मौत से पहले मार देगी दिल्ली-कानपुर-लखनऊ की आबोहवा!
प्रकृति के विभिन्न अंगों का लगातार दोहन जारी है। हालांकि सभी अंगों की अपनी महत्ता है। लेकिन वृक्षों का लगातार कटाव एक ऐसे खतरे की ओर इशारा कर रहा है, जिसकी हम और आप कल्पना भी नहीं कर सकते। हां एक समस्या तो हम सभी के सामने है। पानी की किल्लत, जिसकी वजह से भारत के कई इलाकों में त्राहि-त्राहि मची हुई है। लोग आत्महत्याएं कर रहे हैं।
सावधान: प्रदूषण के कारण दिल्ली में बढ़ रहे हैं अस्थमा के मरीज
आज कम उम्र में ही बच्चे अस्थमा का शिकार हो जाते हैं। लगभग सभी वर्गों के लोग कई रोगों से ग्रसित हो जाते हैं। क्योंकि पेड़ों को काटना आज भी जारी है। भले ही तमाम प्रतिबंध लगा दिए गए हों लेकिन रूतबे, चोरी-छिपे से उन्हें बेरहमी से काट दिया जाता है। बहरहाल इन तमाम स्थितियों की वजह से कुछ ऐसे शहर तैयार हो गए हैं, जहां सांस लेने का मतलब मौत है। पेश है वन इंडिया की ये खास रिपोर्ट-
जहरीली हवा, मौत का सफर और दिल्ली शहर
दिल्ली में मौजूदा आम आदमी पार्टी की सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण से निजात पाने के लिए ऑड-ईवन फार्मूला बनाया। जिसका प्रयोग करोड़ों रूपयों की चपत लगा गया। लेकिन परिणाम नकारात्मक ही रहे। हालांकि केजरीवाल के इस प्रयोग से लोगों को भी खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कुल मिलाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रदूषण रोकने में टोटल फ्लॉप साबित हुए।
दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला शहर
आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला शहर है। जानकारी के मुताबिक नई दिल्ली में पिछले 30 सालों में वाहनों की संख्या 1.8 लाख से बढ़ कर 35 लाख हो गई है। गाड़ियों के अलावा शहर में कोयले से चलने वाले पावर प्लांट प्रदूषण का अहम कारण हैं। कुल वायु प्रदूषण में 80 फीसदी हाथ इन्हीं का है। डब्ल्यू एच ओ के अनुसार दिल्ली विश्व का सबसे प्रदूषित शहर है।
नवाबों के शहर में प्रदूषण का कहर
जी हां हम बात कर रहे हैं लखनऊ की। दुनिया के टॉप टेन प्रदूषित शहरों में लखनऊ का नाम भी लिया जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में काबिज रही अब तक की सरकारों ने लैपटॉप तो थमाए, साईकिलें भी बांटी लेकिन मूलभूत जरूरत जो कि स्वास्थ्य के मद्देनजर काफी अहम है, उसे नजरंदाज करती रहीं। 2015 की एक रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में पीएम 2.5 की मात्रा 96 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर जबकि पीएम 10 की मात्रा 219 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाई गई थी।
प्रदूषण के मामले में अव्वल कानपुर
कानपुर के स्थानीय निवासियों की शहर को लेकर शिकायत हो या आस-पास के क्षेत्रों के निवासियों से कानपुर के संदर्भ में राय प्रदूषण का ही जिक्र होता है। कानपुर उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर माना जाता है। जिसके चलते प्रदूषण में भी अव्वल तमगा हासिल है इस शहर को। डब्ल्यू एच ओ द्वारा जारी की गई विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों की फेहरिस्त में कानपुर का नाम टॉप 20 में आता है।
संगम में भी प्रदूषण का पंचम
श्रद्धा-भक्ति की डुबकी लगाने के लिए इलाहाबाद दूर-दूर से लोग आते हैं। लेकिन ये शहर भी प्रदूषण की गिरफ्त में है। डब्ल्यू एच ओ की रिपोर्ट के मुताबिक टॉप 20 शहरों में इलाहाबाद का नाम भी दर्ज है। और इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के लिए ये बेहद शर्म की बात है कि विश्व में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में सबसे ज्यादा यूपी के राज्य ही शामिल हैं।
ताज के शहर पर भी प्रदूषण का बद्नुमा दाग!
देश हो या फिर विदेश आगरा का ताजमहल मशहूर है। न जाने कितने लोग ताज के दीदार के लिए रोजाना आते हैं। लेकिन डब्ल्यू एच ओ की रिपोर्ट के मुताबिक टॉप 20 की इस श्रंखला में आगरा भी शामिल है।
प्राथमिक उपाय प्रकृति को बचाए रखना
प्रयास कीजिए इस समस्या से निजात पाने का। जिसका प्राथमिक उपाय प्रकृति को बचाए रखना ही है। क्योंकि कई बार आप न्यूज चैनल्स के स्पेशल प्रोग्राम्स में देख चुके होंगे कि फलां फलां साल में इस तारीख में दुनिया खत्म होने वाली है। जिसे देखकर आपके जहन में डर पसर जाता होगा। लेकिन वाकई अगर स्थिति इसी तरह रही तो दुनिया का अंत भी ज्यादा दूर नहीं। हम और आप खुली आंखों से दुनिया के खत्म होने के गवाह भी न बन सकेंगे।