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वर्किंग वूमन के बच्चे होते हैं मोटापे के शिकार: शोध
नई दिल्ली। पिछले एक दशक में देश में भारतीय कामकाजी महिलाओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है लेकिन जहां ये परिवर्तन सकारात्मक तस्वीर पेश करताा है वहीं दूसरी ओर इस तस्वीर का दूसरा पहलू चिंताजनक है।
मोटापे पर पंजाबी तड़का, लो बढ़ गई शुगर, बीपी
क्योंकि हालिया नये शोध के मुताबिक कामकाजी महिलाओं के बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है क्योंकि वर्किंग वूमन के बच्चों का खान-पान काफी हद तक वाह्य सामग्री पर निर्भर करता है जो कि मोटापे का मुख्य कारण है इसलिए शोधकर्ताओं के मुताबिक कामकाजी महिलाओं को काफी सपोर्ट की जरूरत है।
इस शोध में निम्नलिखित बातें निकलकर सामने आयी हैं..
'स्लीम-ट्रीम नहीं बल्कि वी एंड यू शेप वाले मर्दों को पसंद करती हैं महिलाएं'
- साल 2014 के आंकड़ो के हिसाब से पूरे विश्व में 200 मिलियन से ज्यादा बच्चों में मोटापा बढ़ा है।
- नौकरीपेशाा महिलाओं के पास घर में खाने पर समय देने का टाइम नहीं होता है जिसके कारण उनके बच्चे काफी हद तक मार्केट के बने-बनाये भोजन और जंक फूड पर निर्भर हो जाते हैं जिसके कारण बच्चे मोटे हो रहे हैं।
- यही नहीं ऐसे बच्चे टेस्ट के चक्कर में पड़कर पौष्टिकता से दूर है।
- मोटापा कई रोगों का जनक है, जिससे आगे चलकर गंभीर बीमारियों की चपेट में आते हैं।
- इसलिए शोधकर्ताओं के मुताबिक कामकाजी महिलाओं को घर में अपनों और लोगों से काफी सपोर्ट की आवश्यकता है।
- तभी इस परेशानी पर विजय पायी जा सकती है।
- यह शोध शिकागो विश्वविद्यालय का है।
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English summary
Children whose mothers work are six times more likely to be overweight, research shows.
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