बनीं मिस वर्ल्ड
आगे की खबर तस्वीरों में...
मोती
मोती आंखों को सकून और दिल को शांत करता है इसी कारण बहुत सारे पंडित इंसान को गु्स्सा कंट्रोल करने के लिए मोती पहनने की सलाह देते है, मोती पाचन तंत्र भी सही रखता है, यही नहीं मोती से आंखों की रोशनी भी सही रहती है।
नीलम
नीलम के बारे में तो कहा जाता है कि यह कैंसर जैसी बीमारी को कंट्रोल कर सकता है, हालांकि अभी तक यह पूरी तरह से सिद्ध नहीं हो पाता है, वैसे नीलम गैस से पीड़ितों के लिए काफी मददगार होता है। नीलम क्रोध को भी कम करता है।
हीरा
हीरा
पहनने
से
इंसान
कभी
अवसाद
ग्रसित
नहीं
होता
है,
यह
शांति
और
ऊर्जा
देता
है
और
इसको
पहनने
से
माइग्रेन
जैसे
रोगों
से
भी
मुक्ति
मिलती
है।
हीरा
हार्ट
के
लिए
भी
अच्छा
होता
है।
तांबा
तांबे के गहने पहने से पाचन तंत्र सही होता है और लोगों का गुस्सा शांत होता है। तांबा चित्त शांत रखता है और पेट की बीमारियों को दूर रखता है। इसलिए लोग रात में तांबे के लोटे में पानी भरकर रखते हैं और सुबह उठकर बासी मुंह उसका सेवन करते हैं।
डिप्रेशन है धीमा-जहर, बचना है तो अपनाइए 'मस्तानी' के टिप्स
सिल्वर स्क्रीन का इस समय सबसे चमकता चेहरा है दीपिका पादुकोण। बेहद ही कम वक्त में हिंदी सिनेमा की टॉप अभिनेत्रियों में शामिल होने वाली खूबसरत मस्तानी भी कभी डिप्रेशन की शिकार थीं।