चिकनगुनिया से पांच मौतों के बाद जागी दिल्ली सरकार, दिए जांच के आदेश
नई दिल्ली। उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच प्रशासन को लेकर छिड़ी जंग का नुकसान आम जनता को उठाना पड़ रहा है। राजधानी दिल्ली में चिकनगुनिया की वजह से पांच लोगों की मौत के बाद आखिरकार सरकार की नींद खुली है। सरकार ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
सोमवार तक सर गंगाराम अस्पताल में चिकनगुनिया की वजह से मौत के चार मामले सामने आए, जबकि हिंदू राव अस्पताल में भी 22 साल की एक युवती की मौत हुई। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, 'चिकनगुनिया की वजह से मौत के चार मामले निजी अस्पताल में मिले हैं, किसी भी सरकारी अस्पताल में मरीज की मौत का कोई मामला नहीं है।'
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गोवा
में
प्रचार
में
व्यस्त
थे
स्वास्थ्य
मंत्री
गोवा
में
आम
आदमी
पार्टी
के
प्रचार
में
व्यस्त
सत्येंद्र
जैन
मंगलवार
को
ही
वापस
लौटे
थे।
देर
रात
तक
उन्होंने
करीब
10
अस्पतालों
का
निरीक्षण
किया।
इसकी
जानकारी
उन्होंने
खुद
ट्वीट
करके
दी।
जैन
ने
कहा,
'दिल्ली
सरकार
के
अधीन
आने
वाले
10
अस्पतालों
का
दौरा
किया।
हर
जगह
डेंगू
और
चिकनगुनिया
के
इलाज
के
लिए
सुविधाएं
बेहतर
हैं।
घबराने
की
कोई
जरूरत
नहीं
है।'
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'रोज
होती
हैं
200
मौतें,
उस
पर
क्यों
चुप्पी'
इसके
पहले
एक
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
में
उन्होंने
कहा
कि
चिकनगुनिया
से
मौत
नहीं
होती।
मीडिया
बिना
वजह
मामले
को
तूल
दे
रहा
है।
जैन
ने
कहा,
'दिल्ली
में
रोजाना
200
लोगों
की
मौत
होती
है,
उस
पर
कोई
कुछ
क्यों
नहीं
बोलता।'
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दिल्ली
किसके
भरोसे?
स्वास्थ्य
मंत्री
ने
कहा
कि
कि
दिल्ली
सरकार
के
पास
मात्र
40
फीसदी
बेड
हैं
जिन्हें
मरीजों
को
दिया
जा
सकता
है।
साथ
ही
हमने
किसी
भी
मरीज
को
अस्पताल
में
भर्ती
होने
के
लिए
बेड
देने
से
मना
नहीं
किया
है।
चिकनगुनिया
के
मामलों
से
निपटने
के
लिए
हम
तेजी
दिखा
रहे
हैं।
जब
स्वास्थ्य
मंत्री
सत्येंद्र
जैन
से
पूछा
गया
कि
दिल्ली
किसके
भरोसे
हैं?
तो
उन्होंने
जवाब
देते
हुए
कहा
कि
दिल्ली
मोदी
और
एलजी
के
भरोसे
है।