जब विधानसभा में अपने अपमान का बदला लेने के लिए 'द्रोपदी' बनी थीं जयललिता
महाभारत की द्रोपदी की तरह सीएम जे. जयललिता ने भी साल 1989 में तमिलनाडु विधानसभा में अपने अपमान के एवज में एक कठोर प्रतिज्ञा की थी।
चेन्नई। तमिलनाडु की सीएम जयललिता की छवि एक जुझारू महिला के रूप में हमेशा लोगों के बीच रही है, जिन्होंने जीवन की हर चुनौती का डटकर सामना किया और हर लड़ाई जीती।
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नॉन राजनैतिक बैकग्राउंड से आज तमिलनाडु की सत्ता पर शासन करने वाली जयललिता ने एक बार राज्य की विधानसभा में पुराने इतिहास को लिख दिया था। अक्सर लोग महाभारत की 'द्रोपदी' की बात करते हैं कि उन्होंने अपने चीरहरण यानी की अपमान का बदला लेने के लिए प्रतिज्ञा की थी कि जब तक वह दुशासन के खून से अपने बाल नहीं धोएगींं, तब तक वह अपने बाल नहीं बांधेगींं।
सीएम जे. जयललिता ने भी साल 1989 में ली थी एक प्रतिज्ञा
ठीक उसी तरह से सीएम जे. जयललिता ने भी साल 1989 में तमिलनाडु विधानसभा में अपने अपमान के एवज में प्रतिज्ञा की थी कि वो तब तक यहां कदम नहीं रखेंगी, जब तक ये सदन महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं हो जाता।
क्या था मामला
बात 1989 की है, जब विपक्ष की नेता जयललिता ने स्पीकर से कहा कि मुख्यमंत्री करूणानिधि के उकसाने पर पुलिस ने उनके फोन को टैप किया है इसलिए इस पर बहस होनी चाहिए लेकिन उस दिन बजट पेश होना था इसलिए स्पीकर ने कहा कि वे इस मुद्दे पर बहस की अनुमति नहीं दे सकते क्योंकि बजट पेश किया जा रहा है लेकिन एआईडीएमके के नेता इस बात पर गुस्सा हो गए और स्पीकर के सामने हल्ला मचाने लग गए।
बजट भाषण फाड़ दिया गया और हंगामा मच गया
बहस काफी बढ़ गई, बजट भाषण फाड़ दिया गया और हंगामा मच गया, जिसे देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया लेकिन इसके बाद जैसे ही जयललिता सदन से निकलने के लिए तैयार हुईं, डीएमके के एक सदस्य ने उन्हें रोकने की कोशिश की, उसने उनकी साड़ी इस तरह से खींची कि उनका पल्लू गिर गया।
अपने अपमान के लिए बनी थीं 'द्रोपदी'
जयललिता सबके सामने ज़मीन पर गिर पड़ीं और उसके बाद उन्होंने कसम खाई कि वो यहां तभी कदम रखेंगी जब वो महिलाओं के लिए सुरक्षित हो जाएगा। जयललिता के साथ ये शर्मनाक हरकत करने वालों को एआईडीएमके के नेताओं ने काफी पीटा था और इसके बाद जयललिता सीएम बनकर ही विधानसभा भवन पहुंची थीं।