सावधान! दिल्ली में हर 15 मिनट में गायब हो रही है एक कार, स्टडी से हुआ खुलासा
नई दिल्ली। कार के शौकीनों के लिए देश की राजधानी बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। पुलिस की ओर से की गई ताजा स्टडी के मुताबिक, दिल्ली में हर 15 मिनट में एक कार या तो चोरी हो रही है या फिर छीनी जा रही है। हर महीने कम से कम 100 वाहन चोरी हो रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि इस साल जितने वाहन चोरी हुए हैं उनकी संख्या साल 2011 में चोरी हुए कुल वाहनों की संख्या से दोगुनी है। अधिकारियों ने बताया कि वाहनों की चोरी में जिस तेजी से इजाफा हुआ है, रिकवरी उतनी ही धीमी हुई है। वाहनों की रिकवरी में 13 फीसदी की गिरावट आई है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी वारदातें इसलिए भी बढ़ रही हैं क्योंकि राजधानी में गाड़ियां बढ़ रही हैं और पार्किंग स्पेस कम है।
पढ़ें: कर्ज उतारने के लिए बना लिया कार चोरी का गैंग
सबसे
ज्यादा
चोरियां
इस
इलाके
में
स्टडी
में
यह
भी
पता
चला
है
कि
ईस्ट
दिल्ली
में
चोरी
की
सबसे
ज्यादा
वारदाते
हो
रही
हैं।
जुलाई
में
ईस्ट
जिले
में
वाहन
चोरी
के
517
मामले
सामने
आए,
तो
बाहरी
दिल्ली
में
492
और
पश्चिम
दिल्ली
में
478
मामले
दर्ज
किए
गए।
यह
भी
पता
चला
कि
जिन
वाहनों
की
रिकवरी
हुई
उनमें
से
70
फीसदी
दो
पहिया
वाहन
थे।
पुलिस
ने
बताया
कि
हैचबैक
और
सेडान
और
एसयूवी
कारों
पर
चोरों
की
नजर
सबसे
ज्यादा
होती
है।
हालांकि
एसयूवी
को
उठाना
आसान
नहीं
होता।
ऐसे
हो
रही
हैं
चोरियां
पुलिस
के
मुताबिक,
वाहन
चोरी
में
शामिल
गिरोह
अंधेरा
होते
ही
सक्रिय
होते
हैं
और
उन
इलाकों
को
निशाना
बनाते
हैं
जहां
पार्किंग
एरिया
ज्यादा
उपलब्ध
नहीं
है।
वे
या
तो
मास्टर
की
का
इस्तेमाल
करते
हैं
या
फिर
लॉक
तोड़
देते
हैं।
जबकि
दो
पहिया
वाहनों
में
वो
सीधे
हैंडल
लॉक
तोड़ते
हैं।
पढ़ें: देश के सबसे बड़े कार चोर से ताल्लुक रखने पर कांग्रेस MLA गिरफ्तार
फर्जी
केस
भी
दर्ज
कराए
गए
दिल्ली
पुलिस
के
डीसीपी
(साउथ
वेस्ट)
सुरेंदर
कुमार
ने
बताया
कि
ज्यादातर
चोरियां
रात
में
9
बजे
से
सुबह
6
बजे
के
बीच
हुई
हैं।
इस
दौरान
पुलिस
की
पेट्रोलिंग
कम
होती
है।
उन्होंने
कहा,
'हमने
डाटा
जुटाया
और
उसके
आधार
पर
छापेमारी
की।
इस
दौरान
हमने
283
वाहनों
की
रिकवरी
की।
साथ
ही
यह
भी
पता
चला
कि
कार
चोरी
के
64
फर्जी
मामले
भी
दर्ज
कराए
गए
थे।'
55
फीसदी
चोर
पहली
बार
अपराध
करने
वाले
पुलिस
ने
बताया
कि
55
फीसदी
वाहन
चोर
पहली
बार
यह
अपराध
करने
वाले
होते
हैं।
वह
जरूरतें
पूरी
करने
के
लिए
एक
साथ
मोटी
रकम
कमाने
की
लालच
में
ऐसा
करते
हैं।
इनमें
कॉलेज
स्टूडेंट,
आईटी
प्रोफेशनल
भी
शामिल
हैं।