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हरीश रावत के पीए और शराब कारोबारी का स्टिंग होगा दफन

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नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हरीश रावत के सचिव के स्टिंग आपरेशन में जिस बड़े घोटाले के पर्दाफाश होने की संभावना लग रही थी, उसका भी कोई नतीजा निकलने की संभावना नहीं लगती।

मुख्यमंत्री हरीश रावत आरोप लगा रहे हैं कि उनके सचिव का शराब व्यापारी के साथ हुए स्टिंग को भाजपा ने कराया। वहीं भाजपा आरोप लगा रही है कि मुख्यमंत्री की शह पर ही यह सब घोटाले हो रहे है। यह संभव है कि मुख्यमंत्री के सचिव का स्टिंग आपरेशन भाजपा की शह पर हुआ हो।

वरिष्ठ लेखक डी.श. रावत मानते हैं कि इस बात की पूरी संभावना है कि भाजपा व कांग्रेस के राज में हुए तमाम घोटालों की तरह ही यह मुख्यमंत्री के सचिव का स्टिंग प्रकरण भी भाजपा व कांग्रेस में छिडी आरोप प्रत्यारोप की जंग में दफन हो जायेगा।

बेनकाब करने की कोशिश

जानकार कहते हैं कि राजनीतिक दल विरोधियों को बेनकाब करने के लिए इस प्रकार के तिकडम करते है। उनका इरादा भ्रष्टाचार आदि रोकना नहीं अपितु किसी प्रकार सत्ता पर काबिज होना होता है।

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पद पर रहने का नहीं हक

परन्तु मुख्यमंत्री के सचिव तो भाजपा के नहीं थे। वे जिस प्रकार की बातें इस स्टिंग आपरेशन में कह रहे थे उसके बाद एक पल के लिए भी उनको भारतीय प्रशासनिक सेवा में रखना देख के हितों से खिलवाड नहीं है? या भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना नहीं है।

ऐसे अधिकारियों के पूरे कार्यकाल की जांच की जानी चाहिए। वहीं शराब सरकार बेचे या माफिया दोनों प्रदेश को शराब का गटर बनाने का ही काम करेंगे। इसलिए मुख्यमंत्री को जनहित में इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।

जनहितों को रौंदना

इसका एक कारण यह भी है भाजपा व कांग्रेस दोनों एक दूसरे के भ्रष्टाचारों को उठाते तो हैं विपक्ष में रह कर परन्तु जैसे ही सत्तासीन होते हैं कोई कार्यवाही नहीं करते। यह कुल मिला कर जनहितों को रौंदने का ही कार्य करते है।

अगर कांग्रेस सरकार व भाजपा सरकार जिन स्टर्डिया, कुम्भ, कांग्रेस शासन में हुए घोटाले, गैरसैंण राजधानी रोकने का घोटाला और मुजफरनगर काण्ड के अपराधियों को संरक्षण देने सहित तमाम आदि घोटालों पर ईमानदारी से अपने कार्यकाल में जांच करते और दोषियों को सजा दिलाते तो प्रदेश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता। परन्तु ये तो घोटाले उठा कर जनता के जख्मों को कुरेदने का काम तो करते है परन्तु उन जख्मों पर कडी कार्यवाही का मरहम नहीं लगाते।

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English summary
Sensational sting of Uttrakhand to be buried. Right now, both Congress and BJP are making charges against each-other. Harish Rawat’s PA is involved in the matter.
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