7200 करोड़ रुपए खर्च कर एचएएल बनेगी दुनिया की टॉप-20 कंपनी
बेंगलुरु। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल के चेयरमैन डॉक्टर आरके त्यागी जिनहोंने अपने कार्यकाल में एचएएल को शायद नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया, मानते हैं कि कंपनी अपनी प्रगति के रास्ते पर अग्रसर है। डॉक्टर त्यागी ने रिटायर होने से पहले वनइंडिया के साथ एक खास बातचीत में मेक इन इंडिया और देश के पहले लाइट कॉम्बेट जेट तेजस के बारे में कई बातें कीं।
वर्ष 2019 तक एचएएल महारत्न कंपनी
डॉक्टर त्यागी की मानें तो एचएएल में इतनी क्षमता है कि वर्ष 2019 तक उसे देश की महारत्न कंपनी का दर्ज मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके तीन वर्षों के कार्यकाल में उन्हें कम से कम विवादों का सामना करना पड़ा है। लेकिन इसके बाद भी उनके विरोधी लगातार कहते हैं कि उन्होंने जो कुछ भी किया उससे ज्यादा कर सकते थे।
इस बात से भी इंकार नहीं करते हैं कि कम संसाधन और कम समय के अंदर उनसे जो कुछ हो सकता उन्होंने वह किया और कभी भी अपने फैसले को लेने से न तो हिचकिचाए और न ही पीछे हटे। उनका कहना है कि अगर यह इसी तरह से काम करती रही हो अगले कुछ वर्षों के अंदर ही यह दुनिया की टॉप-20 एरोस्पेस और डिफेंस कंपनियों का हिस्सा बन सकेगी।
मॉर्डनाइजेनशन के लिए 7200 करोड़
उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि एचएएल बोर्ड की ओर से 7200 करोड़ का एक प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव में कंपनी को मॉर्डनाइजेशन के सभी सिस्टम से लैस करने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
त्यागी ने कहा कि आज कोई भी कंपनी सिर्फ तभी अपना अस्तित्व बचा सकती है जब उसके प्रॉडक्ट्स बेस्ट क्वालिटी के होंगे। इसके अलावा टाइम मैनेजमेंट भी काफी अहम है। वह मानते हैं कि माडॅर्न दौर की टेक्नोलॉजी के साथ बेस्ट क्वालिटी प्रॉडक्ट्स को लोगों के बीच लाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान उन्होंने मैन्यूफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी में निवेश के लिए जरा भी समय व्यर्थ नहीं किया।
हर प्रॉडक्ट से सीखा सबक
डॉक्टर त्यागी के मुताबिक कंपनी ने अपने हर प्रॉडक्ट चाहे वह हॉक का सफल उत्पादन हो या फिर तेजस सिरीज का उत्पादन हो, उससे कोई न कोई सबक जरूर सीखा है। वह कहते हैं कि अच्छा काम करने की आदत को हर किसी के बीच लेकर जाना होगा। हॉक के प्रॉडक्शन को वह एचएएल के लिए एक अहम उपलब्धि करार देते हैं।
उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि रक्षा मंत्रालय को कंपनी की ओर से अनुरोध किया गया है कि तेजस के उत्पादन को दोगुना कर दिया जाए और साथ ही और ज्यादा से ज्यादा ऑर्ड्स लिए जाएं।
भविष्य के लिए साहसिक फैसले
जानकार मानते हैं कि एचएएल के चेयरमैन के तौर पर त्यागी का कार्यकाल एचएएल मैनेजमेंट के साहसिक फैसलों में से माना जाएगा। एचएएल के बारे में यह धारणा बन गई थी कि कंपनी सेनाओं की क्षमता के लिए जरूरी उत्पादों को तैयार करने में असमर्थ है।
डॉक्टर त्यागी बताते हैं कि उन्होंने कई बार साहसिक फैसलों को घमंड में लिए गए फैसलों के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। इंडियन एयरफोर्स के साथ ही बाकी सेनाएं भी एचएएल की अहम उपभोक्ता हैं।
वह मानते हैं कि इनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कंपनी को आउट ऑफ द बॉक्स सोचना होगा लेकिन जब कभी भी कंपनी की ओर से कोई साहसिक या बड़ा फैसला लिया जाता है, विरोध होने लगता है।
तेजस बनाएगा नया कीर्तिमान
डॉक्टर त्यागी के मुताबिक एचएएल की ओर से तैयार किए गए लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव और रुद्र ने एचएएल को अंतराष्ट्रीय बाजार में एक नई पहचान दिलाई। एचएएल ने तय समय के अंदर हॉक का उत्पादन किया और तय समय के अंदर ही इसकी डिलीवरी करके एक नया रिकॉर्ड बनाया।
उस समय किसी ने भी कंपनी की तारीफ तक नहीं की। लेकिन अब वह मानते हैं कि पूरी तरह से देश में निर्मित लाइट कॉम्बेट जेट तेजस एक नया कीर्तिमान बनाएगा।
साथ ही साथ वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम मेक इन इंडिया को सही मायनों में पूरा करेगा। उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि पीएम मोदी की मेक इन इंडिया की मुहिम को एचएएल ज्यादा तेजस का निर्माण करके सफल बनाएगी।