भरोसेमंद नहीं हैं बैंकों के ATM, पिछले चार साल में खूब उगले जाली नोट
भरोसेमंद नहीं बचे हैं बैंकों के एटीएम, पिछले साढ़े तीन साल के आंकड़े चौंकाने वाले हैं, बड़ी संख्या में एटीएम से निकले हैं जाली नोट
नई दिल्ली। नोटबंदी के दौर में एक तरफ आप जहां बैंकों और एटीएम पर भरोसा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ इस बात को भी समझना होगा कि एटीएम आपको हमेशा भरोसे में नहीं रखता है। पिछले साढ़े तीन साल के एटीएम के आंकड़े आपका एटीएम से भरोसा उठा देंगे।
ये हैं पिछले साढ़े तीन साल के आंकड़े
पिछले साढ़े तीन साल के आंकड़ों पर नज़र डालें तो 19 लाख रुपए अलग-अलग नोट जाली एटीएम से निकले हैं जिनकी कीमत 14.97 करोड़़ रुपए है। आरबीआई की एक रिपोर्ट में बैंकों और एटीएम ने इस बात का खुलासा किया है कि बैंकिंग सिस्टम में भी जाली नोट हैं।
भरोसेमंद नहीं रहे एटीएम
हाल ही में हुए नोटबंदी के फैसले के बाद बैंकों से 5.42 लाख 100 के जाली नोट जिसकी कीमत 54.21 करोड़, 8.26 लाख 500 रुपए के नोट जिसकी कीमत 42.8 करोड़ और 4.7 लाख 1000 रुपए के नोट जिसकी कीमत 47 करोड़ रुपए है वह बैंकिंग माध्यमों से निकले हैं।
बेंगलुरू में एटीएम से निकले थे 9 नकली नोट
अक्टूबर 2008 में एक एलआईसी कर्मचारी को 9 जाली 500 रुपए के नोट मिले जब उसने केनरा बैंक के एटीएम से 5000 रुपए निकाले, यह घटना बेंगलुरू के रेलवे स्टेशन के पास की है।
जब राजू बेलगाम का टिकट बुक कराने गए तो रेलवे के क्लर्क ने कहा कि यह नोट जाली है, लेकिन राजू ने विरोध जताते हुए कहा कि यह सही नोट हैं और उसने यह नोट एटीएम से निकाले हैं जिसकी उसके पास रसीद भी है।
क्या कहता है कानून
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि कानून के लिहाज से अगर एटीएम से 1 जाली नोट निकला है तो बैंक उसे रख लेता है लेकिन चार से अधिक नोट निकले तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।
क्या है बैंक का नियम
आरबीआई की गाइडलाइन पर नजर डालें तो इसके अनुसार बैंकों के पास करेंसी चेक करने के लिए मशीन रखने का नियम है। एटीएम में पैसे डालने से पहले उसे चेक करना अनिवार्य है।
एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी की मानें तो इस समस्या के लिए आउटसोर्सिंग पर निर्भरता और कर्मचारियों की कमी को जिम्मेदार ठहराया जाता है। बैंक नोटों की मशीन से जांच करने की बजाए उसे सरसरी निगाहों से चेक किए जाते हैं।