एमसीडी चुनाव: 2020 में दिल्ली की जंग हुई रोमांचक, बीजेपी और AAP में होगी करारी टक्कर?
दिल्ली एमसीडी चुनाव के नतीजे पर कहीं न कहीं पंजाब और गोवा में आम आदमी पार्टी की हार और यूपी में बीजेपी की शानदार जीत का असर नजर आया।
नई दिल्ली। दिल्ली एमसीडी चुनाव के नतीजे से ठीक दो हफ्ते पहले बीजेपी के एक नेता और पुरानी दिल्ली एक पूर्व पार्षद ने कहा था कि भले ही गोवा और पंजाब में आम आदमी पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली हो, लेकिन दिल्ली में बीजेपी की जीत आसान नहीं होगी। हालांकि अब दिल्ली एमसीडी चुनाव के नतीजे सबके सामने हैं। इस चुनाव में जहां बीजेपी ने अपने शानदार प्रदर्शन से दिल्ली की सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी को करारा झटका दिया है, वहीं कांग्रेस को तीसरे नंबर पर ढकेल दिया है।
एमसीडी चुनाव में क्यों हारी आम आदमी पार्टी?
दिल्ली की जनता ने जिस तरह से एमसीडी चुनाव में अपना फैसला दिया है उससे आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यों को करारा झटका लगा है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मेहनत और विधायकों की ओर से किए गए कार्य, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सरकार के कार्यों को दिल्ली की जनता ने अनसुना कर दिया। इसी के साथ दिल्ली में आम आदमी पार्टी के मजबूत होने की धारणा भी फेल होती नजर आई।
बीजेपी बनाम AAP होगी 2020 की जंग?
दिल्ली एमसीडी चुनाव के नतीजे पर कहीं न कहीं पंजाब और गोवा में आम आदमी पार्टी की हार और यूपी में बीजेपी की शानदार जीत का असर नजर आया। यूपी के बेहद करीब होने की वजह से दिल्ली के वोटरों पर यूपी के नतीजों का असर साफ दिखाई दिया। कुल मिलाकर बीजेपी लगातार जीत की ओर बढ़ रही है। पार्टी ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों में जीत दर्ज की। एग्जिट पोल में भी बीजेपी की जीत के दावे सामने आ रहे थे। वैसा ही कुछ नतीजों में नजर आया।
कहां फेल हुई आम आदमी पार्टी की रणनीति
आम आदमी पार्टी के परेशानी की बात इसलिए भी है कि क्योंकि एमसीडी चुनाव में इस बार कई ऐसी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की जहां आम आदमी पार्टी काफी मजबूत थी। इनमें दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की पटपड़गंज विधानसभा सीट शामिल है। पार्टी ने एमसीडी चुनाव में यहां शानदार जीत दर्ज की। इसके अलावा कृष्णानगर सीट पर भी पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की। यहां से किरण बेटी 2015 में हार गई थी। उन्हें आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने हराया था।
कई सीटों पर मजबूत हुई बीजेपी
कुल मिलाकर बीजेपी ने इस चुनाव में 2012 के मुकाबले कई सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत बनाते हुए बढ़त बनाई है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की बात करें तो यहां पार्टी 2012 में 44 सीटें जीती थी लेकिन इस बार आंकड़ा 60 पहुंच गया। इस क्षेत्र में 2015 के चुनाव में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीती थी। माना जा रहा है कि इन नतीजों का सीधा फायदा विधानसभा चुनाव होगा।
इस दांव का बीजेपी को मिला सीधा फायदा
बीजेपी की जीत में पार्टी की खास रणनीति का भी अहम रोल रहा। पार्टी ने पूर्वांचल के वोटरों को लुभाने के लिए खास तौर मनोज तिवारी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। मनोज तिवारी बीजेपी सांसद के साथ-साथ जाने-माने भोजपुरी गायक भी है। उनके अध्यक्ष बनाने का फायदा पार्टी को हुआ। इसका असर एमसीडी चुनाव में भी दिखाई दिया।
AAP को अपनी रणनीति पर फिर विचार की है जरूरत?
कुल मिलाकर बीजेपी की ये जीत कहीं न कहीं दिखाती है कि आम आदमी पार्टी अंदर ही अंदर पहले से काफी कमजोर हुई है। इसी के साथ ये भी माना जा रहा है कि 2020 में विधानसभा चुनाव का मुकाबला काफी कांटे का हो सकता है। जिसमें आम आदमी पार्टी और बीजेपी में बड़ी जंग देखने को मिल सकती है। वैसे भी बीजेपी पिछले दो दशक से दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली है।
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