क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जानें कालेधन के उन कुबेरों के बार में जो 2016 में गए सलाखों के पीछे

साल 2016 कालेधन के कुबेरों के लिए बिल्कुल भी ठीक साबित नहीं हुआ। सरकार और जांच एजेंसियों के शिकंजे में कसे गए।

By Rahul Sankrityayan
Google Oneindia News

जाता हुआ साल 2016 कालेधन के कुबेरों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ। कुछ कुबेरों की पोल नोटबंदी के बाद खुली तो कुछ इससे पहले ही तमाम जांच एजेंसियों के रडार पर आए और सलाखों के पीछे गए। एक ओर जहां देश के एक हिस्से के पास खाने के लिए दो जून की रोटी नहीं है तो किसी के पास इतना ज्यादा है कि वो देश की आधी कमाई के बराबर हो जाता है। आईए आपको बताते हैं कि साल 2016 में कौन-कौन से कालेधन के कुबेर जांच और सलाखों के दायरे में आ गए।

महेश शाह का पैंतरा

महेश शाह का पैंतरा

आयकर विभाग ने इनकम डिक्लेरेशन स्कीम (IDS)के तहत नाटकीय ढंग से इसी वर्ष 30 सितंबर को 13,860 करोड़ रुपए को बतौर अघोषित आय का खुलासा करने वाले गुजरात के कारोबारी महेश शाह को हिरासत में ले लिया था। महेश शाह ने गुजरात के स्‍थानीय मीडिया को जानकारी देते हुए कहा था कि जिस कालेधन की उसने घोषणा की थी वो धन उसका था ही नहीं। गौरतलब है कि शाह की ओर से घोषित की गई आय को 'कालाधन' घोषित कर दिया गया था क्योंकि उसने 30 नवंबर तक घोषित की गई आय पर टैक्स की पहली किश्त 975 करोड़ रुपए जमा नहीं कराए थे। महेश ने जब 13,860 करोड़ रुपए की आय की घोषणा की थी तो वो देश के अमीर लोगों की सूची में आ गए थे लेकिन उसके चार्टर्ड एकाउंटेंट तेहमूल सेठना बताया था कि वो अपने दफ्तर ऑटो रिक्शा से आता था।महेश के पड़ोस में रहने वाले लोग जो उसे जानते थे, उनका कहना है कि वो ऐसा कभी सोच भी नहीं सकते थे कि उसके पास इत बड़ी मात्रा में नकदी होगी। इस दौरान यह खुलासा भी हुआ था कि महेश ने इतना कैश रखने के बाद भी अपने दोस्तों के 12,000 रुपए नहीं लौटाए। हालांकि फिलहाल उसका या उसके मामले का क्या हुआ? इसकी जानकारी किसी को नहीं है।

सरकार की शह पर बन गए यादव सिंह

सरकार की शह पर बन गए यादव सिंह

इसी साल फरवरी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी रहे अफसर यादव सिंह को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अपने शिकंजे में कस लिया। हालांकि यादव सिंह उन शख्सियतों में से गिने जाते रहे हैं, जो प्रदेश में सत्ता किसी की भी हो, इनका सिक्का चलता जरूर था। आयकर विभाग ने 900 करोड़ की संपत्ति के मालिक यादव सिंह पर छापा मारा था। इस छापेमारी में 2 किलो सोना, 100 करोड़ के हीरे, 10 करोड़ कैश के अलावा कई दस्तावेज मिले। 12 लाख रुपये सालाना की सैलरी पाने वाले यादव सिंह और उनका परिवार 323 करोड़ की संपत्ति का मालिक बन गया। इस दौरान बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद मायावती पर भी सवाल उठा क्योंकि इन्हीं के मुख्यमंत्रित्व काल में यादव सिंह पर 954 करोड़ रुपये के जमीन घोटाले के आरोप लगे थे। यादव पर आरोप है कि वो 60 कंपनियों के मालिक है।

चेन्नई का शेखर रेड्डी

चेन्नई का शेखर रेड्डी

इसी महीने CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कारोबारी शेखर रेड्डी समेत तीन कारोबारियों को गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी अवैध रूप से पैसे के लेनदेन के मामले में इन कारोबारियों की गिरफ्तारी हुई है। बता दें कि शेखर रेड्डी के यहां छापेमारी में आयकर विभाग की टीम ने 170 करोड़ कैश बरामद किया था। इसमें करोड़ों की नई करेंसी के साथ ही 130 किलो सोना भी बरामद हुआ था। तीनों की गिरफ्तारी के बाद चेन्नई की विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया था जहां से अदालत ने उन्हें 3 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

दिल्ली का रोहित टंडन

दिल्ली का रोहित टंडन

नोटबंदी के बीच कालेधन को सफेद करने का खेल करने वाले लॉ फर्म के मालिक रोहित टंडन को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया । उस पर नोटबंदी के बीच बैंक अधिकारियों से सांठ-गांठ करके करोड़ों रुपये के कालेधन को सफेद करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने उसके साथ कई घंटे की पूछताछ की। ये कार्रवाई उस समय की गई जब दिल्ली के केजी मार्ग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक के ब्रांच मैनेजर आशीष कुमार को गिरफ्तार किया गया। रोहित टंडन से पूछताछ में उसने ईडी के सामने कई बड़े खुलासे किए। उसने बताया कि कैसे उसने बैंक अधिकारियों से सांठ-गांठ करके कालेधन को सफेद बनाने का खेल खेला। रोहित टंडन ने कबूल किया कि उसने कोटक महिंद्रा बैंक के ब्रांच मैनेजर आशीष कुमार को 51 करोड़ रुपये दिए थे। ईडी से पूछताछ में रोहित टंडन ने बताया कि बैंक के ब्रांच मैनेजर ने फर्जी नाम से 38 करोड़ रुपये का ड्राफ्ट भी बनाया था। फिलहाल बैंक के ब्रांच मैनेजर आशीष कुमार को साकेत कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की 5 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है।

कोलकाता का पारसमल लोढ़ा

कोलकाता का पारसमल लोढ़ा

कोलकाता के बिजनेसमैन पारसमल लोढ़ा पर प्रवर्तन निदेशालय ने शिकंजा कसा। ईडी की दिल्ली और कोलकाता टीमों ने लोढ़ा के घर और ऑफिस में छापेमारी की। इसके बाद इलाहाबाद बैंक स्थित लोढ़ा के लॉकर पर भी छापेमारी हुई। पारसमल लोढ़ा को कुछ दिन पहले ही 25 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हवाला कारोबारी पारसमल लोढ़ा को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। जांच के दौरान लोढ़ा का सियासी कनेक्शन भी सामने आया है। ईडी की छापेमारी में लोढ़ा के ठिकानों से स्विस बैंक अकाउंट की जानकारी मिलने का भी दावा किया जा रहा है। साथ ही उसके कंप्यूटर से भी कुछ नेताओं के नामों की जानकारी मिली है। इसका नाम दिल्ली के रोहित टंडन मामले से भी जुड़ा हुआ है।

ये भी पढ़ें:हर लिहाज से बेस्ट रहा विराट कोहली के लिए साल 2016

English summary
Black money holders in india who get jail in year 2016
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X