क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ओबामा का कुबूलनामा मोदी की एक बड़ी डिप्‍लोमैटिक जीत

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। जो अमेरिका एक दशक पहले नरेंद्र मोदी को वीजा देने से इंकार कर रहा था, शुक्रवार को उसके राष्‍ट्रपति ने एक ऐसा कदम उठाया जिससे मोदी विरोधी चारों खाने चित्‍त हो गए। नरेंद्र मोदी की ओर से गणतंत्र दिवस की परेड के मौके पर ओबामा को बतौर चीफ गेस्‍ट एक निमंत्रण भेजा गया था। ओबामा ने भी कुछ ही पलों में मोदी के इस आमंत्रण को स्‍वीकार कर लिया।

Big-diplomatic-win-for-modi

जनवरी में मोदी ओबामा की चौथी मुलाकात

मोदी और ओबामा के बीच सितंबर से लेकर अब तक तीन बार मुलाकात हो चुकी हैं। सितंबर में जहां मोदी अपनी पहली अमेरिकी यात्रा के दौरान ओबामा से मिले तो इसके बाद वह म्‍यांमार में ओबामा से मिले और फिर सिडनी में दोनों मिले। म्‍यांमार में जब ओबामा मोदी से मिले तो उन्‍होंने मोदी को मैन ऑफ एक्‍शन करार दिया। बताया जा रहा है मोदी ने म्‍यांमार में ही ओबामा को भारत आने का न्‍यौता भेजा था।

दो उपलब्धियां, राष्‍ट्रपति एक

मोदी के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी डिप्‍लोमैटिक जीत साबित हो गया है। बराक ओबामा न सिर्फ पहले ऐसे अमेरिकी राष्‍ट्रपति हैं जो गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्‍य अतिथि बनकर भारत आएंगे बल्कि वह पहले ऐसे अमेरिकी राष्‍ट्रपति भी बन गए हैं जो दो बार भारत का दौरा करेंगे।

गौरतलब है कि ओबामा इससे पहले नवंबर 2010 में भारत की यात्रा पर आए थे। यह उपलब्धि कहीं न कहीं प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी के खाते में जाएगी।

मोदी का न्‍यौता स्‍वीकार तो शरीफ से इंकार

जैसे ही ओबामा ने अपने इस दौरे के बारे में पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बताया उन्‍होंने ओबामा को याद दिलाया कि वर्ष 2013 में वाशिंगटन आकर उन्‍होंने भी ओबामा को पाक आने का आमंत्रण दिया था।

अमेरिका का रवैया पाक के लिए बदल रहा है। नवाज शरीफ के निमंत्रण से अलग हाल ही में अमेरिका ने पूर्व अमेरिकी डिप्‍लोमैट आर राफेल के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ा दिया है। इसके अलावा सितंबर में यूनजीए के दौरान भी नवाज शरीफ और ओबामा की कोई व्‍यक्तिगत मुलाकात नहीं हुई थी।

कमजोर कार्यकाल से अप्रभावी मोदी

सूत्रों की मानें तो ओबामा को भारत बुलाने का आइडिया मोदी का ही था। हाल ही में अमेरिका कांग्रेस के लिए मध्‍यावधि चुनाव हुए थे। इन चुनावों में ओबामा की डेमोक्रेटिक पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था। लेकिन मोदी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। मोदी अपनी बात पर अडिग थे कि अगर ओबामा भारत आते हैं तो दोनों देशों में एक नई करीबी और रिश्‍तों में नई गर्माहट आएगी।

मोदी से मिले कई नेता

मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं तब से वह ब्राजील गए ब्रिक्‍स गए, जापान के पीएम शिंजो एबे से मिले, चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग भारत तो उनसे पहले ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने भारत का दौरा किया।

अब दिसंबर में रूस के राष्‍ट्रपति ब्‍लादीमिर पुतिन भारत का दौरा कर सकते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो नया डेवलपमेंट मोदी के लिए एक बड़ी सफलता है क्‍योंकि ओबामा कोई भी आमंत्रण स्‍वीकार करने से पहले काफी विचार करते हैं।

डब्‍लूयटीओ में भारत की जीत

भारत को इससे पहले जी20 समिट से पहले डब्‍लूयटीओ में फंसे उस पेंच को सुलझाने की सफलता भी मिली तो फूड सब्सिडी से जुड़ा हुआ था। वर्ष 2013 से इस मुद्दे पर भारत का गतिरोध जारी था लेकिन अन्‍तत: जीत भारत की ही हुई।

चीन के प्रभाव से परेशान ओबामा

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की मानें तो भारत, अमेरिका के लिए एक बड़ा बाजार तो है ही साथ ही साथ इस देश के साथ बेहतर संबंध वाशिंगटन के लिए फायदेमंद साबित होने वाले हैं। अमेरिका एशिया में चीन के बढ़ते प्रभुत्‍व से खासा परेशान है और इसे कम करने के लिए वह भारत के साथ आ सकता है।

Comments
English summary
Narendra Modi's invite to US President Barack Obama big diplomatic win for Modi as a PM.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X