गुजरात के डुमस बीच पर रूहों का बसेरा, रात को आती हैं आवाज़ें
गुजरात के समुद्री तट पर स्थित दमस बीच जिसे लोग डुमस बीच भी कहते हैं, हमेशा चर्चा में रहता है। खास तौर से पर्यटकों के लिये। क्योंकि ज्यादा तर पर्यटक इस बीच का लुत्फ उठाना चाहते हैं, लेकिन स्थानीय लोगों की बातें सुनने के बाद अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार इस बीच पर रूहों का बसेरा है। सूर्य अस्त होने के बाद अगर आप इस बीच पर गये, तो आपको चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें सुनाई देंगी। [दुनिया की 10 खौफनाक जगहें]
डुमस बीच के बारे में हम इसलिये भी चर्चा करने जा रहे हैं, क्योंकि पिछले कुछ दिनों पर इंटरनेट पर भी यह चर्चा का विषय बन चुका है। कोई इसके बारे में अपने अनुभव शेयर करना चाहता है तो कोई इसके बारे में विस्तृत रूप से जानना चाहता है।
डुमस बीच का इतिहास
अरब सागर से लगा हुआ यह बीच सूरत से 21 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां की रेत सफेद नहीं बल्कि काली होती है। इस बीच का इतिहास किसी राजा या रानी की प्रेम कथा से नहीं जुड़ा है, लेकिन हां लोगों का मानना है कि सदियों पहले यहां पर भूत-प्रेतों ने अपना गढ़ बना लिया और इसीलिये यहां की रेत काली हो गई।
हां एक बात जरूर है कि इस बीच से लगा हुआ शव दाह ग्रह है। यहां पर लाशें जलायी जाती हैं। लोगों का मनना है कि जिन लोगों को मोक्ष प्राप्त नहीं होता है, या जिनकी असमय मृत्यु हो जाती है, उनकी रूह इस बीच पर बसेरा कर लेती है।
क्या कहते हैा स्थानीय लोग
सूरत के भटेना में रहने वाले विश्वास पटेल से हमने फोन पर इस जगह के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "मैं दो बार ही डुमस बीच गया। वहां अपने दोस्तों के साथ रात को थोड़ा समय भी बिताया। पहली बार रात बितायी तो मुझे ऐसा लगा कि कोई वहां समुद्र किनारे बैठा रो रहा है। सिसकने की आवाज़ सुनायी दी। चूंकि हमने पहले से इस जगह के बारे में सुन रखा था, तो हम तुरंत वहां से वापस चले आये।"
विश्वास पटेल ने आगे बताया, "लेकिन हां करीब आठ महीने बाद दूसरी बार गया, तो मुझे ऐसा कुछ नहीं लगा कि वहां भूत-प्रेत हैं। वैसे सच बताऊं लोगों ने इस जगह के बारे में कुछ ज्यादा ही अंधविश्वास फैल रखा है। इंसान न चाहते हुए भी डर जाये।"
साफ्टवेयर इंजीनियर आकाश शर्मा ने कोरा पर इस जगह के बारे में लिखा कि वो वहां पर कई बार गये, लेकिन कभी कोई भूत प्रेत की आवाज नहीं सुनायी दी।
सूरत के रहने वाले फोटोग्राफर निशांत के जारीवाला लिखते हैं, "मैं इस जगह पर 500 से ज्यादा बार जा चुका हूं, मुझे कभी कोई भूत नहीं मिला।"
करन शाह ने कोरा पर लिखा, "मैं अपने दोस्तों के साथ रात को बीच पर क्रिकेट खेलता हूं, मुझे आज तक कोई भूत नहीं दिखाई दिया।"
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