सुकन्या समृद्धि खाता से जुड़ी बातें, जो आप नहीं जानते
जनवरी 2015 में केंद्र सरकार ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य लड़कियों के प्रति लोगों की मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन लाना है ताकि लड़कियों के साथ भेद-भाव समाप्त हो सके। इस योजना के जरिये सरकार देश के लोगों को जागरुक कर रही है ताकि लड़कियों और महिलाओं की स्थिति सुधर सके और लैंगिक समानता का लक्ष्य पूरा हो सके।
'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के साथ ही 'सुकन्या समृद्धि खाता' योजना भी शुरू की है। 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के बारे में तो बहुत कुछ लिखा-पढ़ा गया है, लेकिन सुकन्या समृद्धि खाते के बारे में लोगों को कम जानकारी है।
बेटियों के लिये छोटी बचत योजना
सुकन्या समृद्धि खाता छोटी बचत योजना है, लेकिन उसमें देश की लड़कियों के जीवन को प्रभावित करके उनमें आत्म सम्मान की भावना पैदा करने की क्षमता है। इस योजना का उद्देश्य लड़कियों को शिक्षित करने और उनका विवाह खर्च मुहैया कराकर उनके सुनहरे भविष्य का निर्माण करना है। यह खाता किसी भी डाकखाने और निर्धारित सरकारी बैंकों में खोला जा सकता है।
खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान है और इसके लिए तीन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी-
- अस्पताल या सरकारी अधिकारी द्वारा प्रदान किया गया लड़की का जन्म प्रमाण पत्र
- लड़की के माता-पिता या कानूनी अभिभावक के निवास का प्रमाण पत्र, जो पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, बिजली या टेलीफोन बिल, मतादाता पहचान पत्र, राशन कार्ड या भारत सरकार द्वारा प्रदत्त अन्य कोई भी प्रमाण पत्र जिसमें निवास का उल्लेख हो।
- पैन कार्ड या हाईस्कूल प्रमाण पत्र भी खाता खोलने के लिए मान्य है।
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कहां-कहां खोल सकते हैं खाता
डाक घर के अलावा जो बैंक योजना के तहत खाता खोलने के लिए अधिकृत हैं- उनमें भारतीय स्टेट बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर, स्टेट बैक ऑफ पटियाला, विजया बैक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इंडियन ओवसीज बैंक, इंडियन बैंक, आईडीबीआई बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, देना बैंक, कारपोरेशन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक, आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल हैं।
समय से पहले खाता बंद करने की शर्तें
पहली शर्त यह कि 21 वर्ष की परिपक्वता अवधि पूरी होने के पहले खाताधारी लड़की रकम निकाल सकती है, बशर्ते कि उसकी आयु 18 वर्ष की हो गई हो।
18 की होने के पहले खाता बंद करने की शर्त यह है कि जब सक्षम अधिकारी यह सुनिश्चित हो जाएगा कि अब जमाकर्ता के लिए खाते में रकम जमा करना संभव नहीं है और रकम जमा करने में मुश्किल हो रही है तो खाता बंद किया जा सकता है। समय से पहले खाता बंद करने की और कोई तीसरी वजह नहीं मानी जाएगी।
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हर वर्ष जमा की जाने वाली रकम की न्यूनतम सीमा 1000 रुपये और अधिकतम सीमा एक लाख 50 हजार रुपये है। एक महीने में या एक वित्त वर्ष के दौरान रकम जमा करने की बारम्बारता की कोई सीमा नहीं है। खाते की वैधानिकता उसके खोले जाने की तारीख से लेकर 21 वर्ष की है, जिसके बाद रकम परिपक्व होकर उस लड़की को दे दी जाएगी जिसके नाम पर खाता है।
योजना में अभिभावक उसी समय शामिल हो सकता है जब लड़की के माता-पिता दोनों मृत हो चुके हों या वे खाता खोलने और उसे चलाने के अयोग्य हों। जिस लड़की के नाम से खाता खोला जाएगा वह यदि चाहे तो 10 वर्ष की आयु पूरा होने के बाद खुद अपना खाता चला सकती है।