Exclusive: मुनव्वर राणा ने सुब्रह्मण्यम स्वामी को क्यों कहा 'NONSENSE'?
लखनऊ। बीते दिनों भाजपा नेता रहे दयाशंकर के द्वारा बसपा सुप्रीमों के संदर्भ में दिए विवादित बयान और उस पर बसपा कार्यकर्ताओं के द्वारा किए गए पलटवार पर वन इंडिया ने चर्चित साहित्यकार मुनव्वर राणा से बात की। दरअसल मुनव्वर राना असहिष्णुता, पुरस्कार वापसी मामले में चर्चा का विषय बन गए थे। जिसके बाद उनकी राजनीतिक प्रतिक्रियाओं को काफी तवज्जो दी जाती है।
ये प्राइम टाइम का अंधेरा नहीं साहब! शहादत का अंधेरा है
बातचीत के दौरान मुनव्वर राणा ने मामले पर सुब्रह्मण्यम स्वामी को नॉनसेंस समेत कई बातें कहीं। पेश है ये रिपोर्ट
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बयान दिया कि बहन, बेटी को पेश होना कहना गाली तो नहीं, इस पर आपका क्या कहना है?
हिंदुस्तान में सियासत जहां आ गई है, क्योंकि कहानी बहुत दूर से शुरू हुई है। असहिष्णुता, बिहार इलेक्शन, इखलाक के घर से लेकर आज तक सारी कहानियां तो वहीं हैं न। किसी के घर में शक हो गया कि गऊ माता बतायी जा रही है, वहां पुलिस आए, केस को साबित करें। ये नहीं कि कुछ हजार लोग जाएं और मार डालें। ये भी तो गाली हो गई।
जैसे इसके ''बाप'' ने वोट देने का हक दिया था मुसलमानों को - मुनव्वर राणा
वन इंडिया के साथ बातचीत के दौरान साहित्यकार मुनव्वर राणा ने कहा कि इस तरह के जो हंगामे होते हैं या जैसे आप देखें भाजपा के बेलगाम लीडर दिन-रात कहते हैं कि सारे मुसलमान पाकिस्तान भेज दिए जाएं, एक कोई स्वामी है नॉनसेंस जो कहता है कि मुसलमानों से वोट देने का हक छीन लिया जाए। जैसे इसके बाप ने हक दिया था मुसलमानों को। तो इस तरह की जब बेलगाम लीडरी शुरू हो जाएगी सियासत में तो उस पर आप किसी को कुछ नहीं कर सकते हैं। क्योंकि यदि किसी एक को कहेंगे तो हो जाएगा कि आपकी ज्यादती लड़ाई है।
'समाज प्रदूषित हो गया है'
हम समाज के लिए बोलते हैं, समाज के खिलाफ बोलते हैं, हमारे निशाने पर लीडर नहीं है। हमारा समाज इतना प्रदूषित हो गया है कि कोई किसी को मां की गाली दे दे और उसकी मां उसको जूती से न मारे, किसी को बेटी की गाली दे दे उसकी बेटी उसे जूती से न मारे।
हिंदुस्तान की जमीं में दफन करना होगा
कहने का मतलब ये है कि हम वहीं मुल्क देखना चाहते हैं सीधा-सीधा, सच्चा-सच्चा, अच्छा-अच्छा, पूरा-पूरा.......ये गाली आपने मुझे दी, मैंने आपको दी या आपको मैंने दी, आपने मुझे दी। गाली के जवाब में तो गाली ही होती है। पत्थर के जवाब में पत्थर झेलते हैं। फिरकापरस्ती के जवाब में फिरकापरस्ती होती है। तो इन सब चीजों को जब तक दफन नहीं किया जाएगा हिंदुस्तान की जमीं में....सब खराब हो रहा है।
सरकारों को होशियार होना जरूरी है
बहुजन समाज का हंगामा हुआ, फिर भाजपा का हंगामा हुआ। अगर बजाए मुलायम सिंह के कोई दूसरी हुकूमत होती तो इसे कम्यूनल करा दिया जाता। हिंदू मुस्लिम शुरू हो जाता। राज्य हो या फिर केंद्र होशियार होना चाहिए। सियासत करने के लिए आदमी मंत्री नहीं बनता मदद करने के लिए मंत्री बनाता है।